5 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी जिन्होंने 20 से ज्यादा टीमों के लिए क्रिकेट खेला

ऐसे कई खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने कई सालों तक क्रिकेट खेली है, फिर चाहे वो किसी क्लब के लिए हो, या राज्य या फिर अपने देश के लिए। हालांकि आज के समय में हर जगह कई लीग खेली जा रही है और एक साल में बहुत ज्यादा क्रिकेट खेली जाती है। यह सोचना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है कि कई क्रिकेटर्स एक से ज्यादा टीमों के लिए खेले। इसी बीच ऐसी कई खिलाड़ी भी रहे है, जिनके नाम अपने करियर में कई टीमों के साथ खेलने का रिकॉर्ड भी है। यह कम करने के लिए काफी मेहनत और संयम की ज़रूरत होती है, क्योंकि हर टीम के माहौल में खुद को ढालना एक मुश्किल काम होता है, लेकिन कई खिलाड़ी यह करने में कामयाब रहे हैं। यहां तक कि उन्हें काफी सफलता भी मिली है और उन खिलाड़ियों के अनुभव से टीम को भी काफी फायदा होता है। आइये नज़र डालते है, उन 5 खिलाड़ियों पर , जो कम से कम 20 टीमों के लिए खेले। 1- शाहिद आफरीदी shahid-afridi-pakistan-t20_3430637-1467980172-800 शाहिद अफरीदी की गिनती दुनिया के सबसे एंटरटेनिंग क्रिकेटर्स में से होती हैं। शाहिद आफरीदी काफी समय से कई टीमों के लिए खेल रहे है। आफरीदी हमेशा से ही इंटरनेट पर चर्चा का विषय रहते है। वो 2015 मे बांग्लादेश प्रीमियर लीग में सिल्हेट सुपर स्टार्स की तरफ खेलते थे, इसके अलावा वो पाकिस्तान सुपर लीग में भी खेले थे। आफरीदी कई बार रिटायर हुए और उसके बाद उन्होंने टीम में वापसी भी की, कई सालों तक खेलने के बाद आफरीदी, डेक्कन चार्जर्स, ढाका ग्लेडियेटर्स, कराची डोल्फिंस, कराची रीज़न ब्लूस, केंट, मेलबर्न रेनेगेड्स, नॉर्थहेम्पटनशायर, पाकिस्तान, पाकिस्तान ए, पाकिस्तानिस, पेशावर जलमी, रूहाना रॉयल्स, सिंध, साउथ ऑस्ट्रेलिया, सेंट किट्स, नेविस पैट्रिएट्स, सिल्हेट सुपर स्टार्स और कई सारी टीमें शामिल है। आफ़रीदी उन कुछ खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो करियर के इस पड़ाव में भी लगातार नंबर-3 पर पिंच हिटर के तौर पर खेलने आते है। साल 1997 में जब आफरीदी पहली बार हबीब बैंक लिमिटेड के लिए खेले, उसके बाद वो लीस्टरशायर और डर्बीशायर के लिए भी खेले है। उनका फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में सर्वाधिक स्कोर 164 का रहा, जो उन्होंने लीस्टरशायर के लिए खेलते हुए बनाया। आफरीदी के नाम और भी रिकॉर्ड हैं, लेकिन लाला कई बार विवादों से भी फंसे है और एक बार तो उन्हें गेंद से छेड़छाड़ करने के कारण बैन भी कर दिया गया था। 2- तिलकरत्ने दिलशान dilshan-1467658643-800 तिलकरत्ने दिलशान को हमेशा से ही उनकी कलात्मक बल्लेबाज़ी के लिए जाना जाता है और दिल स्कूप की शुरुआत भी उन्होंने ही की। दिलशान श्रीलंका की तरफ से टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में 1500 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज़ थे। वो सबसे पहले 1996-98 में कालतारा टाउन क्लब के लिए खेले, उसके बाद वो 1997-98 में सिंघा स्पोर्ट्स क्लब के लिए खेले और उसके बाद उन्होंने 1998-2000 में सेबेसचियन क्रिकेट क्लब के साथ करार कर लिया। टी-20 क्रिकेट में 290 चौके लगाने वाले वो पहले बल्लेबाज़ थे, लेकिन यह आंकड़े बिल्कुल भी हैरान नहीं करते, क्योंकि दिलशान ने 18 टीमों के लिए टी-20 क्रिकेट खेलें है। बस्नहिरा, बस्नहिरा क्रिकेट डुंडी, बस्नहिरा साउथ, ब्लूमफील्ड क्रिकेट, एथलेटिक क्लब, चिटागोंग विकिंग्स, दिल्ली डेयरडेविल्स, डर्बीशायर, ढाका ग्लेड़ियेटर्स, गयाना एमाजॉन वॉरियर्स, हंबनटोटा ट्रुपर्स, नॉर्थन डिस्ट्रिक्ट, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, रूहाना रेड्स, श्री लंका, श्रीलंकन्स, सरे, सिडनी ठंडर, तमिल यूनियन क्रिकेट। पूर्व श्रीलंकन कप्तान के नाम 35 साल की उम्र के बाद सबसे ज्यादा वनडे रन है। 35 साल के बाद उन्होंने 4,391 रन बनाए है और श्रीलंका की तरफ से विश्व कप में सबसे बड़ा स्कोर उन्हीं का है, उन्होंने 2015 में बांग्लादेश के खिलाफ नाबाद रहते हुए 161 रन बनाए। 