किसी भी खेल में एक महान खिलाड़ी बनना हर किसी के बस की बात नहीं है। सभी खिलाड़ी अपने खेल जीवन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर उस खेल के इतिहास में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखने के लिए तत्पर रहते हैं।
क्रिकेटर्स भी इससे अलग नहीं हैं। भारतीय क्रिकेटर्स, खासकर, एक अरब से अधिक प्रशंसकों की उम्मीदों का बोझ अपने कंधों पर ढोते हैं।
इससे उन खिलाडियों पर दबाव भी होता है जबकि कुछ इसका दबाव का आनंद लेते हुए अपने करियर में कई कीर्तिमान स्थपित करते हैं। आज हम ऐसे ही भारत के महान क्रिकेटरों से जुड़े रोचक किस्सों के बारे में जानेंगे।
तो आइये जानते हैं भारतीय क्रिकेटरों के बारे में कुछ अनसुनी अद्भुत कहानियां:
#5. 2001 में ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट खेलने के लिए वीवीएस लक्ष्मण पूरी तरह फिट नहीं थे
2001 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट को वीवीएस लक्ष्मण की शानदार 281 रनों की सर्वश्रेष्ठ पारी के लिए जाना जाता है।
इस मैच में फॉलो-ओन मिलने के बाद वीवीएस और राहुल द्रविड़ (180) के बीच हुई रिकॉर्ड 376 रनों की साझेदारी आज भी क्रिकेट प्रशंसकों के दिमाग में ताज़ा है। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब फॉलो-ऑन मिलने के बावजूद एक टीम जीती थी।
लेकिन क्या आप जानते हैं उस मैच के हीरो रहे लक्ष्मण मैच से पहले पूरी तरह से फिट नहीं थे।
"मैं उस टेस्ट मैच को खेलने के लिए पूरी तरह से फिट नहीं था," लक्ष्मण ने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था। पीठ दर्द की वजह से उनके उस मैच में खेलने पर संशय था लेकिन इसके बावजूद हैदराबाद के इस कलात्मक बल्लेबाज़ ने वह मैच खेला और इतिहास रच दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि राहुल द्रविड़ ने उन्हें पूरी पारी के दौरान पूरा सहयोग दिया जिसकी वजह से वे इतिहास रचने में कामयाब रहे।
#4. जब श्रीनाथ ने इस बल्लेबाज़ की टाँग तोड़ दी!
हालांकि भारतीय टीम में कुछ गिने चुने ही तेज़ गेंदबाज़ रहे हैं जिन्हें विश्व क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ों में शुमार किया जा सकता है, उनमें से एक जवागल श्रीनाथ भी थे। वह ना केवल सटीक लाइन और लेंथ के साथ बल्कि 150 किमी प्रति घंटे से ज़्यादा की स्पीड से गेंदबाज़ी कर सकते थे।
1997 में भारत बनाम जिम्बाब्वे मैच के बारे में बात करते हुए एलेस्टेयर कैंपबेल ने कहा, "मुझे लगता है श्रीनाथ सबसे तेज गति से गेंदबाजी कर सकते हैं। बोलैंड बैंक पार्क में हुए इस मैच में श्रीनाथ भारतीय गेंदबाज़ी आक्रमण का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने एलन डोनाल्ड की तुलना में कहीं अधिक गति की गेंदबाज़ी की।
बिजली की गति से गेंदबाज़ी कर पाना सचमुच में किसी भी गेंदबाज़ के लिए बड़ी उपलब्धि है और श्रीनाथ ने डोनाल्ड से 10 किमी प्रति घंटे ज़्यादा की स्पीड से गेंदबाज़ी की थी।
मैच के दौरान जब श्रीनाथ की एक गेंद बल्लेबाज़ी कर रहे ग्रांट फ्लावर के थाई -पैड पर ज़ोर से टकराई तो उनको लगा शायद उनकी टाँग टूट गई है!"
