भारत-श्रीलंका के बीच 5 यागदार टेस्ट मैच

भारत औऱ श्रीलंका एशिया की दो बेस्ट क्रिकेट टीमे हैं। दोनों टीमों के बीच क्रिकेट में कई यादगार मैच हुए हैं। भारत और श्रीलंका के बीच 2011 का वर्ल्ड कप फाइनल कौन भूल सकता है। लेकिन हम यहां बात करेंगे भारत और श्रीलंका के बीच सफेद कपड़ों के मैच यानि टेस्ट मैच की। भारत और श्रीलंका के बीच अब तक कुल 38 टेस्ट मैच खेले गए हैं। इनमे से भारत ने 21 मैचों की मेजबानी की जबकि श्रीलंका ने 17 टेस्ट मैचों की मेजबानी की। अपने घरेलू पिच पर दोनों ही टीमों का रिकॉर्ड काफी बढ़िया रहा है। भारत कभी भी अपनी घरेलू पिच पर श्रीलंका से कोई टेस्ट मैच नहीं हारा है। भारतीय टीम ने जिन 21 मैचों की मेजबानी की उसमे से 10 में उसे जीत हासिल हुई। वहीं श्रीलंका ने भी अपनी जमीन पर अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन भारतीय टीम का जीत प्रतिशत उनसे ज्यादा है। श्रीलंका में हुए 17 टेस्ट मैचो में से भारत ने 6 में जीत हासिल की है, जबकि श्रीलंकाई टीम ने 7 मैचो में जीत हासिल की। हालांकि अगर श्रीलंका में खेले गए पिछले 2 टेस्ट सीरीज की बात करें तो भारत का पलड़ा भारी रहा है। पिछले 5 सालो में भारतीय टीम ने 3 टेस्ट मैच श्रीलंका में जीते हैं। 2010 में खेली गई सीरीज 1-1 से ड्रॉ रही थी जबकि 2015 की टेस्ट सीरीज 2-1 से भारतीय टीम ने अपने नाम की थी। श्रीलंकाई टीम के दिग्गज खिलाड़ी कुमार संगकारा, महेला जयवर्द्धने और मुथैया मुरलीधरन अब संन्यास ले चुके हैं। इस समय श्रीलंका की टीम में अनुभव की कमी है। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि इस सीरीज में विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम टेस्ट सीरीज जरुर जीतेगी। बात भारत और श्रीलंका के बीच टेस्ट मैचों की हो रही है तो आइए आपको बताते हैं दोनों टीमों के बीच खेले गए 5 सबसे यादगार टेस्ट मैचों के बारे में । अगस्त 2015, 20 से 24 अगस्त, कोलंबो में दूसरा टेस्ट मैच भारतीय टीम टेस्ट सीरीज में 1-0 से पिछड़ रही थी। श्रीलंका ने गाल में खेला गया पहला मैच 63 रनों से जीतकर सीरीज में बढ़त ले ली थी। लेकिन इसके बाद भारतीय टीम ने कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में जबरदस्त वापसी की। टॉस जीतकर भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पिच देखकर लग रहा था कि दूसरे दिन से स्पिनरों को मदद मिलने लगेगी। इसी वजह से कोहली ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। लेकिन उनका ये फैसला शुरुआत में श्रीलंकाई गेंदबाजों ने गलत साबित कर दिया। महज 12 रनों के स्कोर पर ही भारतीय टीम के दोनों सलामी बल्लेबाज मुरली विजय और अंजिक्या रहाणे पवेलियन लौट गए। हालांकि इसके बाद केएल राहुल ने 108 रनों की शानदार शतकीय पारी खेलकर पारी को संभाला। राहुल का कप्तान कोहली, रोहित शर्मा और रिद्धिमान साहा ने अच्छा साथ दिया। तीनों ने अर्धशतकीय पारियां खेलीं। मध्यक्रम के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम 393 रन बनाने में कामयाब रही। श्रीलंका की तरफ से रंगना हेराथ ने 4 विकेट चटकाए। जवाब में श्रीलंकाई टीम अपनी पहली पारी में 306 रन ही बना सकी। श्रीलंकाई टीम और पहले ही सिमट जाती लेकिन दिनेश चांदीमल ने 102 रन, लाहिरु थिरिमाने ने 62 रन और कौशल सिल्वा ने 51 रनों की पारियां खेलकर श्रीलंकाई टीम को भारत के स्कोर के करीब पहुंचाया। भारत की तरफ से अमित मिश्रा ने 21 ओवरो में 43 रन देकर 4 विकेट चटकाए। बल्लेबाजी के लिए पिच काफी मुश्किल होती जा रही थी। दूसरी पारी में रहाणे और विजय ने शानदार पारियां खेलीं। विजय ने 82 और रहाणे ने 126 रनों की शानदार पारी खेली। लेकिन बाकी बल्लेबाज ज्यादा देर तक पिच पर टिक नहीं सके। हालांकि रहाणे और विजय की पारियों की बदौलत भारतीय टीम दूसरी पारी में 325 रन बनाने में कामयाब रही। पहली पारी के आधार पर श्रीलंका को 413 रनों का विशाल लक्ष्य मिला। लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम शुरुआत से ही मुश्किल में नजर आई। कोई भी बल्लेबाज अमित मिश्रा और रविचंद्रन अश्विन की स्पिन जोड़ी के आगे टिक नहीं पा रहा था। दोनों ने मिलकर 8 विकेट चटकाए और पूरी श्रीलंकाई पारी को महज 134 रनों पर समेट दिया। भारतीय टीम ने 278 रनों के विशाल अंतर से मैच जीतकर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली। पहली पारी में शानदार शतक लगाने वाले के एल राहुल को मैन ऑफ द् मैच चुना गया। 