दक्षिण अफ्रीका (10 हार)
यह कहानी एक शानदार उदाहरण है कि कैसे अकूत प्रतिभा और कौशल होने के बावजूद जीत आपसे दूर रहता है। यह उस दौर की कहानी है जब अफ्रीकी टीम के पास ग्रीम स्मिथ, जैक्स कैलिस, हर्शल गिब्स, शॉन पोलॉक, लांस क्लूसनर और मखाया एनटिनी जैसे मैच जिताऊ खिलाड़ी हुआ करते थे, लेकिन इस टीम को भी लगातार 10 मैचों तक जीत से महरूम रहना पड़ा था।
इसकी शुरूआत 2004 में हुई, जब न्यूजीलैंड दौरे पर गई अफ्रीकी टीम को सीरीज के दूसरे एकदिवसीय मैच में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद तो दक्षिण अफ्रीका को कोई मौका नहीं मिला और उसे 6 मैचों की सीरीज में 5-1 से हार मिली। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका की अगली चुनौती 'श्रीलंका में श्रीलंका' थी। इस सीरीज में स्पिन के खिलाफ उनकी परंपरागत कमजोरी फिर से उजागर हुई और उसे सीरीज में 0-5 से हार का सामना करना पड़ा।
करिश्माई स्पिनर मुरलीधरन की गैरमौजूदगी के बावजूद भी अफ्रीकी टीम स्पिन के चंगुल से बच नहीं सकी। श्रीलंका के कामचलाऊ स्पिनरों तिलकरत्ने दिलशान और उपुल चंदना ने सीरीज में 8-8 विकेट लिए।