क्रिकेट जैसे की हम सब जानते ही है कि इसे जेंटेलमैन गेम के तौर पर जाना जाता हैं। हालांकि जैसे- जैसे यह गेम आगे बढ़ रहा हैं, इसमे कई तरह के बदलाव भी आए हैं, जिसमे से एक हैं स्लेजिंग। पहले तो यह कभी कबार ही देखने को मिलता था, लेकिन अब तो ऐसा लगता हैं मानों स्लेजिंग इस खेल का एक प्रमुख हिस्सा बन गया हो। स्लेजिंग के अलावा ओवर-कॉन्फ़िडेंस भी आज कल के क्रिकेटर्स के साथ बहुत देखने को मिल रहा हैं। कुछ लोग इसे माइंड गेम कहते हैं, जो वो विपक्षी टीम के खिलाफ इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कहीं बार तो यह चल जाता हैं, पर ऐसा कई बार देखने को मिला हैं कि जो इसका इस्तेमाल करता हैं, यह उसी के खिलाफ चला जाता हैं। आइये नज़र डालते हैं 5 ऐसी घटनाओ पर, जब ओवर कॉन्फ़िडेंस खुद किसी खिलाड़ी के खिलाफ गया। 5- स्टीवन स्मिथ Vs इंग्लैंड 2015 एशेज से पहले, ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर स्टीवन स्मिथ ने इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए एक स्टेटमेंट दिया कि इस सीरीज़ में वो हमे कोई टक्कर नहीं दे पाएंगे। 27 वर्षीय स्मिथ भारत और वेस्ट-इंडीज के दौरों से अच्छी फॉर्म लेकर यहां पहुंचे थे और वो काफी ओवर-कॉन्फिडेंट भी नज़र आ रहे थे। उस सीरीज़ का जो रिज़ल्ट रहा, वो स्मिथ के बयान से पूरा अलग था। इंग्लैंड ने अपनी सरजमीं पर ऑस्ट्रेलिया को बुरी तरह से रौंध डाला। इंग्लैंड ने वो सीरीज़ 3-2 से अपने नाम की और जिस अंतर से वो मैच जीते थे, वो हैं पहले टेस्ट में 169 रनों से हराया, तीसरे टेस्ट में 8 विकेट से हराया और चौथे टेस्ट में एक पारी और 78 रनों से हराया। 4- एबी डिविलियर्स Vs इंग्लैंड साउथ अफ्रीका की टेस्ट टीम के कप्तान,एबी डिविलियर्स के लिए इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज़ किसी बुरे सपने से कम नहीं थी, वो उस सीरीज़ में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 3 बार शून्य पर आउट हुए। यह एक ऐसा रिकॉर्ड है, जिसे वो ज़रूर भूलना चाहेंगे। हालांकि सीरीज़ के शुरू होने से पहले हुए प्रेस कॉन्फ्रैस में वो काफी कॉन्फिडेंट नज़र आ रहे थे। उन्होने कहाँ " इंग्लैंड के गेंदबाजों में अनुभव हैं, लेकिन उनके कुछ गेंदबाजों(जेम्स एंडर्सन) ने अपनी गति कुछ हद तक खो दी है, पर अभी वो इतने चालाक हैं कि वो इसे कवर कर सकते हैं। उनकी टीम ऐसी नहीं है कि उन्हें हराया न जा सके, इसमे कोई शक नहीं हैं, पर हमे अपने ऊपर पूरा विश्वास हैं"। इंग्लैंड ने 4 मैचों की सीरीज़ 2-1 से अपने नाम की थी। 3- ग्लेन मैक्सवेल Vs न्यूज़ीलैंड यह मुक़ाबला था 2015 विश्व कप के ग्रुप स्टेज का और आमने सामने थी ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड की टीम, वो भी ऑकलैंड के ईडन पार्क स्टेडियम में । 151 रनों का पीछा करने उतरी न्यूज़ीलैंड की टीम एक समय 146-9 के स्कोर पर लड़खड़ा सी गई थी और उसे अभी भी 6 रन की दरकार थी। यह सब औस्ट्रालिया के तेज़ गेंदबाज मिचेल स्टार्क के लगातार दो विकेटों की देन थी कि न्यूज़ीलैंड हारने के कगार पर पहुँच गई थी। यह वहीं मौका था जब ग्लेन मैक्सवेल ने अपने इशारों से न्यूज़ीलैंड के क्राउड़ को मज़ाक उड़ाया। उसके बाद ही केन विलियमसन ने मिचेल मार्श पर छक्का जड़कर टीम को जीत दिलाई। न्यूज़ीलैंड ने ग्रुप मैच एक विकेट से अपने नाम किया। 2- एंड्रयू फ्लिंटॉफ Vs इंडिया युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ही ओवर में 6 छक्के लगाकर, इंडिया को साउथ अफ्रीका में हुए पहले टी20 विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में पहुंचाया। हर एक क्रिकेट फैंन यह बात जानता हैं कि पिछले ओवर में हुई फ्लिंटॉफ से बहस के कारण ही, युवराज ने अपना सारा गुस्सा ब्रॉड पर निकाला। उसके बाद युवराज ने एक इंटरव्यू में उनकी और फ्लिंटॉफ में हुई बातचीत का पूरा ब्योरा दिया। युवी ने बताया, "फ्लिंटॉफ ने उन्हें कहा कि यह बकवास शॉट हैं, क्योंकि पिछले ओवर में मैंने उसे दो चौके मारे थे। उसके बाद उसने मुझे कहा कि वो मेरा गला काट देगा और मैंने उसे जवाब दिया कि यह बल्ला देखा हैं, पता है इससे मैं तुम्हें कहा मारूँगा"? युवी ने यह भी कहा "इन सब से मुझे काफी गुस्सा आ गया था और मैं बस हर एक गेंद को मैदान के बाहर पहुंचाना चाहता था। कभी-कभी यह आपके लिए अच्छा साबित होता होता है, तो कभी आपके खिलाफ। लेकिन उस दिन यह उनके खिलाफ गया"। 1- आमिर सोहेल Vs इंडिया भारत और पाकिस्तान टीम के बीच यह मुकबाला था 1996 आईसीसी वर्ल्ड कप का। भारत के लिए नवजोत सिंह सिद्धू के 93 और अजेय जडेजा के 25 गेंदो पर 45 रन की बदौलत 287 रनों का पहाड़ सा स्कोर खड़ा किया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान टीम की शुरुआत भी ताबड़तोड़ रही, उनके दोनों ओपनर्स सईद अनवर और आमिर सोहेल ने अपने शॉट खेले। जब टीम का स्कोर 84 रन था, तभी जवगल श्रीनाथ ने सईद अनवर को आउट कर दिया। आमिर सोहेल ने एक छोर से गेंदबाजों की धुनाई जारी रखी। इसी बीच उन्होने वेंकटेश प्रसाद की लगातार गेंदों पर चौके मारकर उन्हें अपने बल्ले से कुछ इशारा किया। अगली ही गेंद पर वेंकटेश ने आमिर को क्लीन बोल्ड कर दिया और अपने ही अंदाज़ में उन्हें वापिस जाने का इशारा कर दिया। वो मुक़ाबला भारत ने 39 रनों से अपने नाम किया और विश्व कप के सेमी फ़ाइनल में अपनी जगह बनाई। लेखक-रुद्रानील गुहा रॉय, अनुवादक- मयंक महता