#3. जब अपने अंडरवियर के अंदर टिशू डालकर बल्लेबाज़ी करने उतरे सचिन
सचिन ने क्रिकेट प्रेमियों के साथ अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माय वे' के माध्यम से अपने क्रिकेट करियर से जुड़ी कई रोचक घटनायों साझा की हैं। इनमें से कुछ घटनाएं जहां प्रेरणादायक और मनोरंजक हैं वहीं कुछ घटनाओं के बारे में जानकार आपको हँसी आएगी।
जैसा कि एक घटना का ज़िक्र करते हुए सचिन ने लिखा है कि भारत को 2003 आईसीसी विश्व कप के 'सुपर 6' चरण में जोहान्सबर्ग में श्रीलंका के साथ खेलना था; लेकिन मैच से पहले उनका पेट खराब था और वह खेलने की हालत में नहीं थे लेकिन फिर भी, उन्होंने खेलने का फैसला किया और इस स्थिति को अपनी तरह से संभाला।
उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा है, “स्थिति इतनी खराब थी कि मुझे अपने अंडरवियर के अंदर टिशू डालकर बल्लेबाज़ी करने के लिए उतरना पड़ा। ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान मुझे ड्रेसिंग रूम में वापस जाना पड़ा और मैच के बीच में मैं बेहद असहज महसूस कर रहा था। ”
तेंदुलकर उस मैच में 97 रन बनाने में सफल रहे, जिससे भारत ने एक महत्वपूर्ण जीत दर्ज की। उस विश्व कप में वह सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी भी रहे थे। इस तरह से लिटिल मास्टर ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि महान बनने के लिए समर्पण और मेहनत कितनी ज़रूरी है।
#2. कपिल देव के चार छक्कों की कहानी
कपिल देव भारतीय क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर और सफल कप्तान रहे हैं। 'हरियाणा हरिकेन' के उपनाम से जाने जाने वाले कपिल देव ने अपने करियर ’में कई अद्भुत रिकॉर्ड बनाये हैं। उनके क्रिकेट करियर में कई दिलचस्प किस्से हैं।
एक बार कपिल ने भारतीय ड्रेसिंग रूम में आये 'अंडरवर्ल्ड डॉन' दाऊद इब्राहिम को डांटकर बाहर भेज दिया था। लेकिन, यहां हम आपको बताने जा रहे हैं मैदान पर उनके शानदार प्रदर्शन की कहानी।
30 जुलाई 1990 को भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए एक टेस्ट मैच में कपिल देव और नरेंद्र हिरवानी की आखिरी जोड़ी बल्लेबाजी कर रही थी। एडी हेमिंग्स के ओवर की 4 गेंदें बाकी थीं और भारत को फॉलोऑन से बचने के लिए 24 रनों की जरूरत थी।
हिरवानी एक बेहतरीन लेग स्पिनर ज़रूर थे लेकिन कपिल देव को इस बात का एहसास था कि इंग्लिश गेंदबाज़ों के सामने वह टिक नहीं पाएंगे इसलिए उनको किसी भी तरह से खुद ही यह 24 रन बनाने थे। इस सोच के साथ उन्होंने हेमिंग्स को लगातार 4 छक्के लगाकर भारत को फॉलो-ऑन से बचा लिया।
लेकिन इसके साथ ही अगले ओवर की पहली ही गेंद पर हिरवानी एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। इस तरह से कपिल देव का अंदेशा ठीक साबित हुआ लेकिन उन्होंने भारतीय टीम पर से फॉलो-आन का खतरा टाल दिया था।
#1. द वॉल राहुल द्रविड़ की ऑफ-फील्ड दिल को छूने वाली कहानी
राहुल द्रविड़ क्रिकेट इतिहास के सबसे विनम्र और सभ्य खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। उनका शुमार भारत के महानतम खिलाड़ियों में किया जाता है।
हम उनके आन-फ़ील्ड प्रदर्शन के के बारे में भली-भांति जानते हैं लेकिन यहां हम मैदान के बाहर उनके साथ जुड़ी एक घटना के बारे में जानेंगे।
यह कहानी एक यूजर ने क्वोरा पर शेयर की थी:
एक साल पहले, मेरा दोस्त कैंसर की वजह से गंभीर रूप से बीमार था। वह द्रविड़ का बहुत बड़ा प्रशंसक था, इतना कि जब भी वो बल्लेबाजी करता था हमेशा द्रविड़ के शॉट्स की नकल करने की कोशिश करता था। मैं अपने बाकी दोस्तों के साथ उसे अकसर अस्पताल मिलने जाता था। उसे ब्लड कैंसर था और ठीक होने की संभावना ना के बराबर थी। उसके लिए हमसे बात कर पाना भी बहुत मुश्किल होता। एक दिन जब हम उससे मिलकर वापिस जाने लगे तो उसने द्रविड़ से बात करने की इच्छा ज़ाहिर की।
हमने सभी संभावित स्रोतों से द्रविड़ से संपर्क करना शुरू किया, हालाँकि इसकी उम्मीद कम ही थी कि हम सफल हो पाएंगे।
कुछ दिनों बाद, द्रविड़ की पत्नी विजेता का फोन आया। उन्होंने बताया कि द्रविड़ ने हमारे ईमेल पढ़े हैं वह निश्चित रूप से हमारे दोस्त से स्काइप के ज़रिये बात करना चाहेंगे। अपने व्यस्त शेड्यूल से समय निकालकर द्रविड़ ने मेरे दोस्त के साथ अस्पताल में लगभग एक घंटे तक बात की और उसके चेहरे की मुस्कान फिर से वापस आ गई। इतना ही नहीं, द्रविड़ ने उसके माता-पिता, डॉक्टरों और वार्ड के अन्य सभी मरीजों से बात की।
सही मायनों में एक बेहद विनम्र और शानदार इंसान- राहुल द्रविड़।