महेंद्र सिंह धोनी निश्चित ही सचिन तेंदुलकर के बाद भारत के सबसे चहेते क्रिकेटर्स में से एक हैं। भारत में ढूंढने से भी इनके जैसा विकेटकीपर बल्लेबाज़ नहीं मिलेगा। भारत के सीमित ओवर्स के कप्तान रांची से आते हैं। धोनी की गिनती भारत के सफल कप्तानों में होती हैं और उनकी कप्तानी में ऐसा कोई खिताब नहीं हैं, जो भारत ने ना जीता हो। धोनी भारत के सबसे सफल विकेटकीपर भी हैं। उन्हें सीमित ओवरों में बेस्ट फिनिशर का दर्जा भी प्राप्त है। नज़र डालते हैं 5 ऐसे मौकों पर जब धोनी ने अकेले ही अपनी टीम की बल्लेबाज़ी को संभाला: 5- 124 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया, नागपुर(2009) 28 अक्टूबर 2009 को भारत, ऑस्ट्रेलिया के साथ 5 मैचों की सीरीज़ का दूसरा मैच खेल रहा था, नागपुर में। ऑस्ट्रेलिया ने अच्छी विकेट पर टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाज़ी का न्योता दिया। शुरुआती ओवरों में उनका फैसला सही भी साबित हुआ। भारत ने अपने दोनों ओपनर वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर का विकेट जल्दी गवां दिया था। जब धोनी बैटिंग करने आए, तो भारत का स्कोर था 97-3। धोनी ने पहले गौतम गंभीर के साथ अच्छी साझेदारी की और फिर सुरेश रैना के साथ मिलकर टीम का स्कोर 354 रन तक पहुंचाया। धोनी ने अपनी पारी धीमे तरीके से शुरू की, लेकिन एक बार जब वो सेट हुए, तो उन्होने गेंदबाजों की धुनाई शुरू कर दी। आउट होने से पहले धोनी ने 107 गेंदों पर 124 रन बनाए और टीम को एक बड़े स्कोर की तरफ ले गए। धोनी ने अपनी पारी में 9 चौके और 3 बड़े छक्के लगाए, उनका स्ट्राइक रेट भी 115.88 का रहा। भारत ने वो मुक़ाबला 90 रन से जीता था और धोनी मैन ऑफ द मैच चुने गए। 4- 148* बनाम पाकिस्तान, विशाखापटनम(2005) भारत और पाकिस्तान के बीच दूसरा वनडे खेला गया, 5 अप्रैल 2005 को विशाखापटनम में। भारत के कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर, पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया। इस मैच को काफी समय तक याद किया जाएगा , क्योंकि इसी मैच ने धोनी के करियर को उड़ान दी थी। भारत को तीसरे ओवर में ही करारा झटका लगा, जब टीम के स्टार बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर सस्ते में आउट हो गए। उनके आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए महेंद्र सिंह धोनी। दाए हाथ के इस बल्लेबाज़ ने आते ही गेंदबाजों पर हमला बोल दिया। धोनी ने नाबाद रहते हुए 123 गेंदों पर 148 रन बनाए, जिसमे 15 चौके और 4 बड़े छक्के शामिल थे, उन्होने यह रन 120.32 की स्ट्राइक रेट से बनाए। उनकी इसी पारी की बदौलत भारत ने 356 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया। अंत में भारत ने यह मैच 58 रनों से जीता और धोनी को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला। 3- 139* बनाम ऑस्ट्रेलिया, मोहाली(2013) भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 19 अक्टूबर 2013 को सीरीज़ का तीसरा मुक़ाबला खेला गया, वो भी मोहाली के पीसीए स्टेडियम में। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर, गेंदबाजी का फैसला किया और शुरुआत में ही भारत के जल्दी विकेट लेकर उन्हें मुश्किल में डाल दिया। भारत के कप्तान जब बल्लेबाज़ी करने आए तो टीम का स्कोर था, 13 ओवर्स में 76/4। धोनी ने उसके बाद एक कप्तानी पारी खेली और विराट कोहली के साथ मिलकर टीम का स्कोर आगे बढ़ाया। धोनी ने उस मैच में 121 गेंदों पर 139 रन बनाए और टीम ने 303 रनों का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। भारत वो मैच 4 विकेट से हार गया था, लेकिन धोनी की वो पारी सबसे शानदार थी। धोनी ने एक बार फिर अपने आप को बल्लेबाज़ के रूप में साबित किया। उन्होने अपनी पारी में 12 चौके और 5 बड़े छक्के भी लगाए, उनका इस दौरान स्ट्राइक रेट रहा 114.87 का। 2- 101* बनाम बांग्लादेश, मीरपुर(2009) भारत और बांग्लादेश के बीच त्रिकोणिय सीरीज़ का तीसरा मुक़ाबला खेला गया, 7 जनवरी 2010 को मीरपुर में। 297 रनों का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और टीम ने 8.1 ओवर्स तक वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और युवराज सिंह के विकेट गवां दिए थे। जब धोनी खेलने के लिए आए, तो टीम का स्कोर था 51/3 और भारत को एक साझेदारी की सख्त ज़रूरत थी। धोनी ने पहले कोहली के साथ मिलकर टीम का स्कोर आगे बढ़ाया। विराट के आउट होने के बाद भी चेज का दबाव धोनी पर कभी नहीं आया। रैना के साथ मिलकर धोनी ने टीम को 15 गेंद शेष रहते जीत दिलाई। वो 101 रन बनाकर नाबाद रहे और उनकी कप्तानी पारी की बदौलत भारत यह मैच जीत पाया। उनकी पारी में ज्यादा बड़े शॉट देखने को नहीं मिले, उन्होने सिंगल और डबल पर ज्यादा ध्यान दिया। 1- 183* बनाम श्रीलंका, जयपुर(2005) भारत और श्रीलंका के बीच 7 मैचों की सीरीज़ का तीसरा मैच खेला गया 31 अक्टूबर 2005 को, जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में। श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया और 50 ओवर्स में 298 रन बनाए। चेज़ करते हुए भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और टीम ने सचिन का विकेट पहले ओवर में ही गवां दिया, उसके बाद बल्लेबाज़ी करने आए एमएस धोनी। धोनी के मैदान में आते ही श्रीलंका की जीतने की सारी उम्मीद खत्म हो गई, क्योंकि धोनी उस दिन हर एक गेंदबाज की जमकर धुनाई की और 23 गेंद रहते टीम को एक आसान जीत दिलाई। धोनी ने उस पारी में 145 गेंदों पर 183 रन बनाए, वो भी 126.20 की स्ट्राइक रेट से, इस पारी में उन्होने 15 शानदार चौके और 10 बड़े छक्के लगाए। उनकी यह स्कोर अभी भी किसी भी विकेटकीपर द्वारा बनाया सबसे बड़ा स्कोर हैं। लेखक- सैकत, अनुवादक- मयंक महता