टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में क्रीज़ पर लंबे वक़्त तक टिके रहना किसी भी बल्लेबाज़ के लिए सबसे अहम होता है, जो कुछ मामलों में आज भी अहमियत रखता है। हांलाकि मौजूदा दौर में ये इतना ज़रूरी नहीं है। टेस्ट इतिहास में ऐसी भी पारियां देखने को मिली है जो मैराथन इनिंग्स हैं, कई बल्लेबाज़ों ने बेहद लंबे वक़्त तक लगातार क्रीज़ पर टिके रहने का रिकॉर्ड बनाया है। हांलाकि जब टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत हुई थी तब लंबी पारियों को घंटों के हिसाब से भी नापा जाता था, लेकिन एक बल्लेबाज़ ने कितनी गेंदों का सामना किया इस हिसाब से पारी की लंबाई नापी जानी चाहिए। एक बल्लेबाज़ ने जितनी ज़्यादा गेंदों का सामना किया उसे उतना ही जुझारू बल्लेबाज़ समझा जाता है। यहां हम गेंदों की संख्या के हिसाब से 5 सबसे लंबी पारियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं।
#5 गैरी कर्स्टन - 642 गेंदों में 275 रन (1999 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ डरबन में)
साल 1999 में जब दक्षिणअफ़्रीका और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच जारी था, तब इंग्लैंड ने पहली पारी में 366 रन बनाए थे। इसके जवाब में प्रोटियाज़ टीम 50.5 ओवर में 154 रन पर ऑल आउट हो गई। इस पारी में इंग्लैंड के एंड्रयू कैडिक ने 7 विकेट लिए और दक्षिण अफ़्रीका के हौसले पस्त कर दिए। इंग्लैंड ने दक्षिण अफ़्रीका को फॉलोऑन खेलने को कहा। इस मैच में अभी 2 दिन और बाक़ी थे, इंग्लैंड ने वक़्त बचाने के लिए आख़िर में बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया। डरबन के किंग्समीड मैदान की तेज़ और उछाल भरी पिच पर मेज़बानों के लिए ये बड़ी चुनौती थी। इस पिच पर गैरी कर्स्टन ने कदम रखा और इंग्लैंड के उत्साह को चकनाचूर कर दिया। इंग्लैंड की तरफ़ से एंड्रयू कैडिक, एंड्रयू फ़्लिनटॉफ, क्रिस सिल्वरवुड और डैरेन गफ़ जैसे धाकड़ गेंदबाज़ों ने तमाम कोशिशें की लेकिन गैरी के चट्टान भरे इरादे को तोड़ पाने में नाकाम रहे। कर्स्टन ने अपनी तकनीक, संयम और हुनर से एक ऐसी पारी खेली जो किसी भी दक्षिण अफ़्रीकी बल्लेबाज़ ने नहीं खेली थी। गैरी ने क़रीब 15 घंटों तक बल्लेबाज़ी की और 642 गेंदों का सामना किया और टेस्ट को ड्रॉ कराने में क़ामयाब रहे। जब कर्स्टन आउट हुए तो मैच को ख़त्म कर दिया गया। ये गेंदों की संख्या के हिसाब से टेस्ट इतिहास की 5वीं सबसे लंबी पारी थी।
#4 सिडने बारनेस - 667 गेंदों में 234 रन ( 1946 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सिडनी में)
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ सिडने बारनेस ने ऑस्ट्रेलिया के लिए सिर्फ़ 13 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 3 शतक लगाए हैं। गेंदों की हिसाब से उनके नाम टेस्ट इतिहास की चौथी सबसे लंबी पारी खेलने का रिकॉर्ड है। ये पारी रिकॉर्ड बुक में कई और वजहों से भी दर्ज है लेकिन इसके बारे में फिर कभी चर्चा करेंगे। साल 1946-47 के एशेज़ टेस्ट में मेज़बान ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 255 रन पर ऑल आउट कर दिया। उसके बाद कंगारू टीम ने विपक्षी टीम को मसलने का फ़ैसला किया। ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज़ सिडने बारनेस ने संयम भरी पारी खेलनी शुरू की जो 10 घंटे 49 मिनट तक चली। इस पारी में बारनेस ने 667 गेंदों का सामना करते हुए 234 रन बनाए। ये बेहद धीमी पारी थी जिसमें 35.08 की स्ट्राइक रेट थी और सिर्फ़ 17 बाउंड्री लगी थी। हांलाकि इस मैच में बारनेस को सर डॉन ब्रैडमैन का साथ मिला, ब्रैडमैन ने भी 234 रन की पारी खेली और बारनेस के साथ मिलकर 5वें विकेट के लिए रिकॉर्ड 405 रन की साझेदारी की। कंगारु टीम ने पहली पारी में 659 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। हांलाकि इतनी लंबी पारी के बावजूद ये मैच ड्रॉ नहीं हुआ। दूसरी पारी में इंग्लैंड की पूरी टीम 371 रन पर सिमट गई और ऑस्ट्रेलिया को पारी और 33 रन की जीत हासिल हुई।
