जेंटलेमेंस गेम में काफी बदलाव आये हैं। ग्राउंड पर हल्की-फुल्की मज़ाक मस्ती चलती रहती है। इसी से खेल में अच्छी प्रतिस्पर्धा बनी रहती है। सालों से खिलाडी मैदान में एक दूसरे से बातें करते आएं हैं, लेकिन स्टंप माइक्रोफोन के पहले यह बातें आम लोगो तक नहीं पहुँचती थी। टेकनीक के रूप से खेल को आधुनिक बनाने के साथ साथ इसने मनोरंजन का भी काम किया है। इससे विकेटकीपर या फिर स्टंप के आस पास किसी भी खिलाडी की बातचीत पकड़ी जा सकती है। धोनी के 'ओये' या फिर कामरान अकमल के 'शाबाश भाई, शाबाश' सुने बिना क्रिकेट अधूरा लगता है। ये रही स्टंप माइक्रोफोन पर पकड़ी गयीं 5 दिलचस्प टिप्पणी। इन्हें खिलाडियों ने आपस में कहा है, या फिर विरोधी खिलाडी को ताकि उनपर दबाव बनाया जा सके।
#1 कुमार संगकारा एक गीत के साथ शॉन पोलाक का स्वागत करते हैं
संगकारा को क्रिकेट का जेंटलमैन कहा जाता है। वे अपने विरोधियों की खिंचाई भी अपने तरीके से करते हैं। दक्षिण अफ्रीका में चल रहे वर्ल्ड कप की यह घटना है। डरबन में दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के बीच एक अहम मुकाबला चल रहा था। सुपर सिक्स में क्वालीफाई करने के लिए दक्षिण अफ्रीका को जीत की ज़रूरत थी। उन्हें 20 ओवरों में 120 रन चाहिए थे। 30वें ओवर में 149 रन पर दक्षिण अफ्रीका ने पांच विकेट गँवा दिए थे। तब शॉन पोलाक बल्लेबाज़ी करने आये। पोलाक जब बल्लेबाज़ी की तैयारी कर रहे थे, तब संगकारा स्टंप के पीछे से गाना गुनगुनाने लगे। संगकारा ने गाने के ज़रिये पुरे परिस्तिथि के बारे में बताया। उन्होंने "उम्मीदों के बोझ" और "शॉन के साथ 42 लाख लोगों के समर्थन" की बात की। बीच बीच में उन्होंने शरारती उल्लेख करते हुए शॉन को "स्किप्पी" और "टीम की नाक कटवाने वाला" भी कहा। इस गाने से दक्षिण अफ्रीकन खिलाडी के चेहरे पर मुस्कराहट नज़र आई। उस मैच में पॉलक ने 25 रन बनाये और मैच टाई रहा।
#2 मार्क बाउचर का टटेंडा टैबू को ताने मारना
2005 में ज़िम्बाब्वे आठ महत्वपूर्ण टीमों में से एक नहीं थी। सेंचूरियन में चल रहे टेस्ट मैच में अनुभवी दक्षिण अफ्रीकी टीम के सामने उनकी हार साफ़ झलक रही थी। ऐसे में प्रोटीज़ के विकेट कीपर मार्क बाउचर ने ज़िम्बाब्वे के युवा कप्तान टटेंडा टैबू से मज़ाक करने का विचार किया। जब टैबू निकी बोए की गेंदों का सामना कर रहे थे, तब बाउचर ने ताने मारते हुए कहा,"जब मैदान पर एक तेज़ गेंदबाज़ होता है, तभी तुम रन बनाते हो। टैबू ने जब गेंद पर चौका मारा तो बाउचर ने कहा," टटेंडा ये बड़ा शॉट था। केप टाउन में जब हमारे पास ज्यादा तेज़ गेंदबाज़ थे तब ये शॉट क्यों नहीं मारा?" ये बस यहीं पर ख़त्म नहीं हुआ। बाउचर ने आगे कहा,"इस दौरे में तुम्हारी औसत तो एकल अंक में रही है। कितनी औसत है तुम्हारी? तुम्हे तो पता ही होगा? 9 या 10। मेरे ख्याल से 9.5, चलो तुम 10 रख लो।" क्या ये ख़राब मज़ाक था ?
