क्रिकेट के मैदान पर अनिल कुंबले के 5 यादगार पल

'जंबो' के नाम से विश्व क्रिकेट में प्रसिद्ध अनिल कुंबले का क्रिकेट करियर काफी शानदार रहा है। अपने क्रिकेट करियर में अनिल कुंबले ने कई यादगार पारियों को अंजाम दिया है। इन पारियों के साथ ही कुंबले ने टीम इंडिया के लिए कई रिकॉर्ड भी बनाए हैं।

अपने क्रिकेट करियर में अनिल कुंबले ने 132 टेस्ट मैचों में खेलते हुए 29.65 की औसत से 619 विकेट हासिल किए हैं। अनिल कुंबले टेस्ट मुकाबलों में भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज है, वहीं विश्व क्रिकेट में अनिल कुंबले सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज हैं। इसके साथ ही एकदिवसीय क्रिकेट में अनिल कुंबले ने 271 मैचों में 30.9 की औसत से 337 विकेट हासिल किए हैं। एकदिवसीय क्रिकेट में भी अनिल कुंबले भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।

अपने करियर में अनिल कुंबले ने कई मैच जिताऊ पारियों को अंजाम दिया है। आइए यहां जानते हैं अनिल कुंबले की यादगार पांच पारियों के बारे में।

#5 घायल योद्धा, एंटीगुआ, 2002

साल 2002 में एंटीगुआ में खेलते हुए अनिल कुंबले ने घायल योद्धा की तरह कमान संभाली। कुंबले ने अपने टूटे जबड़े के साथ गेंदबाजी की और उस जादूई स्पैल में गेंदबाजी करते हुए कुंबले ने ब्रायन लारा का विकेट हासिल किया।

2002 में एंटीगुआ में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक टेस्ट मैच में अनिल कुंबले को मर्व डिलन की एक बाउंसर जबड़े में जा लगी थी। जिसके परिणामस्वरूप अनिल कुंबले का एक जबड़ा टूट गया था। इससे कुंबले का काफी झटका लगा लेकिन फिर भी वह 20 मिनट तक बल्लेबाजी करते रहे। हालांकि असली बहादुरी तो तब देखी गई जब वह गेंदबाजी करने मैदान पर आए।

अपने टूटे हुए जबड़े के साथ अनिल कुंबले ने लगातार 14 ओवर गेंदबाजी की और उस दौरान उन्होंने वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा को भी आउट कर दिया। अनिल कुंबले के जरिए फेंका गया यह 14 ओवरों का जादूई स्पैल टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़े बहादुर कृत्यों में से एक माना जाता है।

#4 6-12, तब- वनडे में एक किसी भारतीय गेंदबाज़ का सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा, कोलकाता 1993

साल 1993 में हीरो कप फाइनल में भारत का मुकाबला वेस्टइंडीज से हुआ। भारत ने इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए 226 का मामूली लक्ष्य वेस्टइंडीज के सामने रखा। वेस्टइंडीज इस लक्ष्य को आसानी से पार कर लेती लेकिन किसी को मालूम भी नहीं था कि तूफान आना अभी बाकी था।

इस मुकाबले में 23 वर्षीय लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने भारत की ओर से घातक गेंदबाजी कर सबको हैरानी में डाल दिया। कुंबले ने 6.1 ओवर गेंदबाजी की और 12 रन देकर 6 विकेट हासिल कर लिए थे। उन्होंने कार्ल हूपर, रोलैंड होल्डर, जिमी एडम्स, एंडरसन कमिन्स, विंस्टन बेंजामिन और कर्टली एम्ब्रोस को पैवेलियन वापस भेजा। इसके साथ ही वेस्ट इंडीज सिर्फ 123 रनों पर ही ऑल आउट हो गई। ईडन गार्डन्स में खेले गए इस मुकाबले में भारत विजयी हुआ और भारतीय क्रिकेट में एक नया सितारा उभरकर सामने आया।

#3 बल्लेबाज़ी में दम, ओवल, लंदन 2007

इंग्लैंड के खिलाफ साल 2007 में खेली गई टेस्ट सीरीज में भारत तीन टेस्ट सीरीज में 1-0 से आगे था। इस टेस्ट सीरीज में स्टार बल्लेबाज राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली भी तीन अंकों के स्कोर तक नहीं पहुंच सके।

हालांकि, भारत की ओर से अनिल कुंबले ने तीसरे टेस्ट में अपने बल्ले से कमाल दिखाया और शतक ठोक डाला। उन्होंने 227 गेंदों में 16 चौके और एक छक्के के साथ नाबाद 110 रनों की पारी खेली। कुंबले के शतक के साथ ही भारत ओवल टेस्ट को ड्रॉ कराने में सफल रहा और सीरीज को 1-0 से अपने नाम कर ली।

#2 कैप्टन कूल, भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा, 2007-2008

साल 2007 में राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट टीम कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद अनिल कुंबले को कप्तान नियुक्त किया गया। कुंबले ने साल 2007-2008 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कप्तान के रूप में अपनी परिपक्वता दिखाई।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर पाना काफी मुश्किल था लेकिन अनिल कुंबले ने टीम का शानदार तरीके से नेतृत्व किया। इस सीरीज के दौरान भारत और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के बीच हुए 'मंकी गेट' विवाद भी कुंबले के जरिए काफी अच्छी तरह से संभाला गया था। कुंबले ने अपने अनुभव और परिपक्वता के साथ इस मुद्दे को मैदान में और मैदान से बाहर अच्छे से संभाला।

वहीं कुंबले ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को पर्थ में खेले गए तीसरे टेस्ट मुकाबले में एक शानदार जीत भी दिलाई। हालांकि भारत को तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन कुंबले ने कप्तान के रूप में काफी सम्मान अर्जित किया।

#1 परफेक्ट 10, दिल्ली, 1999

साल 1999 में चेन्नई में पाकिस्तान ने पहले टेस्ट में भारत को हरा दिया था और दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली थी। इसके बाद दिल्ली में खेले गए दूसरे टेस्ट मुकाबले में पाकिस्तान को 420 रनों का लक्ष्य मिला। जिसे हासिल करने के लिए पाकिस्तान की टीम अग्रसर थी और एक विकेट के नुकसान पर 101 रन बना चुकी थी।

हालांकि मैच में कमाल होना अभी बाकी था। इस मुकाबले में वो हुआ जिसका किसी को अंदाजा तक नहीं था। अनिल कुंबले ने गेंदबाजी के दौरान पूरी पाकिस्तान की बल्लेबाजी लाइन अप को ही ध्वस्त करके रख दिया। इस मैच में पाकिस्तानी पारी के सभी 10 विकेट अनिल कुंबले ने अपने नाम कर लिए। इसके साथ ही जिम लेकर के साथ इस उपलब्धि को हासिल करने वाले कुंबले दूसरे गेंदबाज बन गए।

अनिल कुंबले के 10 विकेट लेने के साथ ही इस मैच को भारत ने 212 रनों से जीत लिया और टेस्ट सीरीज को 1-1 से बराबर कर दिया। अनिल कुंबले का ये स्पेल आधुनिक टेस्ट क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज के जरिए किया गया सबसे शानदार स्पेल माना जाता है।

लेखक: मैट सम्पत

अनुवादक: हिमांशु कोठारी

Edited by Staff Editor
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