#3 बॉब सिंपसन - 743 गेंदों में 311 रन (1964 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मैनचेस्टर में)
साल 1964 में इंग्लैंड के ओल्ड टैफ़र्ड में एशेज़ टेस्ट मैच खेला गया था, क्रिकेट इतिहास में शायद इससे बोरिंग टेस्ट मैच कभी नहीं हुआ था। इसकी वजह थी ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज़ बॉब सिंपसन की पारी। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया। बॉब सिंपसन ने तकनीकी हुनर, सब्र और मज़बूत इरादों के साथ बल्लेबाज़ी शुरू की। ऐसा बिलकुल नहीं लग रहा था कि कंगारुओं की जीत में कोई दिलचस्पी भी है। सिंपसन ने 12 घंटों से ज़्यादा बल्लेबाज़ी की और 743 गेंदों का सामना करते हुए 311 रन की पारी खेली। इस पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 255.5 ओवर में 656 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। कंगारुओं की पहली पारी तीसरे दिन भी चली और जीत की उम्मीदें ख़त्म हो गईं। इंग्लैंड ने भी ऑस्ट्रेलिया की पारी का करारा जवाब दिया और पहली पारी में 611 रन बनाए। दूसरी पारी में उतरी कंगारू टीम सिर्फ़ 2 ओवर ही खेल पाई और टेस्ट ड्रॉ हो गया।
#2 ग्लेन टर्नर- 759 गेंद में 259 रन (1972 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ जॉर्जटाउन में)
गेंदों की संख्या के हिसाब से इस बल्लेबाज़ ने क्रिकेट इतिहास की दूसरी सबसे लंबी पारी खेली थी, ये मैच इसी वजह से ड्रॉ हो गया था। साल 1972 में न्यूज़ीलैंड के महान सलामी बल्लेबाज़ ग्लेन टर्नर ने वेस्टइंडीज़ ख़िलाफ़ जॉर्जटाउन में अपने करियर का सबसे बड़ा स्कोर बनाया था। इस पारी में उनका स्ट्राइक रेट महज़ 34.12 का था, ग्लेन ने वेस्टइंडीज़ को मसलने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इस मैच में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए वेस्टइंडीज़ ने अपनी पहली पारी 365 रन पर घोषित कर दी, लेकिन न्यूज़ीलैंड के सलामी बल्लेबाज़ ग्लेन टर्नर और टेरी जारविस ने पहले विकेट के लिए 387 रन की साझेदारी की और मैच को बचा लिया। टर्नर ने अपने मज़बूत इरादों के साथ 11 घंटे और 44 मिनट तक बल्लेबाज़ी की और सिर्फ़ 22 बाउंड्री लगाई।
#1 लेन हटन – 847 गेंदों में 364 रन (1938 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ ओवल में)
इस पारी की बदौलत इंग्लैंड के महानतम बल्लेबाज़ लेन हटन ने टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सर्वाधिक निजी स्कोर का रिकॉर्ड तोड़ा था जो 20 साल तक बरक़रार रहा। इसके अलावा ये पारी गेंदों की संख्या के हिसाब से अब तक की सबसे लंबी पारी है। चौथे एशेज़ टेस्ट में हटन ने तकनीकी बल्लेबाज़ी की मिसाल पेश की थी और शानदार स्ट्रोक लगाए थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज़ों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था। उन्होंने 847 गेंदों का सामना करते हुए 13 घंटे से ज़्यादा बल्लेबाज़ी की और 364 रन बनाए। इंग्लिश टीम के दूसरे बल्लेबाज़ों ने भी रन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और टीम का स्कोर 903 तक पहुंचा दिया, ये रिकॉर्ड 59 साल तक बरक़रार रहा। पहली पारी के बाद इंग्लिश गेंदबाज़ों नें कंगारू टीम को 2 बार ऑल आउट कर दिया और एशेज़ इतिहास की सबसे बड़ी जीत हासिल की। इंग्लैंड ने ये मैच पारी और 579 रन से जीता। लेखक- सोहम समद्दर अनुवादक – शारिक़ुल होदा