साल 2007 के बाद अगर चैंपियंस ट्रॉफी 2013 को छोड़ दे तो भारतीय टीम का इंग्लैंड दौरे पर कुछ खास नहीं कर पाई है। कुछ खिलाड़ियों ने निजी स्तर पर बेहतर खेल दिखाया है लेकिन टीम एकजुट होकर नहीं खेल पाई है। इंग्लैंड टीम ने खेल के हर विभाग में भारतीय टीम को चित कर दिया है। कुछ समय से इंडिया के पास ऐसे खिलाड़ियों की कमी थी जो इंग्लैंड की परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन कर सके लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। भारतीय टीम हमेशा अपनी स्पिन गेंदबाजी के लिए जानी जाती रही है लेकिन जब टीम के पास शानदार तेज गेंदबाज भी हैं। इसके साथ ही ऐसे कलाई के गेंदबाज है जिन्होंने लगभग सभी सीरीज में विरोधी बल्लेबाजों को पटखनी दी है। इसके लिए आईपीएल भी काफी हद तक मददगार रहा है। यहां नए खिलाड़ियों को धुरंधरों के साथ खेलने का मौका मिलता है और वह सीखते हैं की प्रेशर में कैसे बेहतर खेल दिखाना है। आज हम उन गेंदबाजों के बारे में बात करेंगे जो इस दौरे पर मेजबान टीम के लिए मुसीबत बन सकते हैं।
#5 उमेश यादव
उमेश यादव काफी समय से टीम से बाहर चल रहे हैं लेकिन उन्होंने समय पर वापसी कर ली है। आईपीएल में शानदार गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 20 विकेट चटकाए थे और पर्पल कैप जीतने वाले गेंदबाज से सिर्फ 4 विकेट पीछे रह गए थे. उसके बाद अफगानिस्तान के खिलाफ हुए टेस्ट मैच में भी उन्होंने अपने इनस्विंग और आउटस्विंग से बल्लेबाजों को खासा परेशान किया और 4 विकेट भी झटके। इसके साथ ही वह टेस्ट मैचों में 100 विकेट भी पूरा किया और ऐसा करने वाले 7वें भारतीय गेंदबाज बन गए। जब आयरलैंड के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में उन्हें खेलने का मौका मिला तो शुरूआती विकेट लेकर उन्होंने अपनी सभी को प्रभावित किया। उमेश यादव से उम्मीद की जा सकती है कि वह मिले मौके को दोनों हाथों से पकड़ेंगे। प्रेस कांफ्रेंस में यह माना भी कि उनके पास स्विंग और स्पीड दोनों है और इसके साथ से पहले से बेहतर कंट्रोल भी है। जिससे वह इंग्लिश बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकते हैं।
#4 युज़वेंद्र चहल
युज़वेंद्र चहल को आईपीएल की देन कहा जाए तो गलत नहीं होगा। 2016 में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण के बाद शायद ही वो कभी फेल हुए हैं। कुलदीप के साथ मिलकर उन्होंने कलाई गेंदबाजी की ऐसी जोड़ी बनाई है जिसने भारतीय टीम को कई बड़ी जीत दिलाई है। कुछ समय पहले तक टीम इंडिया के स्पिनर सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप में ही बेहतर खेल दिखा पाते थी लेकिन हाल ही में हुए दक्षिण अफ्रीका दौरे पर सब कुछ बदल गया। दोनों ही गेंदबाजों ने सीरीज में 10 से ज्यादा विकेट हासिल किए और तेज गेंदबाजों को कहीं पीछे छोड़ दिया। इसी की बदौलत टीम इंडिया ने वन-डे और टी20 सीरीज आसान जीत दर्ज की थी। इंग्लैंड में सीरीज होने के बावजूद चहल को अंतिम एकादश में जगह मिलना लगभग तय ही है। ऐसे में उनसे उम्मीद रहेगी कि इंग्लिश बल्लेबाजों को अंपने चंगुल में फंसकर टीम को जीत दिला सकें।
#3 कुलदीप यादव
कुलदीप यादव को एक आम गेंदबाज नहीं समझें। वह क्रिकेट इतिहास के चुनिंदा गेंदबाजों में से हैं, जिसे चाईनामैन गेंदबाज कहा जाता है। इसके साथ ही भारत की तरफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले भी वह पहले चाईनामैन गेंदबाज भी हैं। केकेआर की तरफ से खेलने का उन्हें काफी फायदा हुआ क्योंकि वहां ऑस्ट्रेलिया के ब्रैड हॉग से उन्हें काफी सीखने को मिला। दक्षिण अफ्रीका की तेज पिचों पर कुलदीप ने 17 विकेट झटके थे। आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों को छोड़ दे तो कुलदीप बाकि इंग्लैंड के खिलाड़ियों के लिए बिल्कुल नए होंगे औए वह किसी भी कंडीशन में गेंद को घुमा सकते हैं। ऐसे में इस सीरीज में इंग्लैंड के सामने कुलदीप की गेंदबाजी को समझना सबसे बड़ी चुनौती होगी। कुलदीप ने पहले टी20 मुक़ाबले में ही 5 शिकार करते हुए आने वाले मैचों के लिए अपना ट्रेलर दिखा दिया है।
#2 जसप्रीत बुमराह
जसप्रीत बुमराह भी आईपीएल की ही देन हैं। मुंबई इंडियनस में लसिथ मलिंगा के साथ गेंदबाजी करते हुए बुमराह आज विश्व क्रिकेट के सबसे खतरनाक गेंदबाज बन चुके हैं। अपने अजीबोगरीब एक्शन और सटीक योर्कर से उन्होंने लगातार बल्लेबाजों को परेशान किया है। टी20 और वन-डे में शानदार प्रदर्शन के बाद अपने पदार्पण टेस्ट सीरीज में भी उन्होंने सभी को खासा प्रभावित किया था। दक्षिण अफ्रीका दौरे में बुमराह ने कुल 23 बल्लेबाजों का शिकार किया। आयरलैंड के खिलाफ पहले टी20 मैच में लगी चोट की वजह से वह जरुर इस दौरे पर टी20 सीरीज से बाहर हो गए हैं लेकिन उम्मीद की जा रही है कि वह वन-डे और टेस्ट के लिए उपलब्ध रहेंगे। जहां सभी को उम्मीद रहेगी कि वह इंग्लैंड की मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप को बड़ा स्कोर बनाने से रोके और विकेट भी हासिल करें।
#1 भुवनेश्वर कुमार
इस सूची में पहले स्थान पर हैं भुवनेश्वर कुमार। वह गेंदबाज जो शुरुआत में एक स्विंग गेंदबाज माना जाता था, जिसके पास गति भी कम थी लेकिन समय के साथ भुवी ने अपनी गेंदबाजी पर काम किया और गति भी बढ़ाई। आज वह शुरूआती ओवरों में जहां स्विंग से बल्लेबाजों को परेशान करते हैं वहीं अंतिम ओवरों में सटीक यॉर्कर डालकर वह बल्लेबाजों को हाथ खोलने का मौका नहीं देते। अपने पिछले विदेशी दौरे में भुवी ने 19 विकेट झटके थे। इंग्लैंड की पिचें हमेशा से स्विंग गेदबाजों की मददगार रही हैं और ऐसे में भारतीय टीम और प्रशंसक भुवी से उम्मीद करेंगे कि वह रन रोकने के साथ-साथ बल्लेबाजों को पवेलियन भी भेजें। लेखक: दिब्यादर्शन पति अनुवादक: ऋषिकेश सिंह