क्रिकेट को हमेशा बल्लेबाजों के खेल कहा जाता है और यह आरोप हमेशा लगता रहा है कि क्रिकेट के नियम बल्लेबाजों को फायदा पहुंचाने वाले होते हैं। लेकिन वेस्टइंडीज के खूंखार तेज गेंदबाजों से लेकर वर्तमान समय में भी कई ऐसे प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज और स्पिनर आये हैं जिन्होंने बल्लेबाजों के मददगार कहे जाने वाले इस खेल में अपना परचम लहराया है। इसी वजह से गेंद और बल्ले के बीच आज भी प्रतिस्पर्धा बनी हुई है। परंतु, हर बार ऐसा नहीं होता है कि गेंदबाज अपनी लय में गेंदबाजी करे। उसे भी लय में आने में थोड़ा समय लग जाता है। कई ऐसे मौके आये हैं जब किसी गेंदबाज में एक ओवर में निर्धारित 6 गेंदों से ज्यादा फेंके है लेकिन कुछ मौकों पर तो गेंदबाजों ने ओवर में कुछ ज्यादा ही वाइड और नो-बॉल फेंक दी जिससे ओवर काफी लंबा चला जाता है। आज हम क्रिकेट (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय) के 5 सबसे लंबे ओवरों के बारे में बताएंगे: #5 स्कॉट बोसवेल- 14 गेंद
सी एंड जी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में लॉर्ड्स के एतिहासिक मैदान पर लीसेस्टरशायर के सामने थी समरसेट की टीम। मध्यम गति के तेज गेंदबाज स्कॉट बोसवेल के हाथ मे गेंद थी और उन्होंने सोचा भी नहीं था कि क्या होने वाला है। उन्होंने ओवर में 6 वाइड गेंद समेत कुल 14 गेंदें फेंकी और यह सब हुआ दबाव की वजह से। सबसे बड़ी बात थी कि सेमीफाइनल मुकाबले में लीसेस्टरशायर के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज स्कॉट बोसवेल ही थे और टीम को फाइनल में पहुंचने में उनके द्वारा लिए गए चार विकेटों का काफी अहम योगदान था। फाइनल में इस तरह की गेंदबाजी की वजह से उनका पेशेवर करियर समाप्त हो गया और उन्होंने बात में बताया कि उन्हें उस ओवर को भुलाने में लगभग 10 साल लग गए। #4 डैरल टफी- 14 गेंद
सीमित ओवरों के खेल में शुरुआत के ओवरों में गेंदबाजी करना सबसे मुश्किल कार्य होता है क्योंकि बल्लेबाज फील्डिंग पाबंदी का फायदा उठाकर तेजी से रन बनाने की कोशिश करता है। 2005 की एकदिवसीय सीरीज के दौरान डेरिल टफी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सबसे लंबे ओवरों में एक फेंका। इस कीवी तेज गेंदबाज ने ऑस्ट्रेलिया के आक्रामक सलामी बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट के खिलाफ यह ओवर फेंका था। एक समय तो ऐसा हो गया था कि बिना कोई गेंद के ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 15 रन पहुंच गया था। टफी बिना किसी नियंत्रण के गेंदबाजी कर रहे थे और इस ओवर में उन्होंने 4 वाइड और 4 ही नो-बॉल की। जब टफी का ओवरों खत्म हुआ तो उन्होंने कुल 16 रन दिए थे। उन्होंने जनवरी 2013 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया। #3 कर्टली एम्ब्रोस
कर्टली एम्ब्रोस की गिनती क्रिकेट इतिहास के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में की जाती है और ऑस्ट्रेलिया उनकी सबसे पसंदीदा टीम थी। कई मौकों पर उन्होंने अपनी कहर बरपाती गेंदों से ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी को उसी के घर में तहस नहस कर दिया था। दुनिया की सबसे तेज पिच में एक पर्थ का वाका उनका पसंदीदा मैदान था लेकिन मैदान पर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट का सबसे खराब ओवर फेंका। 1997 में हुए पर्थ टेस्ट में एम्ब्रोस ने टेस्ट मैचों के सबसे लंबा ओवर फेंका था। वो लगातार अपने रनअप से साथ जूझ रहे थे और इसी वजह से बार बार नो-बॉल हो जा रही थी। उन्होंने ओवर में 9 नो-बॉल समेत कुल 15 गेंदें फेंकी। जब एम्ब्रोस अपना अगला ओवर करने आये तो उन्होंने फिर 6 नो-बॉल फेंकी और इसी वजह से कप्तान कर्टनी वॉल्श को उन्हें गेंदबाजी से हटाना पड़ा। हालांकि वेस्टइंडीज उस मैच को 10 विकेटों से जीत गया। #2 मोहम्मद सामी- 17 गेंद पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद सामी अपने समय मे दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में गिने जाते थे। 2001 में पाकिस्तान के न्यूज़ीलैंड दौरे पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। लेकिन, सामी के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सबसे लंबा ओवर डालने का शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज है। बांग्लादेश के खिलाफ एशिया कप 2004 में समी ने 17 गेंदों का ओवर डाला जिसमें 7 वाइड और 4 नो-बॉल शामिल थी और उस ओवर में 22 रन भी बनें। समी की गेंदबाजी में निरंतरता की कमी थी इसी वजह से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ज्यादा लम्बे समय तक नहीं टिक पाये और लगातार टीम से अंदर बाहर होते रहे। पाकिस्तान के लिए उन्होंने अंतिम बार 2016 टी20 विश्वकप में खेलने का मौका मिला था। #1 बर्ट वेंस- 22 गेंद
यह ओवर क्रिकेट इतिहास का सबसे खराब ओवर माना जाता है। न्यूज़ीलैंड के बर्ट वेंस ने एक घरेलू मैच 22 गेंदों का ओवर डाला था। वेलिंगटन की तरफ से खेलते हुए कैंटरबरी के खिलाफ शैल ट्रॉफी 1989/90 के फाइनल मुकाबले में उन्होंने यह ओवर डाला था। मैच को ड्रा करवाने के लिए खेल रही कैंटरबरी के खिलाफ जीतने के लिए वेंस ने फुल-टॉस गेंद फेंकनी शुरू कर दी जो नो-बॉल भी थी और इस पार्ट-स्पिन गेंदबाज के ओवर में कुल 77 रन बन गए। वेंस ने इतनी ज्यादा नो-बॉल फेंक दी कि अंपायर और स्कोरर भी परेशान हो गए और सही गेंदों को गिन नहीं पाए और इसी वजह से 5 गेंदों पर ही ओवर समाप्त हो गया। हालांकि वेलिंगटन ने ट्रॉफी जीत ली लेकिन यह खेल भावनाओं के खिलाफ था। इसी वजह से न्यूज़ीलैंड क्रिकेट में विवाद भी हुए। लेखक- कार्तिक रामलिंगम अनुवादक- ऋषिकेश सिंह