5 लो स्कोरिंग मैच, जिसमें भारत को जीत मिली

यद्यपि खेल के छोटे फॉर्मेट में ज्यादातर मौकों पर बल्लेबाज़ हावी रहता है। लेकिन नए नियमों के आने से एक बार फिर गेंदबाजों को मैच में कुछ कर दिखाने का मौका मिल रहा है। जिसकी वजह से वन-डे क्रिकेट में छोटे स्कोर देखने को मिल रहे हैं। इससे पहले भी टीमों ने कम रन बनाने के बावजूद उसका सफलतापूर्वक रक्षण भी किया है। इसके अलावा कई मैच रोमांचक स्थिति गये हैं और बल्लेबाज़ी करने वाली टीम ने बाजी मारी है। ऐसा कई बार भारतीय टीम भी कर चुकी है। आइये डालते हैं एक नजर ऐसे ही 5 मौकों पर जब भारतीय टीम ने लोस्कोरिंग मैच में जीत हासिल की:


भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका, जोहानसबर्ग-2011

जीत का अंतर 1 रन

साल 2010/11 में भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर 5 वन-डे मैचों की सीरीज खेलने गयी थी। ये सीरीज काफी रोमांचक रही थी, जिसमें दूसरा वन-डे जोहानसबर्ग के न्यू वांडरर्स स्टेडियम में खेला गया था। कप्तान धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी चुनी। इस मैच में युवराज सिंह ने संघर्षपूर्ण अर्धशतक बनाया। साथ कोहली, सचिन और धोनी ने भी सहयोग किया। जिससे टीम इंडिया ने 190 रन का स्कोर बनाया। हाशिम अमला के जल्द 4 रन बनाकर आउट होने के बाद कप्तान ग्रीम स्मिथ ने अच्छी पारी खेली। लेकिन हरभजन और आशीष नेहरा ने कोलिन इनग्राम और डीविलियर्स को आउट किया तो मैच का रुख पलट गया। लेकिन प्रोटीज का पलड़ा भारी था, उनका स्कोर 32 ओवर में 4 विकेट पर 152 रन था। लेकिन मुनाफ पटेल ने स्मिथ को 77 के स्कोर आउट कर दिया। उसके बाद प्रोटीज टीम के बल्लेबाज़ मात्र 37 रन बना सके। पटेल ने मोर्ने मोर्कल को आउट करके भारत को 1 रन से जीत दिला दी। पटेल ने 29 रन देकर 4 विकेट लिए जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ़ द मैच अवार्ड मिला। भारत बनाम पाकिस्तान, क्वेटा-1978 जीत का अंतर- 4 रन भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का जो रोमांच होता है, उस पर किसी को संदेह नहीं है। सन 1978 में इन दोनों टीमों के बीच एक बेहतरीन रोमांचक मैच हुआ था। भारत और पाकिस्तान के बीच ये पहली वनडे सीरीज थी। जो 40 ओवरों की थी। क्वेटा में हुए इस मैच में मोहिंदर अमरनाथ के 30 रन और उनके भाई सुरिंदर के अलावा दिलीप वेंगसकर की सहयोगी पारियों की मदद से 170 पर 7 का स्कोर खड़ा किया था। इस मैच में माजिद खान ने 64 रन की पारी खेली थी। साथ ही उन्होंने जहीर अब्बास के साथ मिलकर 60 रन की साझेदारी भी निभाई थी। लेकिन मोहिंदर अमरनाथ ने जल्दी-जल्दी विकेट निकालकर पाकिस्तान को पटरी से उतार दिया। लेकिन 9वें विकेट के लिए वसीम बारी और सरफराज नवाज ने अच्छी भागेदारी निभाई। लेकिन अंत में भारत ने इस मैच को 4 रन से जीत लिया। भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, आकलैंड-2003 जीत का अंतर 1 विकेट साल 2002/03 में भारत के लिए न्यूज़ीलैंड का दौरा किसी दुस्वप्न से कम नहीं था। लेकिन वनडे सीरीज में एक मैच में मेजबान टीम को बेहद करीबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था। 7 मैचों की इस सीरीज में भारत को पहले 4 मैच में हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद टीम इंडिया ने 5वां मैच जीत लिया था। 