5 ऐसे महान क्रिकेटर जिन्होंने अनावश्यक रुप से अपने टेस्ट करियर को लंबा खींचा

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4. कपिल देव kapil-dev-1480534338-800 कपिल देव को क्रिकेट के हर विभाग में महारत हासिल थी । वो भारत के पहले भरोसेमंद तेज गेंदबाज थे । 1978 में जब चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने अपना डेब्यू किया तो भारतीय तेज गेंदबाजों की अधिकतर गेंदे बल्लेबाज के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर स्लिप में जाती थी, लेकिन कपिल के आने के बाद विकेटकीपर के हाथ में भी कैच जाने लगा । इंग्लैंड के बेहतरीन तेज गेंदबाज फ्रेड ट्र्यूमेन उन्हें काफी पसंद करते थे और 'दर्शक की खुशी' कहते थे । कपिल देव को कभी अपना जोड़ीदार तेज गेंदबाज नहीं मिला, जिसकी वजह से उन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़ती थी । लेकिन फिर भी उनकी न्यूजीलैंड के महान ऑलराउंडर रिचर्ड हैडली के साथ टेस्ट मैचों में एक दूसरे से ज्यादा विकेट लेने की प्रतिस्पर्धा चलती रही । लेकिन 1 जून 1992 से लेकर मार्च 1994 में अपने रिटॉयरमेंट तक वो 16 टेस्ट मैचों में मात्र 33 विकेट ले सके ।जबकि इससे पहले 115 टेस्ट मैचों में उन्होंने 401 विकेट लिए थे । हालांकि बल्ले से तो कपिल देव का शानदार प्रदर्शन जारी रहा, लेकिन पेस में कमी के कारण उनकी स्विंग में कमी आ गई । लेकिन फिर भी वो रिचर्ड हेडली का रिकॉर्ड तोड़ने में सफल रहे और जब उन्होंने संन्यास लिया तो उस समय वो टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे ।