5 मौके जब महेंद्र सिंह धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्टंप आउट हुए

Rahul
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भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में केवल 5वीं बार स्टंप आउट हुए। टीम के लिए एक विकेटकीपर के रूप में वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में 165 बल्लेबाजों को अपनी स्टंपिंग का शिकार बना चुके है लेकिन गुवाहाटी टी20 में वह 6 साल बाद खुद ही स्टंपिंग का शिकार हो गए। भारतीय टीम के लगातार विकेट गिरने के बाद पारी सम्भालने के लिए एमएस धोनी मैदान पर थे और 13 रन के निजी स्कोर पर स्टंप आउट होते ही वह भी पवेलियन की तरफ चल दिए। भारतीय टीम ने यह मैच खराब बल्लेबाजी के कारण 8 विकेट से गवां दिया। एमएस धोनी के अंतरराष्ट्रीय करियर में 5 बार स्टंपिंग आउट होने पर एक नजर : टी20 अंतरराष्ट्रीय बनाम ऑस्ट्रेलिया, गुवाहाटी 2017 बरसपारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 मैच की शुरुआत हुई। भारत टॉस हारा और पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिला। ऑस्ट्रलियाई तेज गेंदबाजी के आगे भारतीय बल्लेबाज बेबस नजर आये। भारतीय टीम का स्कोर 27 रन पर 4 विकेट था, तब टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी मैदान पर आये। केदार जाधव के साथ साझेदारी करते करते पारी के आधे ओवर तक स्कोर 60 रन पर 4 विकेट तक पहुंचाया लेकिन तभी एडम जाम्पा की उम्दा गेंदबाजी के सामने एमएस धोनी गच्चा खा गए और क्रीज से बाहर निकलते हुए टिम पेन की विकेटकीपिंग का शिकार हो गए। ऑस्ट्रेलिया ने इस विकेट के साथ मैच में अपना शिकंजा कसते हुए भारतीय टीम की पारी को 118 रन पर समेट दिया और लक्ष्य का पीछा करते हुए आसानी के साथ 8 विकेट से यह मुकाबला अपने नाम किया। एकदिवसीय मुकाबला बनाम वेस्टइंडीज, चेन्नई 2011 विश्वकप ss2 भारतीय टीम ने 28 साल बाद विश्व कप 2011 जीत कर इतिहास रच दिया था। इस विश्व कप के ग्रुप स्टेज मुकाबले में टीम के कप्तान एमएस धोनी वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय करियर में पहली बार स्टंपिंग का शिकार हुए। चेन्नई के एम ए चिंदबरम में खेले गये इस मुकाबले में युवराज सिंह के शतक की बदलौत भारतीय टीम ने अच्छा स्कोर खड़ा किया था। इस दौरान बल्लेबाजी करने आये धोनी को वेस्टइंडीज के लेग स्पिनर देवेन्द्र बिशू ने विकेटकीपर डेवन थॉमस के हाथों स्टंप आउट करवा दिया था। हालांकि भारतीय टीम ने यह मुकाबला आसानी के साथ अपने नाम किया और विश्वकप जीतने की राह एक एक कदम और आगे बढ़ाया था। टेस्ट मैच बनाम बांग्लादेश ढाका 2010 ss3 2010 के बांग्लादेश दौरे पर पहले टेस्ट में न खेलने के बाद दूसरे टेस्ट में कप्तान के रूप में धोनी ने वापसी की और टॉस हारने के बाद मेजबान बांग्लादेश टीम को 233 रनों पर ढेर कर दिया था। बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी रही। सलामी बल्लेबाजों के अर्धशतक के साथ सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ने शतक लगाये और टीम को मजबूत स्कोर तक पहुँचाया। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरे भारतीय टीम के कप्तान ने ताबड़तोड़ रन बनाने शुरू किये लेकिन शतक से केवल 11 रन दूर रहते हुए, रकीबुल हसन की गेंद को हिट करने के चक्कर में आगे बढ़ गए और बांग्लादेश के विकेटकीपर मुशफिकुर रहीम ने उन्हें स्टंप आउट कर दिया। धोनी ने इस मैच में 89 रन बनाये और टीम की जीत में अपना अहम योगदान दिया। टेस्ट मैच बनाम दक्षिण अफ्रीका, कानपुर 2008 ss4 भारत और दक्षिण अफ्रीका 2008 की सीरीज का तीसरा मैच कानपुर में खेला गया था। पहला मैच ड्रॉ और दूसरे मैच में बुरी तरह मिली हार के बाद भारतीय टीम के लिए इस मुकाबले को जीतना जरुरी था। पहली पारी में दक्षिण अफ्रीका को सस्ते में आउट करने के बाद भारतीय टीम की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही लेकिन पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की सूझबूझ भरी पारी की बदलौत टीम ने दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाजों का सामना डट कर किया। कप्तान धोनी ने भी गांगुली का साथ निभाया लेकिन 32 रनों के निजी स्कोर पर वह पॉल हैरिस की गेंद पर क्रीज से बाहर चले गए और तभी विकेटकीपर मार्क बाउचर ने उनकी गिल्लियां बिखेर दी। हालांकि भारतीय टीम ने इस मैच में जीत हासिल की और सीरीज को 1-1 से ड्रॉ करवा दिया था। टेस्ट मैच बनाम पाकिस्तान, फैसलाबाद 2006 a00f7-1507668250-800 अपने पहले पाकिस्तानी दौरे पर गए एमएस धोनी ने पहली पारी में ही अपना विस्फोटक अंदाज़ पाकिस्तान टीम को दर्शा दिया था। 2006 में खेली गई भारत-पाकिस्तान टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट के ड्रॉ होने के बाद दूसरे टेस्ट की पहली पारी में मेजबान पाकिस्तान ने मजबूत स्कोर खड़ा किया, जवाब में भारतीय टीम ने भी सधी हुई शुरुआत की लेकिन बल्लेबाजी करने आये युवा विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी ने अपने शतक की बदलौत भारत के स्कोर को पाकिस्तान के बड़े स्कोर के पार पहुंचा दिया। धोनी ने इरफ़ान पठान के साथ 200 रन से भी अधिक की साझेदारी की थी लेकिन अपनों पारी में तेजी लाने के लिए वह दानिश कनेरिया के गेंद को मैदान के बाहर भेजने के चक्कर में स्टंप आउट हो गए। धोनी ने इस मैच में 148 रनों की पारी खेली थी।