हालाँकि क्रिकेट में ये नियम है कि जब कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है, तो उसकी जगह पर टीम में चुना गया कोई अतिरिक्त खिलाड़ी ही उसकी जगह पर फील्डिंग का दायित्व निभाता है। लेकिन कई बार ये काम किसी गैर सदस्य से भी करवाया जा चुका है। कई बार ये काम सपोर्ट स्टाफ ने किय है, तो कई बार यही काम विपक्षी टीम के खिलाड़ी ने भी किया है। इसके साथ ही इन अतिरिक्त खिलाड़ियों ने पूरे खेल सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव भी डाला है। आइये डालते हैं नजर ऐसे ही 5 अतिरिक्त गैर-सदस्यों पर जिन्होंने टीम का साथ दिया:
#5 मालिश करने वाले ने ऑस्ट्रेलिया के लिए किया क्षेत्ररक्षण
[caption id="attachment_18076" align="alignnone" width="640"] ग्रैंट बॉल्डविन[/caption] अभी हाल का ये मौका है जब ऑस्ट्रेलियाई टीम के मालिश करने वाले ग्रैंट बॉल्डविन ने फील्डिंग का जिम्मा उठाया। ये घटना ऑस्ट्रेलिया-न्यूज़ीलैंड के बीच हो रहे एडिलेड में पहले दिन और रात टेस्ट मैच के पहले दिन के खेल के दौरान हुई। मिचेल स्टार्क के चोटिल होने के कारण ग्रांट बाल्डविन मैदान पर आये थे। हालाँकि ये दांव काम नहीं आया और बाल्डविन की खराब फील्डिंग की वजह से ऑस्ट्रेलिया को 3 रन का नुकसान उठाना पड़ा।
#4 फिज़ियो एड्रिअन ले रौक्स को भी फील्डिंग करनी पड़ी
[caption id="attachment_18075" align="alignnone" width="530"] एड्रिअन[/caption] साल 2005-06 के अपने ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर दक्षिण अफ़्रीकी टीम को चोट की समस्या से लगातार जूझना पड़ा था। पर्थ टेस्ट मैच के दौरान स्पिनर निकी बोये को चोट लगने की वजह से मैदान छोड़ना पड़ा था। साथ ही इससे पहले भी टीम के कई खिलाड़ी चोटिल थे। ऐसे दक्षिण अफ्रीका को अपने फिज़ियो एड्रिअन ले रौक्स को मैदान में क्षेत्ररक्षण के लिए भेजना पड़ा। हालाँकि ले रौक्स के ख़राब फील्डिंग की वजह से प्रोटियास को कोई फायदा नहीं पहुंचा था। साथ ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कप्तान जस्टिन लेंगर का कैच भी छोड़ दिया था।
#3 विषम परिस्थितियों में मंदीप सिंह को दक्षिण अफ्रीका के लिए फील्डिंग करनी पड़ी
[caption id="attachment_18074" align="alignnone" width="620"] मंदीप सिंह[/caption] हाल ही में हुई भारत, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका की ए टीमों के बीच त्रिकोणीय सीरीज के दौरान भारत ए के मंदीप सिंह को प्रोटियास के लिए फील्डिंग करने उतरना पड़ा था, क्योंकि अफ्रीका के अन्य खिलाड़ी बीमार थे और ऐसे में वह मैदान पर नहीं उतर सकते थे। तब भारत ए ने उन्हें अपने खिलाड़ी से फील्डिंग करवाने के लिए मंदीप सिंह को भेजा था। दिलचस्प बात ये है कि इस मैच में वीडियो एनालिस्ट हेनरिक्स कोएटजेन को भी अफ्रीका के लिए फील्डिंग करने उतरना पड़ा।
#2 बिली मर्डोक ने तो अपने साथी को आउट करने में सहयोग भी किया था
[caption id="attachment_18073" align="alignnone" width="650"] बिली मर्डोक[/caption] ऑस्ट्रेलिया के शुरुआती दिनों के कप्तान बिली मर्डोक ने एक बार इंग्लैंड टीम के साथ हो रहे टेस्ट मैच में उनके लिए फील्डिंग करने उतरे थे। साल 1884 में इंग्लैंड के दौरे पर मर्डोक ऑस्ट्रेलिया के कप्तान थे, उन्होंने इंग्लैंड के लिए फील्डिंग करते हुए एक कैच भी पकड़ा था। इस मैच में इंग्लैंड का एक खिलाड़ी चोटिल हो गया था और बिली तब उसके स्थान पर फील्डिंग करने गए थे। उनके साथी टप स्कॉट जब 75 रन बनाकर खेल रहे थे तभी उनका कैच बिली यानि उनके कप्तान ने पकड़ा था। ये किसी स्थानापन्न खिलाड़ी का पहला कैच था, जिसे बिली ने पकड़ा था और वह उन्हीं के टीम के खिलाफ गया था।
#1 अपनी युवा उम्र में सचिन ने पाकिस्तान के लिए फील्डिंग की थी
[caption id="attachment_18072" align="alignnone" width="614"] सचिन[/caption] भारत के दौरे पर आई पाकिस्तान की टीम के लिए सचिन ने महज 13 बरस की उम्र में फील्डिंग की थी। ये मैच 40 ओवरों का था जो भारतीय क्रिकेट क्लब के गोल्डन जुबली समारोह पर खेला जा रहा था। पाकिस्तान के कप्तान इमरान खान ने कुछ स्थानापन्न खिलाड़ियों की मांग की थी क्यूंकि उनके कुछ खिलाड़ी चोटिल थे। तभी क्रिकेट क्लब ऑफ़ इंडिया के कप्तान हेमंत केंकरे ने सचिन के साथ कई युवा खिलाड़ियों को इस सेवा के लिए भेजा था। भविष्य के इस मास्टर खिलाड़ी ने पाकिस्तान के लिए 25 मिनट तक फील्डिंग की थी। उस वक्त तब किसी ने ये कल्पना नही की होगी कि ये छोटा लड़का आगे जाकर क्रिकेट का पर्याय बनेगा। लेखक-अभिनव मेसी, अनुवादक-मनोज तिवारी