2. 2010, 3 से 7 अगस्त, कोलंबो में खेला गया तीसरा टेस्ट मैच laxman 2010 में खेली 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम 1-0 से पिछड़ रही थी। कोलंबो में आखिरी टेस्ट मैच खेला जाना था। टॉस जीतकर श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। थिलन समरवीरा ने 137 रनों की शानदार पारी खेली। महेला जयवर्द्धने ने 56, कप्तान कुमार संगकारा ने 75 रन बनाए। इन शानदार पारियों की बदौलत श्रीलंका ने पहली पारी में शानदार 425 रन बनाए। भारतीय टीम ने भी श्रीलंका पर जबरदस्त पलटवार किया। वीरेंद्र सहवाग के 109, वीवीएस लक्ष्मण के 56 और सुरेश रैना के 62 रन की पारियों की बदौलत भारतीय टीम ने 436 रन बनाए। निचले क्रम में अभिमन्यु मिथुन ने 46 और अमित मिश्रा ने 40 रनों की उपयोगी पारियां खेली। दूसरी पारी में श्रीलंका ने 267 रन बनाए। 83 रनों के साथ थिलन समरवीरा सबसे रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। दूसरी पारी में एक समय श्रीलंका महज 125 रनों पर 8 विकेट गंवाकर मुश्किल में दिख रही थी लेकिन निचले क्रम में अजंता मेंडिस ने 78 रनों की शानदार पारी खेलकर श्रीलंका को मुश्किल से निकाला। उन्होंने नौंवे विकेट के लिए थिलन समरवीरा के साथ 118 रनों की साझेदारी की। जिसकी वजह से श्रीलंकाई टीम ने 267 रन बनाने में कामयाब रही। भारतीय टीम को जीत के लिए 257 रनों का लक्ष्य मिला। हालांकि भारतीय टीम की भी शुरुआत अच्छी नहीं रही। महज 62 रनों तक इंडियन टीम ने अपने 4 टॉप विकेट गंवा दिए। इसके बाद भारत के दो महान बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण ने पारी को संभाला। दोनों ने 109 रनों की पार्टनरशिप करके टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकाला। हालांकि इसके बाद 171 रनों के स्कोर पर जब सचिन तेंदुलकर 56 रन बनाकर आउट हुए तब लगा कि शायद श्रीलंका मैच में वापसी कर लेगी। लेकिन इसके बाद सुरेश रैना ने 41 रनों की पारी खेलकर लक्ष्मण का अच्छा साथ निभाया। लक्ष्मण एक छोर पर डटे रहे और शानदार 109 रन बनाए। वो भारत को जिताकर ही लौटे। शानदार शतकीय पारी के लिए उन्हे मैन ऑफ द् मैच चुना गया। 2008, 23 जुलाई से 26 जुलाई, कोलंबो में खेला गया पहला टेस्ट मैच srilanka श्रीलंका ने इस मैच में भारतीय टीम को बुरी तरह से हराया था। पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका की तरफ से 4 बल्लेबाजों ने शतक जड़ा। मलिंदा वर्नापुरा 115, महेला जयवर्द्धने 136, थिलन समरवीरा 127, और तिलकरत्ने दिलशान 125 ने बेहतरीन शतकीय पारियां खेलीं। जवाब में भारतीय बल्लेबाजी मेंडिस और मुरलीधरन की जोड़ी के आगे बुरी तरह बिखर गई। दोनों गेंदबाजों ने भारत के 9 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। पूरी भारतीय टीम 226 रन बनाकर आउट हो गई। 56 रनों के साथ केवल वीवीएस लक्ष्मण ही श्रीलंकाई गेंदबाजों का सामना कर सके। भारतीय टीम को फॉलोआन खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। दूसरी पारी में भी भारतीय बल्लेबाजी मुरलीधरन और मेंडिस की जोड़ी के आगे धराशायी हो गई। पूरी भारतीय टीम 138 रनों पर सिमट गई। श्रीलंका ने एक पारी और 239 रनों से मैच अपने नाम कर लिया। मुरलीधरन ने मैच में 110 रन देकर 10 विकेट लिए। इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हे मैन ऑफ द् मैच चुना गया। 