IPL के ऐसे रिकॉर्ड्स जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे

इंडियन प्रीमीयर लीग शायद विश्व का सबसे ज़्यादा देखा जाने वाला टी-20 लीग है। इस टूर्नामेंट की शुरुआत साल 2008 में हुई थी। अब ये टूर्नामेंट अपने 11वें साल में प्रवेश कर चुका है। इन दस सालों में कई रिकॉर्ड बने और कई टूटे। सबसे ज़्यादा याद किया जाने वाला रिकॉर्ड वेस्टइंडीज़ के विस्फोटक बल्लेबाज़ क्रिस गेल का है। जिन्होंने 175 रन की शानदार पारी खेली थी। इसके अलावा टीम इंडिया के कप्तान और आरसीबी टीम के विराट कोहली का एक सीज़न में 4 आईपीएल शतक भी हमेशा याद किया जाता है। कई और रिकॉर्ड ऐसे भी हैं जो चर्चा में आए और ख़बरों की सुर्ख़ियां बने। हम यहां ऐसे ही उन 5 रिकॉर्ड्स के बारे में बात करेंगे जो शायद आप नहीं जानते होंगे या फिर भी वक़्त के साथ भुला दिए गए हैं।

#1 मनीष पांडेय और पॉल वॉलथैटी ऐसे 2 अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने आईपीएल में शतक लगाया है

आईपीएल का एक लक्ष्य है “यहां प्रतिभा को अवसर मिलता है”, इस टूर्नामेंट के ज़रिए कई युवा खिलाड़ियों को अपना हुनर दिखाने का मौक़ा मिला है और कई नए खिलाड़ी सुर्ख़ियों में आए हैं। इस टूर्नामेंट में मनीष पांडेय और पॉल वॉलथैटी ही ऐसे अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने शतक लगाया है। मनीष पांडेय ने साल 2009 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर की तरफ़ से खेलते हुए डेक्कन चार्जर्स के ख़िलाफ़ सेंचुरियन ग्राउंड में शतक लगाया था। पॉव वॉलथैटी ने साल 2011 में में मोहाली के मैदान में चेन्नई सुपरकिंग्स के ख़िलाफ़ 63 गेंदों में 120 रन बनाया था। आईपीएल में शतक लगाने के सात साल बाद मनीष पांडेय भारतीय वनडे और टी-20 टीम में शामिल हुए, वहीं पॉल वॉलथैटी की चमक अब फीकी हो चुकी है।

#2 सुरेश रैना ने दो बार मैच की दूसरी गेंद पर छक्का लगाया है

सुरेश रैना को अकसर ‘मिस्टर आईपीएल’ कहा जाता है। इस टूर्नामेंट के इतिहास में रैना ने चेन्नई सुपरकिंग्स और गुजरात लॉयंस की तरफ़ से खेलते हुए कई रिकॉर्ड बनाए हैं। चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ़ से खेलते हुए उन्होंने अपने पहले मैच की दूसरी गेंद पर छक्का लगाया था। इस तरह उन्होंने अपने आईपीएल करियर की शानदार शुरुआत की थी। अपने आईपीएल डेब्यू के क़रीब 8 साल बाद 2016 में उन्होंने नई टीम गुजरात लॉयंस का दामन थामा। रैना ने इस टीम की तरफ़ से खेलते हुए अपना इतिहास दोहराया और मैच की दूसरी गेंद पर शानदार छक्का लगाया। दिलचस्प बात ये है कि ये दोनों रिकॉर्ड मोहाली के आई एस बिंद्रा स्टेडियम मोहाली में बनाए गए थे।

#3 ब्रैंडन मैकुलम – केकेआर टीम के इकलौते शतकवीर

कोलकाता नाइटराइडर्स टीम में शतक लगाने वाले खिलाड़ियों की संख्या न के बराबार है। पहले आईपीएल के पहले ही मैच में न्यूज़ीलैंड के ब्रैंडन मैकुलम ने 73 गेंदों में शानदार 158 रन बनाए थे। केकेआर टीम के किसी भी खिलाड़ी की तरफ़ से ये अब तक का एकमात्र शतक है। ईडेन गार्ड्न्स मैदान की धीमी पिच इसकी वजह बन सकती है। हांलाकि ईडेन गार्डेन्स की पिच पर नई परत चढाई गई है जिससे बल्लेबाज़ों को आसानी होती है और पेस गेंदबाज़ों को मदद मिलती है। ऐसे में शायद हम नए रिकॉर्ड्स बनते देख पाएंगे।

#4 एसीए वीडीसीए स्टेडियम विशाखापट्टनम– 4 आईपीएल टीम का होम ग्राउंड

विशाखापट्टनम का वाईएसआर रेड्डी एसीए वीडीसीए स्टेडियम आईपीएल का इकलौता स्टेडियम है जो 4 आईपीएल टीम का होम ग्राउंड रहा है। इसमें डेक्कन चार्जर्स (साल 2012), सनराइज़र्स हैदराबाद (साल 2016), मुंबई इंडियंस (साल 2016) और राइज़िंग पुणे सुपरजायंट (साल 2016) शामिल हैं। साल 2016 में महाराष्ट्र में सूखे की वजह से आईपीएल का वेन्यू बदलकर विशाखापट्टनम कर दिया गया था। इसके आलावा आख़िरी साल राइज़िंग पुणे सुपरजायंट टीम का वेन्यू इसी वजह से बदला गया था। मुंबई का डीवाई पाटिल स्टेडियम (मुंबई इंडियंस, डेक्कन चार्जर्स और पुणे वॉरियर्स इंडिया), कटक का बारबती स्टेडियम (डेक्कन चार्जर्स, कोलकाता नाइटराइडर्स, किंग्स इलेवन पंजाब) और पुणे क महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम (पुणे वॉरियर्स इंडिया, दिल्ली डेयरडेविल्स और किंग्स इलेवन पंजाब) ऐसे ग्राउंड है जो 3 अलग-अगल आईपीएल टीम का होम ग्राउंड रहा है।

#5 प्रज्ञान ओझा इकलौते स्पिनर जिन्होंने पर्पल कैप हासिल किया है।

भारत के प्रज्ञान ओझा आईपीएल इतिहास के इकलौते ऐसे स्पिन गेंदबाज़ हैं जिन्होंने पर्पल कैप हासिल किया है। आईपीएल 2010 में उन्होंने 16 मैच में 7.29 की इकॉनमी रेट से 21 विकेट हासिल किए थे। अब तक हुए 10 आईपीएल टूर्नामेंट में पर्पल कैप हासिल करने वालों की लिस्ट इस प्रकार है- सोहैल तनवीर (साल 2008), आरपी सिंह (साल 2009), प्रज्ञान ओझा (साल 2010), लसिथ मलिंगा (साल 2011), मॉर्ने मॉर्कल (साल 2012), ड्वेन ब्रावो (साल 2013), मोहित शर्मा (साल 2014), ड्वेन ब्रावो (साल 2015), भुवनेश्वर कुमार (साल 2016), भुवनेश्वर कुमार (साल 2017)। लेखक – अथर्व आपटे अनुवाक – शारिक़ुल होदा

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