6ठे मैच में कप्तान गांगुली ने टॉस जीता और पहले फील्डिंग करने का निर्णय लिया। सीम विकेट पर कीवी टीम के 50 रन पर 4 विकेट हो गये थे। लू विन्सेंट और स्कॉट स्टायरिस ने मिलकर 80 रन की साझेदारी की थी। जिसके बाद कीवी टीम का स्कोर 147/9 हो गया। लेकिन बांड और विन्सेंट ने 52 रन की साझेदारी करके स्कोर को 199 पहुंचा दिया। जवाब में कप्तान गांगुली और सहवाग ने पहले विकेट के लिए 70 रन की भागीदारी निभाई। जिसके बाद द्रविड़ और सहवाग ने दूसरे विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी निभाई। द्रविड़ का 142 पर गिरा उसके बाद सचिन भी ज्यादा देर नहीं टिके। जीत के लिए जब 18 रन बनाने थे, तब शतकवीर सहवाग भी आउट हो गये। जिसके बाद ज़हीर खान भी आउट हो गये। विकेट पर आखिरी जोड़ी नेहरा और श्रीनाथ की थी। श्रीनाथ ने 9 गेंदों में 2 रन बनाये थे। श्रीनाथ ने 49वें ओवर की चौथी गेंद पर लेग बाय का एक रन बनाया। उसके बाद स्ट्राइक पर नेहरा आ गये। नेहरा ने चौका जड़कर भारत को एक विकेट की जीत दिला दी। भारत बनाम श्रीलंका, पोर्ट ऑफ़ स्पेन, 2013 जीत का अंतर 1 विकेट 2013 में इंग्लैंड में खेली गयी चैंपियंस ट्राफी में विजय हासिल करने के बाद भारतीय टीम को वेस्टइंडीज और श्रीलंका के साथ त्रिकोणीय सीरीज खेली थी। लगातार दो मैचों में हारने के बावजूद भारत फाइनल के लिए क्वालीफाई कर गया था। जहाँ उसका मुकाबला श्रीलंका से था। टॉस जीतकर धोनी ने फील्डिंग चुनी और श्रीलंका ने 38 ओवर तक 171 रन 2 विकेट पर बना लिए थे। उसके बाद उनकी टीम पूरी तरह बिखर गयी। कुमार संगकारा ने 71 और लहिरू थिरिमाने ने 46 रन बनाये थे। कुल मिलाकर श्रीलंका 48.5 ओवर में 201 रन पर आलआउट हो गयी। जवाब में भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और 27 रन के स्कोर पर धवन और कोहली पवेलियन चले गये थे। रोहित शर्मा और दिनेश कार्तिक ने तीसरे विकेट के लिए 50 रन बनाये थे। उसके बाद रैना और रोहित ने 62 रन की साझेदारी की। लेकिन दोनों खिलाड़ी 3 ओवर के अन्तराल में आउट हो गये और स्कोर 145/5 हो गया। एक तरफ विकेट गिरते गये, लेकिन कप्तान धोनी एक छोर पर जमे रहे। अंतिम ओवर में भारत को जीत के लिए 15 रन बनाने थे। सामने गेंदबाज़ शमिंडा इरंगा थे। जिनकी पहली 3 गेंदों पर धोनी ने 6,4 और 6 जड़कर भारत को एक विकेट की जीत दर्ज करवा दी। भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका, कोलकाता-1993 जीत का अंतर 2 रन ये मैच सन 1993 में ईडन गार्डन में भारतीय क्रिकेट इतिहास का सबसे रोमांचक मैचों में से एक था। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हीरो कप का सेमीफाइनल मुकाबला हुआ था। इस टूर्नामेंट में 5 देशों की टीमें भाग ले रहीं थीं। कप्तान अजहर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का निर्णय लिया। लेकिन भारत की शुरुआत बेहद खराब रही। टीम ने 18 रन पर 3 विकेट गवां दिए थे। स्कोर जब 53 हुआ तो सचिन भी 15 रन बनाकर आउट हो गये। उसके बाद प्रवीन आमरे और अजहरुद्दीन ने मिलकर 95 रन की साझेदारी निभाई। आमरे 48 रन बनाकर आउट हो गये। जिसके बाद अन्य बल्लेबाज़ भी अच्छा खेल नहीं दिखा सके। भारतीय कप्तान अजहर ने 90 रन की पारी खेलकर टीम का स्कोर 50 ओवर में 190 पहुँचाया। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत अच्छी नहीं रही और टीम नियमित अन्तराल पर विकेट गवाँती रही। आल राउंडर मैकमिलन और विकेट कीपर डेव रिचर्डसन ने एक अच्छी साझेदारी निभाई। रिचर्डसन 15 रन बनाकर आउट हो गये। प्रोटीज को आखिरी ओवर में 6 रन बनाने थे। अजहर ने सचिन की तरफ गेंद फेंक दी। जो हैरान कर देने वाला निर्णय था। लेकिन हैरानी तब और हुई जब सचिन ने इस ओवर में मात्र 3 रन दिए और भारत ने इस मैच को जीत लिया।

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