क्रिकेट एक बहुत प्रतिस्पर्धी खेल है जिसमें हर साल कई अंतरराष्ट्रीय खेल खेले जाते हैं। बहुत से खिलाड़ी आते हैं, और कई खिलाड़ी हर साल जाते हैं लेकिन कुछ ही नाम लंबे समय तक हमें याद रहते हैं। केवल कुछ भाग्यशाली खिलाड़ी अपनी विरासत को मजबूत करके और आने वाले सालों में अपने प्रशंसकों को याद रखने के लिए क्रिकेट की दुनिया पर अपनी महानता के निशान छोड़ जाते हैं। प्रतिस्पर्धा की इस दुनिया में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां खिलाड़ियों ने अपनी अविश्वसनीय प्रतिभा की झलक दिखायी लेकिन इसे अधिक समय तक बनाए रख सके और इस प्रकार आज शायद ही कोई उन्हें याद करता है। इस मुद्दे में हम उन गेंदबाजों में से कुछ पर नजर डालेंगे जिन्हें क्रिकेट प्रशंसकों द्वारा बहुत याद नहीं किया जाता है लेकिन उनके नाम पर कम से कम एक बेहतरीन मैच जीताऊ प्रदर्शन दर्ज है। सूची में चार अलग-अलग महाद्वीपों और पांच क्रिकेट देशों के खिलाड़ी शामिल हैं। इसमें एशिया के दो खिलाड़ी और अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिकी पक्ष के प्रत्येक खिलाड़ी हैं। इन सितारों के बारे में एक बात खास है कि वे सभी उभर कर तब सामने आये जब उनके टीम में शामिल सभी प्रसिद्ध खिलाड़ी अपना प्रदर्शन करने में नाकाम रहे, लेकिन दुर्भाग्यवश शायद ही कोई उन्हें आज याद करता है- #5 राना नावेद-उल-हसन: 6-27 बनाम भारत, 2005
2005 में पाकिस्तान के भारत दौरे के दौरान पाकिस्तानी तेज गेंदबाज ने सबका ध्यान आकर्षित किया जहां मेहमान टीम श्रृंखला को 4-2 के अंतर से जीतने में कामयाब रही। सीरीज में उसका सबसे बड़ा दिन जमशेदपुर में खेले गये तीसरे वनडे के दौरान आया जहां उन्होंने तेंदुलकर, सहवाग, द्रविड़, गांगुली और धोनी जैसे बड़े नामों के साथ एक मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप के खिलाफ 6 विकेट लिए। नावेद-उल-हसन का प्रदर्शन पाकिस्तान के लिए श्रृंखला का सबसे बड़ा मोड़ था क्योंकि टीम छह मैचों की श्रृंखला में अपनी पहली जीत हासिल करने में कामयाब रही, जो श्रृंखला जीतने का एक आखिरी मौका भी था। राना ने अपने प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच पुरस्कार जीता जिसने पाकिस्तान को 106 रनों के अंतर से बड़ी जीत हासिल करने में मदद की। पारी के दौरान उनकी इकॉनमी रेट 3.12 थी जो वनडे करियर की इकॉनमी रेट 5.5 से अधिक से काफी बेहतर थी। कुल मिलाकर राना ने पाकिस्तान के लिए 74 एकदिवसीय मैच खेले लेकिन फिर से उसी प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहे। वास्तव में वह तेज गेंदबाज के वनडे करियर का इकलौता पांच विकेट का आंकड़ा था। उन्होंने 29 से अधिक औसत और 31 से अधिक की स्ट्राइक रेट से 110 विकेट लिए। राना ने आखिरी बार 2010 में पाकिस्तान के लिए पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय मैच खेला था।
#4 ब्रायन स्ट्रैंग: 6-20 बनाम बांग्लादेश, 1997
