इस साल आईपीएल अपने 11वें सीज़न में प्रवेश कर गया और ये टूर्नामेंट विश्व के सबसे लोकप्रिय टी-20 लीग बन चुका है। आईपीएल की चकाचौंध और रोमांच ने दुनिया के बाक़ी टूर्नामेंट की चमक फीकी कर दी है। पिछले दशक में कई कांटे की टक्कर, नज़दीकी मुक़ाबले, सुपर ओवर, हैट्रिक, विस्फोटक पारियां और शानदार फ़ील्डिंग देखने को मिली है। कुछ खिलाड़ियों ने चौंकाने वाले प्रदर्शन किए हैं, जेसे युवराज सिंह की 2 हैट्रिक, साल 2009 में रोहित शर्मा की हैट्रिक, साल 2017 में सुनील नारेन की 17 गेंदों में हाफ़ सेंचुरी। साल 2015 में मुंबई इंडियंस की वापसी की कहानी भी दिलचस्प रही है। कई खिलाड़ियों ने ऐसे रिकॉर्ड्स बनाए हैं जो आज भी याद किए जाते हैं। हांलाकि आईपीएल में कुछ ऐसी भी बातें हैं जो जिसे शायद आप नहीं जानते होंगे, हम ऐसे ही 5 रोमांचक आंकड़े आपसे साझा कर रहे हैं।
#5 लक्ष्य का पीछा करते हुए किसी टीम ने आईपीएल फ़ाइनल तभी जीता है जब यूसुफ़ पठान उस टीम का हिस्सा रहे हैं
आईपीएल फ़ाइनल में अक्सर ऐसा देखा गया है कि पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम मैच जीतती है, ऐसा कारनामा 7 बार हो चुका है। हांलाकि 3 फ़ाइनल मैच ऐसे भी रहे हैं जहां टीम ने लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच जीता और इंडियन प्रीमियर लीग का ख़िताब हासिल किया। इन तीनों ही मैचों में जो समान था वह ये कि हर फ़ाइनल मैच में यूसुफ़ पठान विजेता टीम के सदस्य थे। राजस्थान रॉयल्स की तरफ़ से खेलते हुए साल 2008 के फ़ाइनल में यूसुफ़ पठान ने 22 रन देकर 3 विकेट लिए थे और 56 रन की पारी खेली थे, यही वजह है कि उन्हें मैन ऑफ़ द मैच के ख़िताब से नवाज़ा गया था। साल 2012 में वो केकेआर टीम का हिस्सा थे। फ़ाइनल में कोलकाता ने चेन्नई को मात दी थी, इस मैच में यूसुफ़ ने सिर्फ़ 1 ओवर फेंका था। साल 2014 के फ़ाइनल में कोलकाता नाइट राइडर्स ने पंजाब टीम को हराया था। इस मैच में यूसुफ़ ने मनीष पांडे के साथ मिलकर 71 रन की पारी खेली थी और 200 रन के लक्ष्य को पार कर लिया था।
#4 रजत भाटिया सबसे ज़्यादा आईपीएल मैच खेलने वाले अनकैप्ड खिलाड़ी हैं
इंडियन प्रीमियर लीग में घरेलू खिलाड़ी के लिए काफ़ी मौके होते हैं जिसके ज़रिए वो अपने हुनर को प्रदर्शित कर सकते हैं। जो खिलाड़ी टीम इंडिया में शामिल नहीं हो पाते वो आईपीएल में अपने हुनर को निखार सकते हैं। रजत भाटिया ऐसे अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने 95 आईपीएल मैच खेला है। वो दिल्ली दिल्ली डेयरडेविल्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, राजस्थान रॉयल्स और राइज़िंग पुणे सुपरजायंट टीम का हिस्सा रह चुके हैं। उन्होंने 7.40 की इकॉनमी रेट से 71 विकेट हासिल किए हैं।
#3 रॉबिन उथप्पा और मनीष पांडे एक दशक तक एक ही टीम का हिस्सा थे
इंडियन प्रीमियर लीग में ये देखा गया है कि हर तीन साल में टीम में बड़े बदलाव किए जाते हैं, पहले ऐसा हर 4 साल में किया जाता था। इस अकसर ऐसा होता है कि जो खिलाड़ी पहले एक साथ खेलते थे फिर वो एक दूसरे के ख़िलाफ़ खेलने लगते हैं। इन बदलाव के बावजूद रॉबिन उथप्पा और मनीष पांडे ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जो साल 2008 से लेकर 2017 तक एक ही टीम का हिस्सा रहे हैं। पहले सीज़न में ये दोनों खिलाड़ी मुंबई इंडियंस से जुड़े थे, साल 2009 और 2010 में ये दोनों रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम में शामिल हो गए। साल 2011 में इन दोनों खिलाड़ियों को पुणे वॉरियर्स इंडिया ने ख़रीद लिया जहां ये लोग 2013 तक बरक़रार रहे। साल 2014 में रॉबिन और मनीष एक साथ कोलकाता नाइट राइडर्स से जुड़ गए और 2017 तक इसी टीम में बने रहे। इस साल मनीष को सनराइज़र्स हैदराबाद टीम ने ख़रीदा और उथप्पा केकेआर टीम में आरटीएम कार्ड के ज़रिए रिटेन किए गए।
