क्रिकेट एक रोमांचक खेल है, इसमें कामयाब होने के लिए काफ़ी कुछ चाहिए, जैसे एकाग्रता, फिटनेस, हुनर और समझदारी, तभी जाकर कोई अच्छा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बन पाता है। टी-20 और ख़ासकर आईपीएल की शुरुआत के बाद एक अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए जो हुनर चाहिए उसमें काफ़ी बदलाव आ गया है। खिलाड़ियों को अब वक़्त के साथ ढलने की ज़रूरत आ पड़ी है। कई कामयाब अतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने विश्व क्रिकेट में काफ़ी नाम कमाया है और आईपीएल में भी अपनी गहरी छाप छोड़ी है, सचिन तेंदुलकर और जैक्स कालिस इसकी सबसे बड़ी मिसाल हैं। हांलाकि विश्व क्रिकेट के ऐसे कई सुपरस्टार हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी महानता साबित की है लेकिन आईपीएल में वो फ़्लॉप रहे हैं। हम यहां ऐसे ही 5 खिलाड़ियों को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
#5 माइकल क्लार्क
माइकल क्लार्क को ऑस्ट्रेलियाई टीम में योगदान देने के लिए याद किया जाता है।रिकी पॉन्टिंग, ग्लेन मैक्ग्रा और शेन वॉर्न के संन्यास लेने के बाद टीम की ज़िम्मेदारी क्लार्क के कंधों पर आ गई थी। उन्होंने एक बेहतरीन काम किया है। उन्होंने कंगारू टीम को साल 2015 का वर्ल्ड कप दिलाया और एशेज़ पर भी कब्ज़ा जमाया था। क्लार्क अपने दौर के एक भरोसेमंद बल्लेबाज़ थे जो अपने शानदार खेल के लिए जाने जाते थे। टेस्ट क्रिकेट में उनका औसत 48 और वनडे में 44 था। उन्होने दक्षिण अफ़्रीका, भारत और न्यूज़ीलैंड में शतक लगाया था। वो स्पिन गेंद को अच्छी तरह खेलते थे, ऐसे में उम्मीद थी कि वो आईपीएल में भी जलवा दिखाएंगे। क्लार्क सिर्फ़ 2 आईपीएल सीज़न ही खेल पाए। पुणे वॉरियर्स इंडिया टीम की तरफ़ से उन्होंने 6 पारी में 104 की स्ट्राइक रेट से 98 रन बनाए हैं।
#4 वीवीएस लक्ष्मण
वीवीएस लक्ष्मण की जितनी तारीफ़ की जाए वो कम हैं। वो भारत के एक बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं। वो राहुल द्रविड़ के साथ साझेदारी के लिए जाने जाते हैं जो उन्होंने साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ की थी और टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एक यादगार जीत दिलाई थी। क्रिकेट में ज़्यादातर खिलाड़ियों का रिकॉर्ड कमज़ोर टीम के ख़िलाफ़ अच्छा रहता है, लेकिन इससे उलट 16 साल के करियर में लक्ष्मण की सबसे पसंदीदा विपक्षी टीम ऑस्ट्रेलिया थी, कंगारुओं के ख़िलाफ़ लक्ष्मण का रिकॉर्ड शानदार रहा है। अगर उनके आईपीएल में प्रदर्शन की बात करें तो वो पहले 3 सीज़न में डेक्क्न चार्जर्स टीम का हिस्सा थे, चौथे सीज़न में वो कोच्चि टस्कर्स केरला में शामिल हो गए। वो दोनों ही टीम के लिए ज़्यादा योगदान देने में नाकाम रहे। 20 पारियों में उन्होंने 105 की स्ट्राइक रेट से 282 रन बनाए थे। वो आईपीएल में अपने हुनर के साथ इंसाफ़ नहीं कर पाए।
#3 शिवनारायण चंद्रपॉल
शिवनारायण चंद्रपॉल ने वेस्टइंडीज़ के लिए काफ़ी योगदान दिया है। ब्रायन लारा के रिटायर होने के बाद टीम की ज़िम्मेदारी चंद्रपॉल के कंधों पर आ गई थी, जिसको उन्होंने बख़ूबी निभाया था। टेस्ट क्रिकेट में उनका औसत 50 से ज़्यादा का है और अपनी शानदार पारियों के लिए आज भी याद किए जाते हैं। मुश्किल की घड़ी में वो अपनी टीम के लिए संकटमोचक का काम करते थे। हांलाकि वो एक बड़े हिटर के तौर पर नहीं जाने जाते थे। आईपीएल के पहले सीज़न में आरसीबी ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया था जो हर किसी के लिए हैरान करने वाली बात थी। चंद्रपॉल ने बैंगलौर टीम के तरफ़ से महज़ 3 मैच खेले हैं और कुल 25 रन ही बना पाए हैं। उनका स्ट्राइक रेट 80 के आस-पास है जो टी-20 के हिसाब से काफ़ी बुरा है।
#2 एंड्रयू फ़्लिनटॉफ़
एंड्रयू फ़्लिंटॉफ़ अपने दौर के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में गिने जाते थी। उनके बाद गेंद को जोर से हिट करने की क़ाबिलियत थी और अच्छी गेंदबाज़ी भी करते थे जिसकी वजह से वो टी-20 के एक आदर्श खिलाड़ी बन सकते थे। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में टेस्ट में 126 और वनडे में 169 विकेट हासिल किए हैं और दोनों ही फ़ॉर्मेट में उनकी बल्लेबाज़ी का औसत 30 से ज़्यादा है। उन्होंने अपने हुनक की बदौलत इंग्लैंड को एशेज़ सीरीज़ दिलाई थी। हांलाकि आईपीएल टूर्नामेंट में उन्हें कुछ ख़ास कामयाबी नहीं मिली। उन्होंने चेन्नई टीम की तरफ़ से सिर्फ़ 3 मैच खेले हैं और 116 की स्ट्राइक रेट से महज़ 62 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने 2 विकेट अपने नाम किए हैं।
#1 रिकी पॉन्टिंग
इस बात में कोई शक नहीं को रिकी पॉन्टिंग ऑस्ट्रेलियाई टीम के सबसे बेहरीन कप्तान रहे हैं। टेस्ट में उनका औसत 51 और वनडे में 42 का औसत रहा है। उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। उन्होंने कंगारू टीम की तरफ़ से सबसे ज़्यादा टेस्ट शतक और टेस्ट रन बनाए हैं। हांलाकि भारतीय ज़मीं पर उनका रिकॉर्ड कुछ ख़ास नहीं रहा था। यही हाल उनका आईपीएल टूर्नामेंट में भी रहा था। पहले 2 आईपीएल सीज़न में वो केकेआर टीम का हिस्सा रहे थे। साल 2013 में वो मुंबई टीम में शामिल हो गए थे। 9 पारियों में उन्होंने क़रीब 10 की औसत और 71.09 की स्ट्राइक रेट से 91 रन बनाए हैं। लगातार नाकामयाबी के बाद पॉन्टिंग ने बतौर खिलाड़ी आईपीएल से संन्यास ले लिया था। लेखक- राज अनुवादक- शारिक़ुल होदा