ब्रायन स्ट्रैंग ने 49 एकदिवसीय मैचों में जिम्बाब्वे का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने 37 से अधिक की औसत के साथ औसत टीम के लिए 46 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ दिन 1997 में आया था जब उन्होंने नैरोबी में आयोजित प्रेसिडेंट कप के चौथे मैच में बांग्लादेश के खिलाफ मैच में 20 रन देकर 6 विकेट लिए, जो तब तक एक टेस्ट राष्ट्र नहीं था। उनके प्रदर्शन से जिम्बाब्वे ने 192 रनों के विशाल अंतर से जीत हासिल की। पारी में उनकी इकॉनमी रेट 2.00 थी और उन्होंने पारी के दौरान कुछ मेडन ओवर भी डाले। बाएं हाथ के मध्यम गेंदबाज को एक बार ग्रह का "सबसे उबाऊ गेंदबाज" के रूप में वर्णित किया गया था। उनके भाई पॉल स्ट्रैंग ने भी राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 2001 में आखिरी बार जिम्बाब्वे के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ एकदिवसीय मैच खेला था।
#3 स्टुअर्ट बिन्नी: 6-4 बनाम बांग्लादेश, 2014
भारत के स्टुअर्ट बिन्नी ने 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ सबसे अविश्वसनीय गेंदबाजी प्रदर्शनों में से एक का प्रदर्शन किया, जब उन्होंने 1 से भी कम की इकॉनमी रेट पर सिर्फ 4 रन पर 6 विकेट चटका डाले। उनके इस प्रदर्शन ने टीम को बांग्लादेश के खिलाफ अपमानजनक हार से बचाया। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम स्कोरबोर्ड पर केवल 105 रन ही लगा सकी थी। जवाब में बिन्नी ने समय बर्बाद नहीं किया और केवल 4.4 ओवरों में 6 विकेट से हराकर बांग्लादेशी टीम को केवल 58 रनों पर रोकने में मदद की व टीम इंडिया के लिए एक शानदार जीत अर्जित की। कुल मिलाकर 34 वर्षीय ने खिलाड़ी ने टीम इंडिया के लिए कुल 14 एकदिवसीय मैच खेले हैं। उन्होंने 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कानपुर में भारत के लिए एकदिवसीय मैच खेला था।
#2 विस्टन डेविस, 7-51 बनाम ऑस्ट्रेलिया, 1983
अगर यह तेज़ गेंदबाज़ किसी अन्य क्षेत्र में जन्म लेता है तो शायद बहुत अधिक खेला होता। 80 के दशक के इस कैरेबियन स्टार को वनडे में अविश्वसनीय रूप से सिर्फ 35 मौकों पर अपनी मजबूत तेज गेंदबाजी का प्रदर्शन करने का मौका मिला और उनका सबसे बड़ा दिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1983 विश्वकप में आया जहां उन्होंने सात विकेट लिए और अपनी टीम को 1975 के फाइनलिस्ट को 101 रनों से हराने में मदद की। उनके इस प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच पुरस्कार भी दिया गया। डेविस ने वेस्टइंडीज के लिए 33 से अधिक औसत और लगभग 4 की इकॉनमी रेट से कुल 39 विकेट लिए। उन्होंने 1988 में भारत के दौरे के दौरान आखिरी बार कैरीबियाई टीम के लिए खेला था।
# 1 एंडी बिकेल: 7-20 बनाम इंग्लैंड, 2003
इस ऑस्ट्रेलियाई स्टार ने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित 2003 विश्वकप में इंग्लैंड के खिलाफ अपने अद्भुत प्रदर्शन के कारण इस लिस्ट में पहला स्थान हासिल किया है। एंडी बिकेल का मैन ऑफ द मैच प्रदर्शन किसी दिलचस्प कहानी से कम नहीं था। घायल जेसन गिलेस्पी के स्थान पर टीम में शामिल किए गए बिकेल ने विश्व कप के इतिहास के सबसे अच्छे प्रदर्शन में से एक देकर इंग्लिश टीम को 204 रनों पर रोकने का काम किया। जवाब में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए बल्ले से योगदान देते हुए दो विकेट से जीत दिलाने में मदद की। कुल मिलाकर उन्होंने 67 से अधिक वनडे मैचों में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया और 31 के औसत से कुल 78 विकेट लिए। उन्होंने आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया के लिए 2004 में भारत के खिलाफ वनडे में खेला था। लेखक- बिलाल के अनुवादक- सौम्या तिवारी