सौरव गांगुली से हम जीवन के ये 5 मंत्र सीख सकते हैं

ढींग हांकने वाले से भयभीत न हों

इमरान खान की कप्तानी में 1980 में जिस तरह से पाकिस्तानी टीम को वेस्टइंडीज के सामने कमजोर माना जाता था। उसी तरह से साल 2000 में सितारों से सजी ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने भर्ती टीम को कमजोर माना जाता था। लेकिन ईडन गार्डन में भारतीय टीम ने चमत्कारिक प्रदर्शन करते हुए क्रिकेट के इतिहास की सबसे लोकप्रिय सीरीज को 2-1 से जीत लिया। इस ऐतिहासिक जीत का श्रेय वीवीएस लक्ष्मण व राहुल द्रविड़ की रिकॉर्ड साझेदारी और हरभजन सिंह के हैट्रिक लेने वाले स्पेल को जाता था। इसके अलावा इस पूरी सीरीज में गांगुली की कप्तानी का भी असर देखने को मिला था। जिसमें स्टीव का टॉस के लिए इंतजार करवाना, अनुभवी सचिन से पहले लक्ष्मण को बल्लेबाज़ी के लिए भेजना और खिलाड़ियों में विश्वास पैदा करना गांगुली का अहम निर्णय रहा था। गांगुली ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को टीम पर हावी होने से पहले ही उन्हें हर मौके पर मुंहतोड़ जवाब दिया। गांगुली ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम में लड़ने का जज्बा पैदा किया। जिससे खिलाड़ियों में जीत हासिल करना का विश्वास जागा। जिसे हासिल करना भारत के लिए हमेशा चुनौती भरा रहा था। गांगुली के इस अंदाज से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। जिसमें सबसे अहम कभी किसी चीज से भयभीत नहीं होना चाहिए।

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