भारत और बांग्लादेश के बीच त्रिकोणिय सीरीज़ का तीसरा मुक़ाबला खेला गया, 7 जनवरी 2010 को मीरपुर में। 297 रनों का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और टीम ने 8.1 ओवर्स तक वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और युवराज सिंह के विकेट गवां दिए थे। जब धोनी खेलने के लिए आए, तो टीम का स्कोर था 51/3 और भारत को एक साझेदारी की सख्त ज़रूरत थी। धोनी ने पहले कोहली के साथ मिलकर टीम का स्कोर आगे बढ़ाया। विराट के आउट होने के बाद भी चेज का दबाव धोनी पर कभी नहीं आया। रैना के साथ मिलकर धोनी ने टीम को 15 गेंद शेष रहते जीत दिलाई। वो 101 रन बनाकर नाबाद रहे और उनकी कप्तानी पारी की बदौलत भारत यह मैच जीत पाया। उनकी पारी में ज्यादा बड़े शॉट देखने को नहीं मिले, उन्होने सिंगल और डबल पर ज्यादा ध्यान दिया। 1- 183* बनाम श्रीलंका, जयपुर(2005) भारत और श्रीलंका के बीच 7 मैचों की सीरीज़ का तीसरा मैच खेला गया 31 अक्टूबर 2005 को, जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में। श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया और 50 ओवर्स में 298 रन बनाए। चेज़ करते हुए भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और टीम ने सचिन का विकेट पहले ओवर में ही गवां दिया, उसके बाद बल्लेबाज़ी करने आए एमएस धोनी। धोनी के मैदान में आते ही श्रीलंका की जीतने की सारी उम्मीद खत्म हो गई, क्योंकि धोनी उस दिन हर एक गेंदबाज की जमकर धुनाई की और 23 गेंद रहते टीम को एक आसान जीत दिलाई। धोनी ने उस पारी में 145 गेंदों पर 183 रन बनाए, वो भी 126.20 की स्ट्राइक रेट से, इस पारी में उन्होने 15 शानदार चौके और 10 बड़े छक्के लगाए। उनकी यह स्कोर अभी भी किसी भी विकेटकीपर द्वारा बनाया सबसे बड़ा स्कोर हैं। लेखक- सैकत, अनुवादक- मयंक महता