“एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी” के पांच ऐसे पल जो भुलाए नहीं जा सकते

priyanka

इस साल की सबसे अधिक इंतजार वाली फिल्म 'एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी' 30 सितम्बर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई, जिसने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी। हम दर्शकों को इस फिल्म के माध्यम से भारत के सफलतम कप्तान की जिंदगी के संघर्ष के बारे में जानने का मौका मिला। इस फिल्म में धोनी की जिन्दगी के कई अहम पहलूओं को देखने का अवसर मिला। उनके पहले प्यार से लेकर हेलीकॉफ्टर शॉट की छिपी कहानी तक दर्शकों के लिए कई राज खोल गई। हर आम इंसान की तरह, धोनी को भी अपने जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ा। फिल्म में कुछ पल ऐसे भी थे जिन्होंने देखकर फैन्स की आंखे नम हो गई। ये हैं वो पांच अनकही बातें जिन्होंने हमारी आंखे नम कर दी:


  1. जब प्रियंका झा की मृत्यु हुई

किसी की भी जिन्दगी में उसके अजीज की मृत्यु होना सबसे दुखद एहसास होता है। धोनी को प्रियंका झा, जो कि एक ऑफिस में काम करती थी उससे प्यार हो जाता है। 2005 पाकिस्तान टूर के दौरान धोनी और प्रियंका कोची से विशाखापट्नम जा रही फ्लाइट में मिले थे। प्रियंका के साथ एक साल तक रिलेशनशिप में रहने के बाद, धोनी को झटका तब लगा जब उन्हें 2006 पाकिस्तान दौरे से वापस आने के बाद प्रियंका की मौत की खबर मिली। प्रियंका एक कार दुर्घटना की शिकार हुई थी। अपने दोस्तों के साथ एयरपोर्ट से वापस लौटते वक्त धोनी को प्रियंका की मौत के बारे में पता चला था। इस सीन में धोनी सड़क पर बेसुध होकर रोते दिखाए गए हैं जिसने दर्खकों की आंखों में भी आंसू ला दिए। प्रियंका धोनी से कई बार अपनी रिलेशनशिप को लेकर सवाल करती थी, जबकि एमएस को लगता था कि उनके पास अभी काफी समय है, इसलिए पाकिस्तान दौरे से लौटते समय धोनी प्रियंका को अपने दिल की बात कहना चाहते थे, लेकिन बिना अपने प्यार का इजहार किए धोनी को इतना बड़ा सदमा लगता है, ये सच्चाई इस दर्द को और भी गहरा करती है।

  1. जब धोनी ने साक्षी को शादी के लिए प्रपोज किया
sakshi propose

धोनी का साक्षी को शादी के लिए प्रपोज करना, दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान जरुर लाया, लेकिन जिन हालातों में माही ने साक्षी से शादी के लिए पूछा, उससे दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान के साथ उनकी आंखो में नमी भी देखी जा सकती थी। 2008 साउथ अफ्रीका के भारत दौरे के दौरान धोनी साक्षी से पहली बार कोलकाता के ताज बंगाल होटल में मिले थे। ये तब हुआ जब साक्षी धोनी को फरवरी महीने में फोन करती है और वेलेंटाइन डे के बारे में पूछती है, और धोनी को तुरंत याद आता है कि बिल्कुल ऐसी ही बातचीत उनकी प्रियंका से हुई थी, वो भी प्रियंका की मौत से कुछ दिन पहले। तब साक्षी ने धोनी से पूछा था कि उनको वेलेंटाइन डे पर क्या गिफ्ट चाहिए और धोनी ने जवाब में कहा कि वो वेलेंटाइन डे में यकीन नहीं रखते। फोन काटने के बाद, धोनी प्रियंका की यादों में खो जाते हैं और उनको एहसास होता है कि वो साक्षी को खोना नहीं चाहते। जिसके बाद उन्होंने तुरंत फैसला किया और साक्षी को दोबारा फोन कर शादी के लिए प्रपोज कर दिया।

  1. जब धोनी ने 2011 वर्ल्ड कप जीताने के लिए लगाया सिक्स
dhoni-six-1475579772-800

“और धोनी ने अपने अंदाज में खत्म किया। भारत 28 वर्ष बाद वर्ल्ड कप जीता,” रवि शास्त्री की ये लाइने आज भी हमारे रोंगटे खड़े कर देती हैं और आंखों में आंसू ले आती हैं। 2011 में इस सुनहरे पल के साक्षी बनने के बावजूद, बड़े पर्दे पर दर्शाया गया ये सीन दर्शकों की आंखे नम करने में कामयाब रहता है। सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी शानदार अदाकारी से भारत के सबसे सफल कप्तान का रोल बखूबी निभाया है। जिसके लिए उनकी तारीफ हर तरह हो रही है। फिल्म शुरु होती है जब धोनी गैरी कस्टर्न के पास जाकर कहते हैं कि वो फाइनल मुकाबले में युवी से पहले बल्लेबाजी करने मैदान में उतरेंगे। और धोनी के मैदान में जाते वक्त सीन कट होता है। फिल्म के आखिर में, हम फिर उस सीन में चले जाते हैं जिसमें दिखाया गया है कि कैसे धोनी गंभीर और युवी के साथ शानदार पारी खेलकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाते हैं। जैसे कि हमने देखा कुलसेकरा की गेंद पर सिक्स लगाकर धोनी 2011 वर्ल्ड कप जीताते है, और हम खुशी के आंसुओं के साथ जश्न मनाना शुरु कर देते हैं।

