भारत और श्रीलंका के ख़िलाफ़ हाल में ही खेले गए वनडे सीरीज़ के पहले मैच में टीम इंडिया 112 रन पर ऑल आउट हो गई। श्रीलंका के कप्तान थिसारा पेरेरा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया, जो जल्द ही सही साबित हुआ। श्रीलंका के पेस गेंदबाज़ों ने शुरुआती विकेट निकाले और भारत के टॉप ऑर्डर को धराशायी कर दिया। भारतीय बल्लेबाज़ श्रीलंका की पेस बॉलिंग अटैक को खेल पाने में नाकाम रहे। टीम इंडिया के कई बल्लेबाज़ तो दहाई अंक को भी नहीं छू सके और जल्द ही विकेट गंवा बैठे। एक वक़्त भारत का स्कोर 29 रन पर 7 विकेट था। इस मैच में ऐसा लग रहा था कि शायद न्यूनतम स्कोर का रिकॉर्ड बनेगा, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने भारत को ज़लील होने से बचा लिया। धोनी ने 87 गेंदों में 65 रन की पारी खेली और टीम इंडिया का स्कोर 100 रन के पार पहुंचा दिया। विराट कोहली की ग़ैरमौजूदगी में भारतीय टीम अपना बढ़ियां प्रदर्शन नहीं दिखा पाई। हम उन 5 न्यूनतम स्कोर के बारे में बात कर रहे हैं जो भारत और श्रीलंका के बीच वनडे मैच के दौरान बने।
#5 श्रीलंका- 98 ऑलआउट, शारजाह, 9 नवंबर 1998
साल 1998 में शारजाह के मैदान में कोका कोला चैंपियंस ट्रॉफ़ी का मुक़ाबला जारी था। भारत ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ 179 रन का स्कोर खड़ा किया था, जिसके जवाब में श्रीलंकाई टीम महज़ 98 रन पर ऑल आउट हो गई। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए एक वक़्त भारत का स्कोर 36 रन पर 4 विकेट हो गया था, क्योंकि टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर बुरी तरह फ़ेल हो गया था। इसके बाद अजय जडेजा ने मोर्चा संभाला और संयम के साथ खेलना शुरु किया और टीम इंडिया का स्कोर 150 के पार पहुंचा दिया। अजय जडेजा ने 65 रन की पारी खेली जिससे टीम ने 179 रन का स्कोर बनाया। कम स्कोर को बचाने के लिए भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों ने एड़ी-चोटी को ज़ोर लगा दिया। इसमें सीम गेंदबाज़ों को कामयाबी भी मिली। अजीत अगरकर ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए कुछ शुरुआती विकेट निकाले। किसी भी 2 श्रीलंकाई बल्लेबाज़ों के बीच बड़ी साझेदारी नहीं हो पाई क्योंकि उनके विकेट जल्दी जल्दी गिरते रहे। इस मैच में श्रीलंका की टीम 100 रन का आंकड़ा पार करने में नाकाम रही और महज़ 98 रन के स्कोर पर ऑलआउट हो गई। अजीत अगरकर को शानदार गेंदबाज़ी के लिए मैन ऑफ़ द मैच से नवाज़ा गया।
#4 श्रीलंका – 96 ऑलआउट, पोर्ट ऑफ़ स्पेन, 9 जुलाई 2013
साल 2013 की ट्राई सीरीज़ में भुवनेश्वर कुमार ने ज़बर्दस्त गेंदबाज़ी करते हुए वर्षा से बाधित मैच में भारत को जीत दिलाई थी। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए टीम इंडिया का पहला विकेट जल्द ही गिर गया। एंजेलो मैथ्यूज़ की गेंद पर शिखर धवन कैच आउट हो गए थे। विराट कोहली और रोहित शर्मा ने मिलकर भारतीय पारी को आगे बढ़ाया, लेकिन कोहली 31 रन के निजी स्कोर पर अपना विकेट गंवा बैठे। रंगाना हेराथ ने दिनेश कार्तिक को अपने स्पिन के जाल में फंसाकर आउट किया। इस मैच में बारिश का भी दखल रहा और टीम इंडिया 29 ओवर में 119 रन पर ऑल आउट हो गई। मैच में डकवर्थ/लुइस नियम लागू हुआ और श्रीलंका को 26 ओवर में 178 रन बनाने का लक्ष्य मिला। इस चुनौती भरे लक्ष्य को पाने के लिए श्रीलंका के बल्लेबाज़ पिच पर आए लेकिन भुवनेश्वर कुमार की आक्रामक गेंदबाज़ी के आगे वो टिक नहीं पाए। भुवी ने टॉप 4 बल्लेबाज़ों को पवेलियन वापस भेज दिया। रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने मध्य क्रम के बल्लेबाज़ों पर क़हर बरपाया, बाकी बची कसर इशांत शर्मा ने पूरी कर दी और पुछल्ले बल्लेबाज़ों को आउट किया। श्रीलंका की पूरी टीम 96 रन पर ऑल आउट हो गई और लक्ष्य को पाने में नाकाम रही।
