सचिन तेंदुलकर का करियर चोटों की मार से गुजरा है, जिसमें सबसे ज्यादा तकलीफ उन्हें टेनिस एल्बो के कारण हुई। सचिन ने खुद स्वीकार किया कि उन्हें बल्ला उठाने में बहुत दर्द हो रहा था और उन्हें इस बात का डर भी सता रहा था कि टेनिस एल्बो की वजह से उनके करियर का दुखद अंत न हो जाए। सचिन ए बिलियन ड्रीम्स फिल्म में भी सचिन ने ध्यान दिलाया कि एक ग्लास पानी के पकड़ने से भी उन्हें बहुत दर्द होता था। 2005 में उन्हें सैंट जॉन और सैंट एलिज़ाबेथ हॉस्पिटल में भर्ती किया गया जहां उनका इलाज हुआ। हालांकि, चोट उन्हें 2007 विश्व कप खेलने से नहीं रोक पाई। इसके बाद सचिन ने महानता का परिचय दिया और कड़ी मेहनत करके मैदान पर वापसी की। उन्होंने विश्व कप जीतने के अपने सपने को 2011 में पूरा किया। सचिन ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से साल 2013 में संन्यास ले लिया।