  1. धोनी का इंडिया ए में चुना जाना

dhona-1475579822-800

रणजी ट्रॉफी और कूच बिहार ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद, धोनी का अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम में चयन नहीं होता। इस दिल तोड़ देने वाले फैसले के बाद, माही ने और अच्छा प्रदर्शन और मेहनत करने का प्रण लिया। उन्होंने वास्तविक जीवन में भी इस फैसले को अपनाया। जिसके बाद वो वेस्ट बंगाल में रेलवे की ओर से टिकट कलेक्टर की नौकरी का ऑफर मिला और वो खड़गपुर चले गए। 2002-03 सीजन में, उन्होंने रेलवे की डीविजनल टीम के ओर से खेला, और ईस्ट जोन, बिहार की ओर से भी क्रिकेट मैच खेले। उन्होंने दूर्गा स्पोर्टिंग के लिए भी खेला जो कि एक टेनिस बॉल क्रिकेट क्लब है और वहां धोनी अपने लम्बे छक्कों और हार्ड हिटिंग के लिए मशहूर हुए। धोनी अपनी रेलवे की नौकरी और खेल के मैदान पर उनकी जिन्दगी की बीच बैलेंस नहीं बना पा रहे थे, और इस वजह से वो काफी डिप्रैस भी हो गए थे, जिसके बारे में उन्होंने अपने बॉस अनिमेष कुमार गांगुली से भी बात की थी। गांगुली ने उन्हें बताया कि जैसे बॉउन्सर्स को डक करते हैं वैसे ही अपनी मुश्किलों को सुलझाना चाहिए। धोनी से ये दबाव झेला नहीं जा रहा था और उन्होंने एक मुश्किल फैसला लेते हुए रेलवे की नौकरी छोड़ दी। रेलवे छोड़ने के बाद, उन्होंने पूरा ध्यान क्रिकेट पर लगाया और फिर उन्हें उनकी मेहनत की फल मिला जब उन्हें ट्राइएंगुलर सीरीज के लिए केन्या टूर में इंडिया ए के लिए चुना गया। जिस वक्त धोनी के दोस्त ने उन्हें इंडिया ए में उनके सेलेक्शन के बारे में बताया वो बैडमिंटन खेल रहे थे। लेकिन धोनी ने अपने सेलेक्ट होनी की इतनी बड़ी बात पर भी कोई इमोशन्स नहीं दिखाई, वो अपना बैडमिंटन गेम खेलते रहे और धोनी ने अपने दोस्तसे कहा कि वो बाद में उनसे मिलते हैं। इस फिल्म में धोनी के संघर्ष, कड़ी मेहनत और मुश्किल फैसलों को देखने के दौरान हमारी आंखे कई बार नम हुईं।

  1. जब धोनी ने रेलवे छोड़ने और क्रिकेट पर फोकस करने का फैसला लिया
station leaving

रेलवे में टिकट कलेक्टर बनने के बाद, धोनी को अपनी नौकरी और क्रिकेट लाइफ को बैलेंस करने में बहुत मुश्किल हो रही थी। जिसकी वजह से, उन्हें नौकरी में ज्यादातर गैर-हाजिर होने की वजह से नोटिस मिला था। इस समय धोनी के शुभचिंतक अनिमेष कुमार गांगुली भी उनकी मदद नहीं कर पाए थे। धोनी खड़गपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नम्बर 8 पर बैठे थे और सोच रहे थे कि वो कभी एक बड़े क्रिकेटर बन पाएंगे या नहीं। उनका संघर्ष उनकी भावनाएं व्यक्त कर रही थी। प्लेटफॉर्म पर बैठे हुए, धोनी एक खाली ट्रेन देखते हैं जिसके दरवाजे खुले हुए होते हैं। ये वो क्षण था जब धोनी को स्टेडियम में लोगों के उनका नाम लेने की आवाज सुनाई दे रही थी..धोनी..धोनी..धोनी। उन्होंने कल्पना कि, वो मैदान पर जा रहे हैं और एक बड़े क्रिकेटर बन गए हैं। जिसके बाद हमने देखा, धोनी ट्रेन में चढ़ जाते हैं और रेलवे को गुडबॉय कर देते हैं। ये एक जल्द लिया गया फैसला था, जिसकी वजह से धोनी के जीवन में सबसे बड़ा बदलाव आया।