राहुल द्रविड़ से हम जीवन के ये 5 मंत्र सीख सकते हैं

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4 अपने तरीकों पर भरोसे के साथ समर्पण बनाये रखना
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यह अक्सर देखा जाता है कि जब चीजें हमारे विरुद्ध जाने लगती हैं, तो लोग हम अपने तौर तरीकों में बदलाव लाते हैं और नई चीजों का प्रयास करते हैं, जो कभी-कभी काम कर सकते हैं या नहीं भी। ज्यादातर ऐसा करने पर विफलता ही मिलती है और यह अक्सर क्रिकेटरों के साथ भी होता है, जो अक्सर अपनी तकनीक या खेलने के तरीकों में बदलाव की कोशिश करते हैं, जब भी उनके फॉर्म में गिरावट आती है। कई अन्य महान बल्लेबाजों की तरह द्रविड़ भी कई बार अपने करियर में कठिन दौर से गुजरे थे, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अपनी तकनीक या अपनी बल्लेबाजी शैली को बदलने की कोशिश करने के बजाय वह अपनी उसी तकनीक को बनाये रखते हुए एक मनोवैज्ञानिक विश्वास के माध्यम से और मजबूत हो गए। कोई भी महान बल्लेबाज इस खेल में लंबे समय तक तभी सफल रह सकता है, यदि उसे अपने खेलने के तरीके में बहुत विश्वास हो और प्रतिकूल समय में भी अपनी शैली बदलाव लाने की बजाए अपनी बल्लेबाजी तकनीक को बदलने की बजाये अपने खेल को उसमे ढाला हो।