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एक खिलाड़ी जो 1983 विश्व कप के फाइऩल और सेमीफाइनल दोनों में भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी था, वह टेस्ट क्रिकेट में अपनी बेहद साहसी बल्लेबाजी के लिए और अधिक जाना जाता था। 1983 में मोहिंदर अमरनाथ ने वेस्टइंडीज और पाकिस्तान के रूप में दुनिया के दो सबसे अच्छे तेज गेंदबाजी आक्रमण का सामना किया और खूब सारे रन बटोरे। हालांकि उनके करियर में गिरावट 1986 के समय से आनी शुरु हुई और आखिरकार 1988 में उन्होंने अपने करियर का आखिरी टेस्ट खेला। अपने चिर प्रतिद्वदी पाकिस्तान के खिलाफ निराशजनक सीरीज के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ भी वह नाकाम साबित हुए। उस दौरान खेले गए 15 टेस्ट मैचों में उन्होंने 33.23 की औसत से रन बनाए (करियर औसत 42.50) और एक शतक लगाया। अमरनाथ ने उस श्रृंखला के बाद कोई भी टेस्ट नहीं खेला।
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