एकदिवसीय मैचों की एक पारी में 5 या उससे ज्यादा विकेट लेना किसी भी गेंदबाज के लिए काफी खास मौका होता है। यह कारनामा करना आसान काम भी नहीं है । अब तक खेले सभी एकदिवसीय मैचों को मिला दें तो सिर्फ 445 बार ही गेंदबाजों ने यह कारनामा किया है। अगर औसत देखे तो हर 9वें मैच में ऐसा होता है। अगर कोई भी गेंदबाज 5 या उससे ज्यादा विकेट लेना है तो उसके टीम के जीतने का मौका काफी बढ़ जाता है। आपने देखा होगा जब भी गेंदबाज ऐसा करता है तो वह गेंद अपने साथ ले जाता है जो एक खास अनुभव होता है। आइये कुछ महान गेंदबाजों की लिस्ट देखते हैं जो अपने देश के लिए सिर्फ एक बार ही ऐसा करनामा कर पाए: इमरान खान, पाकिस्तान पाकिस्तान के लिए 175 मैच खेलने वाले इमरान अपने समय के एक जबरदस्त ऑलराउंडर थे। इमरान ने अपने करियर में 3.89 की इकॉनमी और 26.61 की औसत से गेंदबाजी की अपने 18 साल लम्बे करियर के दौरान वो पाकिस्तान के सबसे सफल कप्तान रहे। इमरान की कप्तानी में ही पाकिस्तान ने 1992 का विश्वकप भी जीता था। लेकिन इमरान सिर्फ एक बार ही 5 विकेट लेने का कारनामा कर पाए। भारत के खिलाफ शारजाह में उनका प्रदर्शन 10 ओवरों में 6/14 था। इमरान ने रवि शास्त्री, श्रीकांत, दिलीप वेंगसरकर, सुनील गावस्कर, मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल का विकेट लिया था, लेकिन उसके अलावा से वो 3 बार ऐसा करने के नजदीक तो पहुंचे, पर असफल रहे और उन्हें 4 विकेट से ही संतोष करना पड़ा।
कोर्टनी वॉल्श, वेस्टइंडीज
टेस्ट मैचों के सबसे खतरनाक गेंदबाजों एक वॉल्श वनडे में वैसा कारनामा नहीं कर पाए। जहाँ टेस्ट में उन्होंने 22 बार पारी में 5 विकेट लिए तो वहीं वनडे में ऐसा सिर्फ एक बार ही करने में सफल हुए। वॉल्श ने अपने करियर के शुरुआत में ही श्रीलंका के खिलाफ ऐसा किया जब उन्होंने दिलीप मेंडिस, अशांता डी मेल, रवि रत्ननायके, रमेश रत्नायके और ग्रीम लैबरॉय का शिकार किया था।। उसके अलावा वॉल्श ने 6 बार 4 विकेट तो लिए पर 5 लेने में सफल नहीं हो सके। कपिल देव, भारत कपिल के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि वो 1983 विश्वविजेता टीम के कप्तान थे। वो एक जबरदस्त गेंदबाज भी थे और 27.02 की शानदार औसत से 253 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। अपने 16 साल लम्बे अन्तर्राष्ट्रीय करियर में कपिल ने 225 वनडे में सिर्फ एक बार 5 विकेट ही ले पाए। 1983 में ऑस्ट्रेलया के खिलाफ रॉड मार्श, केन मैकलेय, केपलर वेसल्स, टॉम होगन और ज्योफ लॉसन का विकेट हासिल किया था पर टीम को जीत नहीं दिला पाए थे। अपने करियर में कपिल 3 मौकों पर 4 विकेट तक पहुंचे पर उसे 5 में तब्दील करने में असफल रहे । ज़हीर खान, भारत ज़हीर खान की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्विंग गेंदबाजों में होती है। ज़हीर का वनडे औसत 30.11 का है वो भी उस देश के लिए खेलते हुए जो तेज़ गेंदबाजों के लिए नहीं जाना जाता था। उन्होंने अपने गेंदबाजी से काफी कारनामे भी किये हैं और भारत को 2011 विश्वकप जीतने में महत्वपूर्ण योगदान भी दिया है। लेकिन वो अपने वनडे करियर में सिर्फ एक बार ही मैच में 5 विकेट ले पाए। श्रीलंका के खिलाफ 2007 में ज़हीर ने उपुल थरंगा, सनथ जयसूर्या, कुमार संगकारा, फरवीज़ महारूफ और मलिंगा बंडारा का विकेट लेकर टीम को जीत दिलाई थी। ज़हीर हमेशा नई गेंद से सफलता दिलाने के लिए जाने जाते रहे हैं। वो 7 अन्य मौकों पर भी 5 विकेट लेने के कगार पर तो पहुचे पर उन्हें 4 विकेट से ही संतोष करना पड़ा। शेन वॉर्न, ऑस्ट्रेलिया इस सूची में वॉर्न का नाम आना सभी के लिए आश्चर्य की बात है लेकिन सच्चाई यही है। ऑस्ट्रेलिया के लिए खेले 193 मैचों 25.83 की औसत से 291 विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने सिर्फ एक बार ही 5 या उससे ज्यादा विकेट लेने का कारनामा किया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ सिडनी में वार्न ने कोर्टनी वाल्श, रोलाण्ड होल्डर, जूनियर मरे, निक्सन मैक्लीन और केनी बेंजामिन का विकेट लेकर ऐसा कारनामा किया था। 1999 विश्वकप के सेमीफाइनल और फाइनल के 'मैन ऑफ़ द मैच' रहे वॉर्न दुनिया से सर्वश्रेष्ठ फिरकी गेंदबाज माने जाते हैं। 5 विकेट की दहलीज पर वॉर्न 12 अन्य मौके पर पहुचे पर उन्हें 4 विकेट से ही संतोष करना पड़ा।