# माइकल होल्डिंग
सोचिए, माइकल होल्डिंग अपनी पूरी लय में, पैर सही चल रहे है और गेंद बिलकुल सही टप्पे पर, उससे ज्यादा खतरनाक कुछ नहीं हो सकता। वो एक ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने उछाल वाली विकटों पर अपना खौफ पैदा किया।
हालांकि ग्रेग चैपल ने उनकी गति का अच्छा फायदा उठाया और गाबा की विकेट पर उनकी अच्छी क्लास ली। वेस्ट इंडीज के 214 रन पर ऑल आउट होने जाने के बाद, जिसमें होल्डिंग ने कुछ अच्छे शॉट्स लगाए थे, उसके बाद इस तेज़ गेंदबाज ने 20 ओवर्स डाले और सिर्फ 81 रन दिए, हालांकि वो विकेट लेने में नाकाम रहे।
दूसरी पारी में लॉंरेंस रॉ और एल्विन कालीचरन की साझेदारी की बदौलत वेस्टइंडीज ने मेज़बान टीम के सामने 219 रन का लक्ष्य रखा। ग्रेग चैपल ने के बार फिर शानदार बल्लेबाज़ी की और शतक जमाया। होल्डिंग के लिए दूसरी पारी भी निराशाजनक रही और उन्होंने 10 ओवर्स में 46 रन दिए और एक बार फिर वो विकेट लेने में नाकाम रहे। इसका मतलब था की उन्हें अपनी पहली विकेट के लिए पर्थ का इंतज़ार करना था।
वाका पर होल्डिंग ने अपनी क्लास दिखाई और अपने खतरनाक स्पैल से ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम को तहस-नहस कर दिया, जिससे उन्होंने टीम को जीत की तरफ अग्रसर कर दिया था। अपने करियर के अंत तक उन्होंने 60 मुकाबलों में 23.68 की औसत से 249 विकेट अपने नाम किए थे।