5 मौके जब क्रिकटर्स की जान बाल-बाल बची

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#4 मुरलीधरन सुनामी से बचे

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दक्षिण एशिया में आई सुनामी जिसमें 21,000 से ज्यादा लोगों की जान गयी उससे मुथैया मुरलीधरन बाल बाल बचे। मुरलीधरन अपने मैनेजर कुशील गुनसेक्रा के साथ गाले के दक्षिण तट पर थे। वें गरीब बच्चों में बल्ले बाँट रहे थे। बल्ले बांटने के लिए वें शहर से बाहर आये थे। जैसे ही उन्होंने शहर छोड़ा, सुनामी ने दस्तक दे दी। मुरलीधरन ने कहा,"मेरे और सुनामी में 20 मिनट का फासला था। मैं गाले से बाहर ही निकला था और इसलिए सुनामी से बच गया। लहरें करीब 20 मीटर (छह फुट) ऊँची थी और शहर के अंदर करीब 2 किलोमीटर आ गयी। उस शहर के कई क्रिकेटर्स है पता नहीं उनके परिवारवाले कैसे होंगे। मेरा मैनेजर भी बाल बाल बचा। उसका घर तबाह हो गया। गाले पूरी तरह से दुब चूका है। हर तरफ लोग चिल्ला रहे हैं। कई लोगों की मौत हुई और कई लापता हैं।" पिछले 100 सालों का यह पांचवा सबसे बड़ा भूकंप था। श्रीलंका, इंडोनेशिया, भारत, मालदीव्स, मलेशिया और अंडमान और निकोबार द्वीप भी सुनामी का शिकार हुए थे। उन्होंने कहा,"इसके पहले ऐसा कुछ श्रीलंका में नहीं हुआ। मैं बच्चों में बल्ले बांटे थे और बस शहर के बाहर निकला हुआ था। इसकी कोई सूचना नहीं दी गयी थी। बड़ी ही खराब स्तिथि थी ये।