#3 श्रीलंका – 96 ऑलआउट, शारजाह, 8 अप्रैल 1984
एशिया कप के दूसरे मैच भारत और श्रीलंका के बीच मुक़ाबला चल रहा था। इस मैच में भारतीय सीम बल्लेबाज़ों ने टीम इंडिया को एक आसान जीत दिलाई, श्रीलंका ये मैच 10 विकेट से हार गई। भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए श्रीलंका का टॉप ऑर्डर भारतीय सीम गेंदबाज़ी का शिकार हो गया। एक वक़्त श्रीलंका का स्कोर 26 रन पर 4 विकेट हो गया था। श्रीलंका की तरफ़ से रंजन मादुगाले एक मात्र ऐसे खिलाड़ी रहे जो कुछ वक़्त क्रीज़ पर बिता सके, उन्होंने 38 रन की ज़रूरी पारी खेली। भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों ने एक बार फिर क़हर बरपाना शुरू किया और श्रीलंका के निचले क्रम को धराशायी कर दिया। श्रीलंका 96 रन पर ही ऑलआउट हो गई। इस आसान लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत के सलामी बल्लेबाज़ो ने श्रीलंकाई गेंदबाज़ों की नाक में दम कर दिया और बिना कोई विकेट गंवाए महज़ 22 ओवर में लक्ष्य को पा लिया।
#2 भारत – 78 ऑलआउट, कानपुर, 24 दिसंबर 1986
साल 1986 में वनडे सीरीज़ के पहले मैच में श्रीलंका ने भारत को 196 रन का लक्ष्य दिया था जिसके जवाब में पूरी टीम इंडिया 78 रन पर ऑल आउट हो गई। श्रीलंका के ख़िलाफ़ ये भारत का दूसरा सबसे कम स्कोर था। कपिल देव ने पहले गेंदबाज़ी करते हुए शुरुआती ओवरों में श्रीलंका के दोनों सलामी बल्लेबाज़ों को पवेलियन का रास्ता दिखाया। राणातुंगा और गुरुसिन्हा ने चौथे विकेट के लिए ज़रुरी साझेदारी की। भारत अरुण ने गुरुसिन्हा को आउट किया, निचले क्रम के बल्लेबाज़ों के योगदान के बाद श्रीलंका ने 46 ओवर में 195 रन का स्कोर खड़ा किया। रत्नायाके और राणातुंगा ने अपनी गेंदबाज़ी से भारतीय बल्लेबाज़ों पर क़हर बरपा दिया। क्रिस श्रीकांथ और दिलीप वेंगसरकर ही ऐसे बल्लेबाज़ थे जो दहाई अंक का आंकड़ा छू पाए। टीम इंडिया महज़ 78 रन पर ऑल आउट हो गई। अर्जुना राणातुंगा को इस मैच में उनके हरफ़नमौला प्रदर्शन की बदौलत मैन ऑफ़ द मैच से नवाज़ा गया।
#1 भारत – 54 ऑलआउट, शारजाह, 29 अक्टूबर 2000
शारजाह में कोका काला चैंपियंस ट्रॉफ़ी के इस मैच में भारत को श्रीलंका के ख़िलाफ़ 245 रन की बेहद बुरी हार मिली। श्रीलंका के कप्तान सनथ जयसूर्या ने अकेले अपने दम पर भारतीय गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ा दिए थे। दूसरे छोर पर भले ही विकेट गिरते रहे लेकिन जयसूर्या मैदान के हर तरफ शॉट लगाते रहे। रसेल आर्नोल्ड ने दूसरे छोर पर खेलते हुए अर्धशतक लगाया। इस साझेदारी को सौरव गांगुली ने तोड़ा, दादा ने सनथ जयसूर्या को 189 रन के निजी स्कोर पर आउट किया। श्रीलंका ने इस फ़ाइनल मैच में 299 रन का स्कोर बनाया। इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत पूरी तरफ फ़ेल साबित हुआ। टीम इंडिया चामिंडा वास की स्विंग और मुरलीधरण के स्पिन गेंदबाज़ी का सामना करने में नाकाम रहे। पूरी टीम महज 54 रन पर ही सिमट गई, ये भारत का वनडे क्रिकेट इतिहास में भी सबसे कम स्कोर है। इस मैच में शानदार बल्लेबाज़ी करने के लिए सनथ जयसूर्या को मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड दिया गया। लेखक- सुरेंधर वेंकाटेश्वरालु अनुवादक – शारिक़ुल होदा