#3 एंड्रयू फ़्लिंटॉफ़ और ड्वेन ब्रावो की बातें
2004, लॉर्ड्स में इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज के टेस्ट मैच के दौरान युवा ड्वेन ब्रावो ने एंड्रयू फ्रेडी फ्लिंटॉफ की स्लेजिंग करने की सोची। ब्रावो गेंदबाज़ों को "बड़े इंसान का विकेट" लेने के लिए उत्साहित करते रहें, ताकि फ्लिंटॉफ को जल्द से जल्द पवेलियन भेजा जा सके। थोड़ी देर बाद फ्लिंटॉफ पलटे और करारा जवाब देते हुए कहा,"सुनो ड्वेन, देखते हैं क्या तुम अगले तीन साल इस खेल में टीके रहते हो? ये आसान खेल नहीं है। मेरा दावा है की तुम अगले तीन साल तक इस खेल से दूर हो जाओगे।" ये सटीक भविष्यवाणी नहीं थी क्योंकि ब्रावो तीन साल से भी ज्यादा समय तक क्रिकेट में रहे। लेकिन इंग्लिश ऑल राउंडर का ये जवाब करारा था।
#4 मोहम्मद कैफ और मोहम्मद युसूफ के बीच आंकड़ों की गिनती
भारत-पाकिस्तान के मैच में खिलाडियों के बीच बहस होने का पुराना इतिहास है। चाहे वो जावेद मियांदाद- चेतन शर्मा, सचिन तेंदुलकर-अब्दुल कादिर या गौतम गंभीर- शाहिद अफरीदी हो, दोनों टीम अगर भिड़ती है तो बिना स्लेजिंग के खत्म नहीं हुआ। ये घटना मज़ेदार है, स्लेजिंग के कारण नहीं बल्कि जिस तरह से मोहम्मद कैफ कॉमेंट्री करते है, उसके वजह से। 2005 में एक टेस्ट मैच के समय मोहम्मद युसूफ बड़े धीरे-धीरे बल्लेबाज़ी कर रहे थे। वहीँ स्लिप में खड़े मोहम्मद कैफ मज़ाकिया अंदाज़ में मोहम्मद युसूफ के आंकड़े गिनवाते गए। कैफ बल्लेबाज़ के आस-पास टहलते हुए और बल्लेबाज़ पर दबाब बनाने के लिए कहने लगे,"87 गेंद खेल ली, लेकिन एक भी चौका तो नहीं मारा।" इससे युसूफ के चेहरे पर मुस्कुराहट छा गयी।
#5 महेंद्र सिंह धोनी की नयी टिप्पणियां
बल्लेबाज़ी करते समय कप्तान कूल शांत रहते है, लेकिन फील्डिंग करते समय वें मज़ेदार ढंग से खिलाडियों से बात करते हैं। उनकी रणनीतियां पर अमल हो सके इसके लिए वें खिलाडियों को डांटे है, जिसे सुनकर हमे हँसी आ जाती है। धोने ने स्टंप के पीछे से कुछ ऐसी टिपण्णी की है जिससे उबाऊ मैच भी मज़ेदार हो जाता है। खिलाडियों को साथ में खेलने की नसीहत देते हुए धोनी ने कहा,"विजय अपना ही फील्डर है, उसे कैच लेने की लिए वहां रखा है। ऑफ में गेंद फेंक।" उन्होंने इंग्लैंड के इयान बेल को घंटी बताते हुए कहा,"इसकी घंटी बजाओ।" और "घंटी को लेकर जायेंगे।" न्यूज़ीलैंड के खिलाफ मैच में धोनी रविंदर जडेजा को फील्डर्स का महत्त्व बता रहे थे, वह क्षण मज़ेदार था। धोनी ने कहा,"ये घूमेगा तो पुजारा को इसलिए इधर रखा है, वो उधर ताली बजाने के लिए नहीं रखा है।" धोनी बड़े मज़ेदार खिलाडी हैं। लेखक: इंद्रसेन मुखोपाध्याय, अनुवादक:सूर्यकांत त्रिपाठी