जीवन से जुड़ी 5 बातें जो वीरेंदर सहवाग से सीखी जा सकती हैं

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# 2. प्रत्येक बच्चे के अन्दर के खिलाड़ी का विकास करना
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बचपन में सहवाग क्रिकेट सीखने के लिये 5 घंटों की यात्रा करते थे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि मौजूदा और साथ ही साथ भविष्य की पीढ़ी के छात्रों में खेल और शिक्षा का संतुलित बना रहे, इस प्रतिष्ठित क्रिकेटर ने अपने नाम पर एक स्कूल खोला है। जिसका नाम 'सहवाग इंटरनेशनल स्कूल' है, हरियाणा स्थित इस शैक्षणिक संस्थान में शिक्षा और खेल दोनों ही विधाओं को महत्व दिया जाता है। हालांकि भारत में खेलों का बुनियादी ढांचा हर साल मजबूत हो रहा है, फिर भी भारत खेल में ताक़त बनकर तब तक नही उभर सकता जब तक कि देश के बच्चों के बीच खेल संस्कृति स्थापित करने को महत्व नहीं दिया जाता। ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की तरह हमे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगातार सफलता तभी मिलेगी जब बचपन से ही हम खेलों को गले लगाने की परंपरा की शुरुआत करेंगे। https://youtu.be/p5S9LuRVTyg इस प्रकार, इस तरह के एक शैक्षिक संस्थान को खोलने की सहवाग की पहल ने न केवल उनके पिता के सपने को पूरा किया बल्कि आधुनिक खिलाड़ियों को विभिन्न खेलों में भाग लेने के लिए और पूरी तरह से विकसित करने के लिये प्रोत्साहित किया। वर्तमान पीढ़ी के माता-पिता के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि वे अपने बच्चों को उनके वीडियो गेम से दूर करें और असली खेल गतिविधियों का हिस्सा बनायें।