3- ब्रैड हॉज brad-hodge_2-1467980451-800 ऑस्ट्रेलिया के ब्रैडली जॉन हॉज कभी भी नेशनल टीम में एक स्टार नहीं रहे, लेकिन डोमेस्टिक क्रिकेट में वो एक लिजेंड है, उनके नाम ऑस्ट्रेलियन इंटरस्टेट वनडे में सबसे ज्यादा रन (5,597) और सबसे ज्यादा शतक(20) दर्ज है। हॉज ऑस्ट्रेलियन डोमेस्टिक क्रिकेट में सबसे पहला टी-20 शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ भी है, उसके बाद से वो कई टीमों के लिए खेल चुके है, जैसे एडिलेड स्ट्राइकर्स, ऑकलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलिया ए, बरीसल बरनर्स, बस्नहिरा क्रिकेट डुंडी, गयाना एमजॉन वॉरियर्स, कोची टसकर्स केरला, कोलकाता नाइटराइडर्स, लीस्टाशायर, मेलबर्न रेनेगेड्स, मेलबर्न स्टार्स, नोर्थन डिस्ट्रिक्ट, पेशावर जाल्मी, राजस्थान रॉयल्स, सेंट किट्स, लंकाशायर, विक्टोरिया और वेलिंगटन। उनका टी-20 डेब्यू मैच विक्टोरिया बुशरेंजर्स के लिए था, उसके बाद 2000 और 2001 में रैम्सबॉटम के लिए उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े। इस अनुभवी खिलाड़ी ने डरहम के लिए भी खेले। हॉज ने सिल्हेट सुपरस्टार्स के साथ बीपीएल के लिए साइन किया, जिसकी कप्तानी शाहिद अफरीदी करते हैं। हॉज को हमेशा ही सबसे बदकिस्मत खिलाड़ी के तौर पर देखा जाएगा। 4- डर्क नैनस 117329.2-1467980847-800 डर्क पीटर नैनस के गेंदबाजी आंकड़े काफी दिलचस्प है। नैनस ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड दोनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके है। नैनस अब तक 9 देशों की अलग टीमों के लिए क्रिकेट खेल चुके है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, बस्नहिरा क्रिकेट, कैंटरब्यूरी, नीदरलैंड, चेन्नई सुपर किंग्स, दिल्ली डेयरडेविल्स, लायंस, मेलबर्न रेनेगेड्स, मिडिलसेक्स, नॉटिंघमशायर, ओटेगो, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, समरसेट, सरे, सिडनी ठंडर, सिल्हेत रॉयल्स और विक्टोरिया शामिल हैं। अपने शुरुआती दिनों में वो हॉथर्ण वेवर्ली और उसके बाद फिटज़्रोय डॉन कास्टर के लिए भी खेले। ब्रैड हॉज की तरह वो भी विक्टोरिया बुश्रेंजर्स के लिए खेले और एक अच्छे तेज़ गेंदबाज बने। उनका इंटरनेशनल क्रिकेट चोट के कारण काफी प्रभावित रहा। एक अच्छे गेंदबाज़ बनने की जगह, वो अपने करियर में चोट से परेशान रहे और वो कभी भी लगातार अच्छा नहीं कर पाए। विक्टोरिया और दिल्ली डेयरडेविल्स के कोच ग्रेग शिपर्ड ने कहा, "उनका चयन टी-20 टीम में ना चुने जाने से काफी हैरानी हुई थी।" 5- क्रिस गेल 9630-1467981204-800 क्रिस गेल को मॉडर्न क्रिकेट में एक बैड बॉय के तौर पर देखा जाता है। हालांकि जमैका के इस बल्लेबाज़ का अपने बोर्ड के साथ छत्तीस का आंकड़ा है, लेकिन फिर भी उन्होंने टीम को कई बार गर्व महसूस करवाया है। उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े है, जिसमें से एक है वो 22 अलग-अलग टीमों के लिए खेल चुके है। इस धाकड़ बल्लेबाज़ ने अपने करियर की शुरुआत लुकास क्रिकेट क्लब के साथ की और उन्होंने कहा भी, "अगर मैं लुकास के साथ नहीं होता, तो पता नहीं मैं आज कहाँ होता।" उन्होंने इसके अलावा, बरीसल बुल्स, बरीसल बरनर्स, ढाकर ग्लेडिएटर्स, जमैका, जमैका तलहवास, कोलकाता नाइटराइडर्स, लाहोर, लायंस, मेलबर्न रेनेगेड्स, पीसीए मास्टर इलेवन, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, समरसेट, स्टैनफोर्ड सुपरस्टार्स, सिडनी ठंडर, वेस्ट इंडियंस, वेस्ट इंडीज, वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के लिए भी खेले। इसकें अलावा वो 2005 में वो वर्सेस्टीशायर और हाइवेल्ड़ लायंस के लिए 2014 में भी खेले। गेल को 2012 में हुई श्रीलंका प्रीमियर लीग के लिए युवा नैक्सट में भी चुना गया। इसकें अलावा वो टेस्ट में ट्रिपल सेंचुरी, वनडे में डबल सेंचुरी और टी-20 में सेंचुरी लगाने वाले इकलौते बल्लेबाज़ है। लेखक- रॉय शुवो, अनुवादक- मयंक महता

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