भारत और श्रीलंका के बीच 2001 की सीरीज का ये तीसरा टेस्ट मैच था। भारतीय टीम को सीरीज में वापसी के लिए ये मैच हर हाल में जीतना जरुरी था। पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को सदगोपन रमेश और शिव सुंदर दास ने अच्छी शुरुआत दिलाई। सदगोपन रमेशन ने 46 और शिव सुंदर दास ने 59 रनों की पारी खेली। हालांकि इसके बाद मुथैया मुरलीधरन ने अपनी बलखाती गेंदों पर भारतीय बल्लेबाजों को खूब नचाया। उन्होंने 87 रन देकर 8 विकेट चटकाए और पूरी भारतीय पारी 234 रनों पर समेट दी। जवाब में श्रीलंका ने अपनी पहली पारी 6 विकेट पर 610 रन बनाकर घोषित की। श्रीलंका की तरफ से 4 बल्लेबाजों ने शतक लगाए। मर्वन अटापट्टू ने 108, महेला जयवर्द्धने ने 139, हसन तिलकरत्ने ने 136 और थिलन समरवीरा ने 103 रन बनाए। श्रीलंका को पहली पारी के आधार पर 376 रनों की बड़ी लीड मिली। रमेश और दास ने एक बार फिर से भारतीय टीम को अच्छी शुरुआत दी। रमेश ने दूसरी पारी में 55 और दास ने 68 रन बनाए। दोनों ने पहले विकेट के लिए 107 रन जोड़े। दूसरी पारी में भारतीय टीम 299 रनों पर ऑल आउट हो गई। श्रीलंका ने मैच को एक पारी और 77 रन से जीता। मुरलीधरन ने मैच में 196 रन देकर 11 विकेट चटकाए। उन्हे मैन ऑफ द् मैच चुना गया। लेखक-प्रसेनजीत अनुवादक- सावन गुप्ता