IPL 2018: 5 खिलाड़ी जो सीमित ओवर में टीम इंडिया की नंबर-4 की परेशानी का हल हो सकते हैं

आईपीएल का बुख़ार पूरे देश पर छा चुका है। क्रिकेट फ़ैस कुछ बेहतरीन खेल देख कर रोमांचित हो रहे हैं। विदेशी खिलाड़ियों के साथ-साथ भारतीय खिलाड़ी भी इस आईपीएल सीज़न में धमाल मचा रहे हैं। आईपीएल हमेशा भारतीय खिलाड़ी के लिए अपने हुनर को दिखाने का ज़रिया रहा है, इस टूर्नामेंट के ज़रिए राष्ट्रीय टीम के रास्ते खुल जाते हैं। टीम इंडिया के चयनकर्ता आईपीएल में भारतीय खिलाड़ियों पर नज़र रखते हैं ख़ासकर मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ों पर। भारतीय टीम में नंबर 4 की पोज़ीशन पर श्रेयस अय्यर, मनीष पांडेय और दिनेश कार्तिक को आज़माया है, लेकिन ज़्यादा कामयाबी हासिल नहीं हुई है। हांलाकि आईपीएल में टी-20 का वनडे टीम में चयन का आधार नहीं हो सकता लेकिन अभी अगले वर्ल्ड कप में एक साल का वक़्त बचा है। ऐसे में चयनकर्ता उन खिलाड़ियों को मौका दे सकते हैं जो आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हम यहां उन 5 खिलाड़ियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं जो टीम इंडिया में नंबर-4 की परेशानी का हल हो सकते हैं।

#5 नीतीश राणा

नीतीश राणा को इस साल की आईपीएल नीलामी में कोलकाता नाइटराइडर्स टीम ने 3.4 करोड़ की क़ीमत में ख़रीदा है, जो उनकी बेस प्राइस से 17 गुणा ज़्यादा है, लेकिन राणा ने टीम मैनेजमेंट को निराश नहीं किया। दिल्ली के रहने वाले इस खिलाड़ी ने मौजूदा आईपीएल सीज़न में केकेआर टीम के लिए कुछ अच्छी पारियां खेलीं हैं। उन्होंने 8 मैच में 31.33 की औसत और 135.25 की स्ट्राइक रेट से 188 रन बनाए हैं। उनकी बल्लेबाज़ी की सबसे अच्छी बात ये रही कि वो दबाव में बढियां बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। वो टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर को मज़बूतू दे सकते हैं, इसके अलावा वो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ के विकल्प भी बन सकते हैं। इसके अलावा वो स्पिन गेंदबाज़ी भी कर सकते हैं।

#4 सूर्यकुमार यादव

मुंबई इंडियंस के सूर्यकुमार यादव इस आईपीएल में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। इस पहले वो केकेआर टीम का हिस्सा थे और जहां वो साल 2014 से बरक़रार थे। साल 2017 में ख़राब प्रदर्शन की वजह से उन्हें इस साल केकेआर ने रिटेन नहीं किया। यादव ने इस सीज़न के 9 मैच में 37.77 की औसत से 340 रन बनाए हैं। मुंबई इंडियंस टीम में वो पहले नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे, फिर उन्हें ओपनिंग करने के लिए भेजा गया। यादव राष्ट्रीय टीम के लिए धरोहर साबित हो सकते हैं क्योंकि वो किसी भी हालात में अच्छी बल्लेबाज़ी करना जानते हैं।

#3 ऋषभ पंत

ऋषभ पंत भारत के एक उभरते हुए सितारे हैं, उन्होंने आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में कई शानदार पारियां खेलीं हैं। बाएं हाथ के इस विकेटकीपर बल्लेबाज़ को टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला था लेकिन वो उसका फ़ायदा नहीं उठा पाए। हांलाकि इसका असर उनकी बल्लेबाज़ी पर नहीं पड़ा है। 20 साल के इस खिलाड़ी ने आईपीएल के पहले 9 मैच में 375 रन की पारी खेली है, उनका औसच 41.66 और स्ट्राइक रेट 180.28 का रहा है। जैसे-जैसे वो आईपीएल में आगे बढ़ रहे हैं, उनके लिए वनडे टीम में जाने के रास्ते खुलते जा रहे हैं। उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी टीम इंडिया के लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकती है।

#2 संजू सैमसन

संजू सैमसन ने साल 2013 में राजस्थान रॉयल्स की तरफ़ से आईपीएल में डेब्यू किया था, उस वक़्त वो 18 साल के थे। उन्होंने पहले ही सीज़न में अपने प्रदर्शन सबका दिल जीता था। आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत उनको टीम इंडिया की तरफ़ से टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला, लेकिन वो सिर्फ़ एक ही मैच खेल पाए। संजू आईपीएल में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन घरेलू सर्किट में उनसे और अच्छे खेल की उम्मीद है। हांलाकि सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी में वो केरल टीम के टॉप स्कोरर रहे थे। मौजूदा आईपीएल सीज़न के 8 मैच में उन्होंने 40.28 की औसत और 145.36 की स्ट्राइक रेट से 282 रन बनाए हैं। इस वक़्त वो भारतीय टीम में बैक-अप विकेटकीपर की भी भूमिका निभा सकते हैं। ये बात ध्यान में रखने वाली है कि वो स्टार गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ अच्छी बल्लेबाज़ी करते हैं।

#1 अंबाती रायुडू

आईपीएल 2018 की शुरुआत में क्रिकेट के पंडितों ने अंबाती रायुडू के करियर को लेकर आशंकाएं पैदा कीं थीं, क्योंकि उनका पिछला सीज़न काफ़ी बुरा रहा था, जिसमें उन्होंने 18.20 की औसत से 91 रन बनाए थे। इस सीज़न में रायुडू ने 9 मैच में 391 रन बनाकर सबको चौंका दिया है। इस दौरान उनका औसत 43.44 और स्ट्राइक रेट 153.93 रहा है। उन्होंने साल 2010 से आईपीएल खेला है, इसके अलावा वो साल 2013 और 2015 के बीच टीम इंडिया का हिस्सा रहे हैं। हांलाकि वनडे में 50.23 की औसत के बावजूद वो टीम इंडिया से बाहर हो गए थे। उनकी कमज़ोरी ये थी कि वो बढ़ियां बॉलिंग अटैक के ख़िलाफ़ नहीं खेल पा रहे थे। अब वो नए आत्मविश्वास से भरे हुए हैं, ऐसे में उनहें वनडे में शामिल करना फ़ायदेमंद साबित हो सकता है। लेखक- रैना सिंह अनुवादक- शारिक़ुल होदा