
2013 में इंग्लैंड में खेली गयी चैंपियंस ट्राफी में विजय हासिल करने के बाद भारतीय टीम को वेस्टइंडीज और श्रीलंका के साथ त्रिकोणीय सीरीज खेली थी। लगातार दो मैचों में हारने के बावजूद भारत फाइनल के लिए क्वालीफाई कर गया था। जहाँ उसका मुकाबला श्रीलंका से था। टॉस जीतकर धोनी ने फील्डिंग चुनी और श्रीलंका ने 38 ओवर तक 171 रन 2 विकेट पर बना लिए थे। उसके बाद उनकी टीम पूरी तरह बिखर गयी। कुमार संगकारा ने 71 और लहिरू थिरिमाने ने 46 रन बनाये थे। कुल मिलाकर श्रीलंका 48.5 ओवर में 201 रन पर आलआउट हो गयी। जवाब में भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और 27 रन के स्कोर पर धवन और कोहली पवेलियन चले गये थे। रोहित शर्मा और दिनेश कार्तिक ने तीसरे विकेट के लिए 50 रन बनाये थे। उसके बाद रैना और रोहित ने 62 रन की साझेदारी की। लेकिन दोनों खिलाड़ी 3 ओवर के अन्तराल में आउट हो गये और स्कोर 145/5 हो गया। एक तरफ विकेट गिरते गये, लेकिन कप्तान धोनी एक छोर पर जमे रहे। अंतिम ओवर में भारत को जीत के लिए 15 रन बनाने थे। सामने गेंदबाज़ शमिंडा इरंगा थे। जिनकी पहली 3 गेंदों पर धोनी ने 6,4 और 6 जड़कर भारत को एक विकेट की जीत दर्ज करवा दी।