क्रिकेट को हमेशा से ही एक जेंटलमैन गेम के तौर पर देखा गया है, लेकिन ऐसा बहुत बार देखा गया हैं कि स्टेडियम के अंदर हिंसा का माहौल बन गया हो। अक्सर ऐसा होता हैं की फैंस की किसी टीम की तरफ, या किसी प्लेयर की तरफ नाराजगी के कारण झगड़ा हो जाता हैं और बाद में जाकर यह मैदान के अंदर भी देखने को मिलता हैं।
कई बार तो जब कोई खिलाड़ी अपने विरोधी के समर्थक से कुछ कहता है, तो भी झगड़ा होने के पूरा मौका होता हैं। विरोधी समर्थक के साथ झगड़ा करना हमेशा ही शर्मसार रहता है, ना सिर्फ जो जो देश इसमें खेल रही हैं, बल्कि क्रिकेट की छवि पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
आइये नज़र डालते हैं 5 ऐसे मौकों पर जब स्टेडियम के अंदर ऐसा झगड़ा देखने को मिला हो:
1- 2015 में सुधीर गौतम पर हमला
2015 में बांग्लादेश में जिस तरह सुधीर गौतम पर हमला हुआ, उससे बुरा कुछ नहीं हो सकता। सुधीर जिस तरह हर मैच में कपड़े पहन कर आते हैं, खासकर सचिन की तरफ उनका प्यार हमेशा झलकता है और इसी कारण उनपर हमला हुआ।
यह हादसा उस सीरीज के दूसरे मुक़ाबले के एक दम बाद हुआ। गौतम ने इंडियन एक्स्प्रेस को बताया, "जैसे ही मैं स्टेडियम से निकला, कुछ लोगों ने मेरे ऊपर हमला कर दिया और मेरे हाथ से झंडा छीनकर उसके हैंडल को तोड़ने लगे। दो पुलिस वाले आए और मामले को शांत कराने लगे और उन्होने मुझे ऑटो-रिक्शा में बैठा दिया। लेकिन उन्होने ऑटो में भी मेरा पीछा नहीं छोड़ा और वहा भी मुझे मारने लगे।
उस हमले का कारण अभी भी किसी को नहीं पता, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स की माने तो उनका गुस्सा के कारण 2015 वर्ल्ड कप के क्वाटर फाइनल में मिली हार थी। हालांकि, सुधीर बचने में कामयाब हुए।
2- प्रेमदासा स्टेडियम, 2015
यह एक ऐसा हादसा था, जिसकी वजह से मैच को भी कुछ समय के लिए रोकना पड़ गया था और यहा तक कि जो मैच में खलल पैदा कर रहे थे, उन्हें स्टेडियम से बाहर निकालना पड गया। यह हादसा 2015 में श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच चल रही वनडे सीरीज़ के 35वें ओवर में हुआ।
स्टेडियम के ऊपर वाले स्टैंड में कुछ लोगों में लड़ाई शुरू हो गई और मामला तब और बिगड़ गया जब मैदान के अंदर लोगों ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। यह सारा मामला पुलिस के सामने हुआ, उसके बाद पुलिस ने उन्हें वहाँ से चले जाने को कह दिया। हालांकि फैंस तब भी शांत नहीं हुए और स्टेडियम के बाहर हंगामा शुरू कर दिया।
खिलाड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए मैच को कुछ समय के लिए रोक दिया गया। लेकिन जब मामला शांत हो गया, उसके बाद पाकिस्तान ने श्रीलंका को हरा दिया।
3- कीनन स्टेडियम, 2002
भारत और वेस्ट इडीज के बीच जमशेदपुर में हुआ यह मुक़ाबला काफी खास था, क्योंकि इस मैच से फैंस की बुरी यादें ताज़ा हो गई जब सर विवियन रिचर्ड्स और गॉर्डन ग्रेनेज ने 221 रनों की पार्टनर्शिप की थी और उसमे सबसे बुरा था कि उन दोनों छक्कों की बारिश कर दी।
क्रिकेट के इतिहास में अगर कोई काला धब्बा था, तो वो भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच पहला मुक़ाबला। जब वेस्टइंडीज को जीतने के लिए सिर्फ 12 रन की दरकार थी, तभी असली हंगामा चालू हुआ।
इंडियंस फैंस जोकि मैदान में भारी मात्रा में मौजूद थे, उन्होने उसका फायदा भी उठाया, सबने अखबार जलाकर और मैदान के अंदर तोड़-फोड़ चालू कर दिया। उसके बाद काफी सुरक्षाकर्मियों को बुलाया गया और जो हंगामा कर रहे थे, उन्हें मैदान से बाहर निकाला गया।
4- जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, 2006
यह एक ऐसा हादसा था, जोकि किसी दूसरी टीम के साथ नहीं हुआ बल्कि अपने ही आप में हुआ। ऐसा बर्ताव तब किया जब गुवाहाटी में भारत और इंग्लैंड का मैच रद्द कर दिया गया था।
यह गुवाहाटी में पिछले पाँच सालों में पहला मुक़ाबला था और बदकिस्मती से इस मुक़ाबले से काफी बारिश हुई और यह काफी था अंपायर और दोनों टीमों के कप्तानों के लिए मैच को ना खेलने का फ़ैसला लेने के लिए।
फैंस जोकि इस मैच का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे, उन्होंने अपना आपा खो दिया और मैदान के अंदर तोड़ फोड शुरू कर दी। जो मैदान में नहीं होना चाहिए था, वो सब कुछ हुआ।
मैदान के अंदर लकड़ियों को जला दिया गया, प्लास्टिक की बोतलों को मैदान के अंदर फेंका गया। इसके बाद पुलिस ने टीयर गैस का इस्तेमाल किया। इंग्लैंड की टीम बहुत पहले ही स्टेडियम से निकल गई थी। इंग्लैंड टीम के कप्तान एंड्रूयू स्ट्रॉस ने कहा कि वो समझ सकते हैं कि फैंस को कैसा लगता हैं अगर मैच न हो।
5- RSL क्लब,2015
भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबालों में कई बार हिंसा देखने को मिली है। यह हमेशा से कहा जाता हैं कि यह दोनों टीमे जब भी आमने सामने होती हैं, तो हमेशा से ही माहौल गर्म ही रहता है।
दोनों ही देशों में इस खेल को काफी महत्व दिया जाता हैं और यह समझा भी जा सकता हैं। यह हादसा हुआ था 2015 विश्व कप से पहले जहां इन दोनों टीमों के मुक़ाबले से पहले इस मुक़ाबले को काफी हाइप कर दिया कर था और इसमें राजनीति ने भी अहम भूमिका निभाई।
यह हादसा किसी स्टेडियम में नहीं हुआ, बल्कि सिडनी के एक क्लब के बाहर हुआ, जहां तोड़फोड़ चालू कर दिया गया। इस हादसे से दोनों टीमों के फैंस चोटिल हो गए और उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया।
इस मामले में कोई भी भी गिरफ्तारी देखने को नहीं मिली। हालांकि इंडिया ने यह मुक़ाबला आसानी से अपने नाम कर लिया था।