#2 अनिल कुंबले इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जो फ़ाइनल मैच में हारी हुई टीम में रहते हुए मैन ऑफ़ द मैच का ख़िताब हासिल किया
इंडियन प्रीमियर लीग के 10 फ़ाइनल मैच में कई बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिले हैं, खिलाड़ियों ने अपने खेल से क्रिकेट फ़ैंस का दिल जीता है। इन मैचों में हारी हुई टीम के खिलाड़ियों की तरफ़ से भी कई दिल जीतने वाले प्रदर्शन देखने को मिले हैं। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि फ़ाइनल में जीतने वाली टीम के खिलाड़ी को मैच ऑफ़ द मैच का अवॉर्ड मिलता है, ऐसा 9 दफ़ा हो चुका है। लेकिन सिर्फ़ एक बार ऐसा मौका आया था जब फ़ाइनल मे हारने वाली टीम के किसी खिलाड़ी को इस अवॉर्ड से नवाज़ा गया था। इस मुकाम को हासिल करने वाले खिलाड़ी हैं टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज कप्तान और कोच अनिल कुंबले, जिन्हें प्यार से ''जंबो'' के नाम से भी जाना जाता था। इस महान लेग स्पिन गेंदबाज़ ने साल 2009 के आईपीएल फ़ाइनल में 4 ओवर में 16 रन देकर 4 विकेट हासिल किए थे और डेक्कन चार्जर्स टीम को 143 रन पर रोक दिया था। नई गेंद से गेंदबाज़ी करते हुए कुंबले ने पहले ही ओवर में विपक्षी कप्तान एडम गिलक्रिस्ट का अहम विकेट चटकाया था। इसके अलावा उन्होंने बीच के ओवर में विस्फोटक बल्लेबाज़ एंड्रयू साइमंड्स और रोहित शर्मा का भी विकेट लिया था। हांलाकि कुंबले की ये मेहनत आरसीबी टीम के काम न आ सकी है। 143 रन के जवाब में बैंगलौर की टीम ने 9 विकेट पर 137 रन ही बना सकी और ख़िताब जीतने से महरूम रह गई।
#1 ब्रैंडन मैकुलम के अलावा कोलकाता नाइट राइडर्स के किसी भी बल्लेबाज़ ने अब तक आईपीएल में शतक नहीं लगाया
साल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग की धमाकेदार शुरुआत हुई थी जब कोलकाता नाइट राइडर्स के बल्लेबाज़ ब्रेंडन मैकुलम ने बैंगलौर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी टीम के ख़िलाफ़ नाबाद 158 रन की पारी खेली थी और केकेआर टीम को शानदार जीत दिलाई थी। इसके बाद आईपीएल टूर्नामेंट के 11 सीज़न में कई और शानदार पारियां और शतक देखने को मिले हैं। क्रिस गेल ने सबसे ज़्यादा 6 शतक बनाए हैं, वहीं आरसीबी टीम के खिलाड़ियों ने 12 शतक लगाए हैं। केकेआर ने सभी 11 सीज़न में शिरकत की है और 2 दफ़ा आईपीएल ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया है। लेकिन 150 से ज़्यादा मैच खेलने के बाद भी कोलकाता के किसी भी खिलाड़ी ने कोई शतकीय पारी नहीं खेली है। 6 बार केकेआर टीम के बल्लेबाज़ों ने एक पारी में 90 से ज़्यादा रन बनाए हैं। मनीष पांडेय ने साल 2014 में किंग्स-XI पंजाब के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में 94 रन की पारी खेली थी, जो केकेआर की टीम की तरफ़ से बनाया गया दूसरा सबसे बड़ा स्कोर था। लेखक- अजिंक्या धमधेरे अनुवादक- शारिक़ुल होदा