नैसर्गिक लीडर की पहचान और उनका मिलना बहुत ही कम बार होता है। अमेरिकी लेखक टॉम पीटर ने कहा है, “लीडर फॉलोवर्स नहीं बनाते हैं, बल्कि वे बहुत से लीडर बनाते हैं।” गांगुली की कप्तानी में यही चीज देखने को मिली थी, जिससे वह सच्चे लीडर साबित हुए थे। गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया बदलाव के दौर से गुजर रही थी। इस दौरान गांगुली ही थे, जिन्होंने हरभजन सिंह, जहीर खान, वीरेंदर सहवाग, युवराज सिंह और एमएस धोनी जैसे खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया और उन्हें विश्व क्रिकेट का लीडर बना दिया। पाकिस्तान के खिलाफ उनके एक निर्णय ने धोनी को साल 2005 में हीरो बना दिया था। धोनी ने अपनी 148 रन की पारी से लोगों अभिभूत किया था। लेकिन गांगुली ने ही उन्हें तीसरे नंबर पर भेजा था। यही नहीं गांगुली ने जो टीम तैयार की थी, उसने साल 2011 में भारत को विश्व विजेता बनाया था। उस टीम के ज्यादातर खिलाड़ी गांगुली की कप्तानी में निखरे थे। जिनमें से हर किसी में एक छुपा हुआ लीडर था। गांगुली की कप्तानी की ये खासियत थी कि वह सबको आगे बढ़ने का मौका देते थे।