दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी-20 सीरीज से डेविड वॉर्नर ने ऑस्ट्रेलिया के लिए धमाकेदार आगाज किया। वॉर्नर की विस्फोटक बल्लेबाजी को देखकर उन्हें वनडे और टी-20 का बेहतरीन खिलाड़ी माना गया। उन्हें पूर्व दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट के रिप्लेसमेंट के तौर पर देखा गया और अपनी धाकड़ बल्लेबाजी से उन्होंने इसको साबित भी किया। आक्रामक बल्लेबाजी की वजह से वॉर्नर को सिर्फ वनडे और टी-20 का ही बल्लेबाज माना गया, टेस्ट मैचों का नहीं। लेकिन वॉर्नर ने वनडे और टी-20 की तरह टेस्ट मैचको भी उसी तरह अपना लिया। टेस्ट मैचों में वॉर्नर ने काफी अच्छी बल्लेबाजी की। 61 टेस्ट मैचों में वॉर्नर 48.70 की औसत से 5309 रन बना चुके हैं। क्रिकेट के लंबे प्रारुप में वो अब तक 18 शतक भी जड़ चुके हैं। वॉर्नर की खूबी ये है कि टेस्ट मैचों में भी मौका मिलने पर वो गेंद को बाउंड्री लाइन से बाहर पहुंचाने में नहीं चूकते। वहीं दूसरी तरफ जरुरत पड़ने पर वो काफी धैर्य के साथ भी बल्लेबाजी करते हैं। इसी वजह से उन्हें टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलियाई टीम का उपकप्तान बनाया गया है और लंबे प्रारुप में वो टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज बन गए हैं।