1987 विश्व कप के ग्रुप मैचों के दौरान पाकिस्तान के हार के सिलसिले की शुरूआत हुई जब वे आखिरी ग्रुप मैच में वेस्टइंडीज के हाथों 29 रनों से पराजित हुए। हालांकि इससे पहले पाकिस्तान ने विश्व कप में बेहतर प्रदर्शन किया था और वे अपने सभी मैच जीतकर ग्रुप में टॉप पर थे। अब पाकिस्तान को लाहौर में होने वाले सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया का सामना करना था। वहीं मुंबई में होने वाले दूसरे सेमीफाइनल में भारत की भिड़त इंग्लैंड से होने वाली थी। क्रिकेट प्रशंसक ईडन गार्डन में होने वाले फाइनल के लिए भारत-पाकिस्तान हाई-वोल्टेज मुकाबले की उम्मीद लगा रहे थे। लेकिन शायद ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। सेमीफाइनल में 267 रन का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम इस मैच में लक्ष्य से 117 रन पीछे रह गई। हालांकि पाकिस्तानी दिग्गज इमरान खान ने चौथे विकेट के लिए 112 रन की साझेदारी की लेकिन वे कंगारू टीम से पार नहीं पा सकें। विश्व कप के खत्म होने के तुरंत बाद मेन इन ग्रीन ने इंग्लैंड की मेजबानी की। यात्रा की थकावट के बावजूद इंग्लैंड ने इस दौरे पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 3-0 से श्रृंखला में जीत दर्ज की। इसके बाद पाकिस्तान ने वेस्टइंडीज का दौरा किया, जहां कमजोर मानी जा रही कैरेबियाई टीम ने उन्हें 5-0 से हराया। पाकिस्तानी टीम के हार का यह सिलसिला तब टूटा जब उन्होंने अक्टूबर 1998 में लाहौर में ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराया। हालांकि तब तक पाकिस्तान टीम लगातार 10 मैच हार चुकी थी। मूल लेखक - ओंकार संपादक एवं अनुवादक - सागर