सचिन तेंदुलकर की नज़र में क्रिकेट को महत्वपूर्ण रखने के लिए ज़रूरी 5 कदम

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लगातार घरेलू औऱ बाहरी सीरीज
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ये आइडिया लिया गया है फुटबाल से जहां चैम्पियन्स लीग औऱ कई घरेलु मुकाबले इसी तरह से दुनिया भर में खेले जाते हैं। सचिन का सुझाव है कि फुटबाल की तरह ही क्रिकेट में भी हर द्विपक्षीय सीरीज़ दो चरणों में खेली जाए जिसमें दोनों ही टीमें घर और बाहर दोनों जगह खेलें। इसके जरिए दर्शकों को दोनों टीमों की वास्तविक ताकत पता चलेगी साथ ही सीरीज के दौरान टीम के अनुकूल होने के आधार पर पिच तैयार किये जाने को भी रोका जा सकेगा जिसका फायदा खेल और खिलाड़ी दोनों को ही होगा। इससे प्लेयर्स के कम समय के अंदर दो अलग अलग पिचों पर प्रदर्शन करने की क्षमता का पता भी चलेगा। हालांकि इस विचार को साकार कर पाना काफी मुश्किल इसीलिए हैं क्योंकि इसके लिए काफी सारी प्लानिंग की जरूरत होगी साथ ही प्लेर्यस के लिए भी बेहद कम समय के अंतर में यात्रा और हर जगह के मौसम और पिच के अनुसार खुद को ढ़ालना काफी मुश्किल होगा।