2010 में ब्लैककैप्स के नाम से मशहूर न्यूजीलैंड की टीम को लगातार 10 एकदिवसीय मैचों में हार का सामना करना पड़ा। कीवी टीम ने 2011 के विश्व कप से पहले एशियाई देशों का एक लंबा दौरा किया। सबसे पहले वे श्रीलंका की मेजबानी में त्रिकोणीय सीरीज खेलने गए, जहां पर तीसरी टीम भारत थी। कीवी टीम इस श्रृंखला के फाइनल में भी जगह नहीं बना सकी। इस टूर्नामेंट के आखिरी ग्रुप मैच में भारतीय तेज गेंदबाजों के खिलाफ वे सिर्फ 30 ओवर में ही 118 रन पर सिमट गए। बेहतर परिणाम की खोज में न्यूजीलैंड इसके बाद बांग्लादेश पहुंची, लेकिन दुर्भाग्य ने यहां भी कीवी टीम का पीछा नहीं छोड़ा। इस सीरीज में बांग्लादेश ने न्यूजीलैंड को 4-0 से हरा दिया, जिससे पूरा क्रिकेट जगत हतप्रभ रह गया। यह पहला मौका था जब एक प्रमुख टेस्ट देश को बंग्लादेश ने इस कदर क्लीन स्वीप किया था। हालांकि न्यूजीलैंड के लिए शर्मिंदगी का दौर अभी खत्म नहीं हुआ था। न्यूजीलैंड ने इसके बाद सीमा पार करते हुए भारत का दौरा किया, जहां उसे फॉर्म में चल रही भारतीय टीम से भिड़ना था। टेस्ट सीरीज में 0-1 से हारने के बाद न्यूजीलैंड को आईपीएल की अनुभव की बदौलत वनडे क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद थी। लेकिन आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को 5-0 से सफाया कर दिया। इन पांच मैचों में से तीन में भारत ने 8 या अधिक विकेट के अंतर से जीत हासिल की। इस तरह यह वनडे मैचों में न्यूजीलैंड की दसवीं हार थी। यह सिलसिला जनवरी 2011 में खत्म हुआ जब न्यूजीलैंड ने वेलिंगटन में पाकिस्तान को 9 विकेट से हराया।