क्रिकेट के खेल में मैदान पर जारी गतिविधि का सबसे बड़ा और अहम किरदार होता है अंपायर। क्रिकेट के नियम के मुताबिक अंपायर का निर्णय अंतिम निर्णय होता है।
हालांकि अंपायर भी एक मानव ही है और गलती उनसे भी हो सकती है। कई बार मैदान पर अंपायर के विवादित बयान को खिलाड़ी इग्नोर कर देते हैं, तो कई बार जिरह भी कर बैठते हैं।
किसी भी टीम के कप्तान की ये जिम्मेदारी होती है, जो मैदान पर उभरे मसलों पर अंपायर से अपनी बात रख सकता है। लेकिन कई ऐसे मौके आये हैं, जब कई बार कप्तान अंपायर से बहस कर बैठे हों।
हम आपको 5 ऐसे मौकों के बारे में बता रहे हैं, जब कप्तान और अंपायर में तीखी बहस हुई:
माइक गैटिंग, 1987
दिसम्बर 1987, पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच फैसलाबाद में दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड के कप्तान माइक गैटिंग पाकिस्तान के अंपायर शकूर राना से बुरी तरह भिड़ गये थे। ये क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी तीखी नोकझोंक मानी जाती है।
फैसलाबाद में हुए इस टेस्ट मैच के दूसरे दिन इंग्लैंड के 292 रन के जवाब में पाकिस्तान के 106 रन पांच विकेट गिर चुके थे। दिन का खेल खत्म होने में 3 गेंदें और फेंकी जानी थी। इंग्लैंड के कप्तान ने एक रन रोकने के लिए डेविड कैपेल को डीप स्क्वायर लेग पर लगाया था।
गैटिंग के मुताबिक उन्होंने बल्लेबाज़ को इस बाबत बता दिया था। लेकिन राना जो स्क्वायर लेग पर खड़े थे, उन्होंने ये कहते हुए खेल रोक दिया कि गैटिंग चीटिंग कर रहे हैं। अंग्रेज कप्तान इस बात से काफी झल्ला गये।
दोनों ने एक दूसरे को अभद्र शब्द तो कहे ही साथ ही एक दूसरे को उंगिलयां दिखाकर भी बातें की। इन दोनों के बीच जो कुछ हुआ वह स्टंप माइक से दुनिया भर में प्रसारित हुआ। ये क्रिकेट इतिहास में अंपायर और कप्तान के बीच सबसे बुरी लड़ाई थी।