# 4 कोलकाता नाइट राइडर्स और दिल्ली डेयरडेविल्स - 67
आईपीएल में दो टीमें ऐसी रही है जो कि 67 के निराशाजनक स्कोर पर आउट हुईं हैं, यह टीमें कोलकाता नाइट राइडर्स और दिल्ली डेयरडेविल्स की रही हैं। 2008 के सीज़न में कोलकाता के साथ यह पहले हुआ जब, मुंबई इंडियंस की असाधारण गेंदबाजी के आगे उनके बल्लेबाज़ कुछ खास नही कर सके। मुंबई ने टॉस जीता और पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला किया, जो सही फैसला साबित हुआ क्योंकि शॉन पोलॉक ने अपने शुरुआती स्पेल में तीन विकेट लिए। उन्होंने सलमान बट, डेविड हसी और मोहम्मद हाफिज के रूप में मुख्य विकेट ले लिये और बाकी विकेट ड्वेन ब्रावो, रोहन राजे और डोमिनिक थॉर्नली में समान रूप से साझा किये। केवल 3 बल्लेबाज दोहरे आंकड़े तक पहुँच सके, और 7 बल्लेबाज़ 5 रन से ज्यादा स्कोर करने में नाकाम रहे। इस प्रकार टीम 67 के स्कोर पर सिमट गयी थी, जो एक साल के लिए आईपीएल इतिहास में सबसे कम स्कोर रहा। इसके बाद मुंबई ने बिना किसी परेशानी के आसानी से लक्ष्य हासिल किया, क्योंकि सनथ जयसूर्या ने शोएब अख्तर और इशांत शर्मा जैसे गेंदबाज़ों के एक मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ 17 गेंदों पर नाबाद 48 रन बना दिये थे। मुंबई ने यह मैच 87 गेंद बाकी रहते 8 विकेट से जीत लिया। दिल्ली डेयरडेविल्स ने पिछले साल मोहाली में किंग्स-XI पंजाब के खिलाफ इसी स्कोर को बनाया। संदीप शर्मा दिल्ली की स्थिति के लिये जिम्मेदार थे, क्योंकि उन्होंने पहले 5 ओवरों के भीतर दिल्ली के तीन विकेट निकाल लिए थे और मैच की समाप्ति 4-0-20-4 के आंकड़े के साथ की। आश्चर्यजनक यह रहा कि, दिल्ली ने 17.1 ओवरों ये 67 रन बनाये, वरुण आरोन और थांगारसू नटराजन की दबाव भरी इकोनोमिकल गेंदबाजी के आगे उनके बल्लेबाज़ रन बना ही नही पाये। कोरी एंडरसन 18 रनों के साथ सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे। ग्लेन मैक्सवेल ने 4-0-12-1 के आंकड़े और वरुण आरोन 2-0-3-2 के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली के बल्लेबाजों ने कितनी बुरी बल्लेबाज़ी की। पंजाब के मार्टिन गप्टिल और हाशिम अमला की सलामी जोड़ी ने 17.5 ओवर में लक्ष्य प्राप्त कर लिया, जिसमें गप्टिल ने 27 गेंदों पर नाबाद 50 बनाये थे।