2008, 31 जुलाई से 3 अगस्त, गाल में खेला गया दूसरा टेस्ट मैच match 2008 की टेस्ट सीरीज का ये दूसरा टेस्ट मैच था। कोलंबो में खेला गया पहला टेस्ट मैच भारतीय टीम हार चुकी थी और सीरीज में 1-0 से पिछड़ रही थी। भारतीय टीम को वापसी के लिए हर हाल में ये मैच जीतना जरुरी था। टॉस जीतकर तब के भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने पहले बल्लेबाज करने का फैसला किया। भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाजों वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने टीम को अच्छी शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 167 रन जोड़े। गौतम गंभीर 56 रन बनाकर आउट हुए। उनके आउट होने के बाद कोई भी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का साथ नहीं निभा सका। सहवाग एक छोर पर तो डटे रहे लेकिन दूसरे छोर पर विकेट गिरते रहे। हालांकि सहवाग ने दोहरा शतक जड़कर भारतीय पारी को 300 रनों के पार पहुंचाया। सहवाग ने नाबाद 201 रन बनाए और भारतीय टीम ने पहली पारी में 329 रनों का स्कोर खड़ा किया। श्रीलंका की तरफ से अजंता मेंडिस ने 117 रन देकर 6 विकेट चटकाए। भारतीय गेंदबाजों ने बल्लेबाजों की मेहनत पर पानी नही फेरा और श्रीलंका की पहली पारी को 292 रनों पर समेट दिया। भारतीय टीम को 37 रनों की छोटी सी बढ़त मिली। दूसरी पारी में कुमार संगकारा, महेला जयवर्द्धने और मलिंदा वर्नापुरा ही 50 का आंकड़ा पार कर सके। हरभजन सिंह ने 102 रन देकर 6 विकेट चटकाए। दूसरी पारी में भारतीय टीम की भी बल्लेबाजी अच्छी नहीं रही। सहवाग और गंभीर को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज ज्यादा देर तक पिच पर खड़ा नहीं रह सका। सहवाग ने 50 और गंभीर ने 74 रन बनाए। जब दोनों बल्लेबाज आउट हुए उस वक्त भारतीय टीम का स्कोर 2 विकेट पर 144 रन था लेकिन दोनों बल्लेबाजों के आउट होने के बाद पूरी भारतीय टीम 269 रनों पर सिमट गई। भारतीय टीम ने अपने आखिरी 8 विकेट 125 रन जोड़कर गंवा दिए। श्रीलंका को जीत के लिए 317 रनों का टार्गेट मिला। बड़े स्कोर का पीछा करते हुए पूरी श्रीलंकाई टीम महज 136 रनों पर सिमट गई। थिलन समरवीरा ने ही श्रीलंका की तरफ से 67 रन बनाकर संघर्ष किया। हरभजन सिंह ने एक बार फिर 51 रन देकर 4 विकेट चटकाए। भारतीय टीम ने 170 रनों से मैच जीत लिया। सहवाग को पहली पारी में शानदार दोहरे शतक और दूसरी पारी में अर्धशतकीय पारी के लिए मैन ऑफ द् मैच चुना गया। 2001, 29 अगस्त से 2 सितंबर तक, कोलंबो में तीसरा टेस्ट मैच muralidharan भारत और श्रीलंका के बीच 2001 की सीरीज का ये तीसरा टेस्ट मैच था। भारतीय टीम को सीरीज में वापसी के लिए ये मैच हर हाल में जीतना जरुरी था। पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को सदगोपन रमेश और शिव सुंदर दास ने अच्छी शुरुआत दिलाई। सदगोपन रमेशन ने 46 और शिव सुंदर दास ने 59 रनों की पारी खेली। हालांकि इसके बाद मुथैया मुरलीधरन ने अपनी बलखाती गेंदों पर भारतीय बल्लेबाजों को खूब नचाया। उन्होंने 87 रन देकर 8 विकेट चटकाए और पूरी भारतीय पारी 234 रनों पर समेट दी। जवाब में श्रीलंका ने अपनी पहली पारी 6 विकेट पर 610 रन बनाकर घोषित की। श्रीलंका की तरफ से 4 बल्लेबाजों ने शतक लगाए। मर्वन अटापट्टू ने 108, महेला जयवर्द्धने ने 139, हसन तिलकरत्ने ने 136 और थिलन समरवीरा ने 103 रन बनाए। श्रीलंका को पहली पारी के आधार पर 376 रनों की बड़ी लीड मिली। रमेश और दास ने एक बार फिर से भारतीय टीम को अच्छी शुरुआत दी। रमेश ने दूसरी पारी में 55 और दास ने 68 रन बनाए। दोनों ने पहले विकेट के लिए 107 रन जोड़े। दूसरी पारी में भारतीय टीम 299 रनों पर ऑल आउट हो गई। श्रीलंका ने मैच को एक पारी और 77 रन से जीता। मुरलीधरन ने मैच में 196 रन देकर 11 विकेट चटकाए। उन्हे मैन ऑफ द् मैच चुना गया। लेखक-प्रसेनजीत अनुवादक- सावन गुप्ता