इस बार यह बात तो साबित हो गयी की हमें आईपीएल में एक नया विजेता मिलना वाला है। कुछ लोग इस बात पर भी चर्चा करते है कि डेक्कन चारजर्स ने 2009 में हैदराबाद के लिए टूर्नामेंट जीता था, लेकिन इससे यह बात नहीं बदल जाती की चारजर्स और सनराइजर्स हैदराबाद दो अलग अलग टीमे है। गौतम गंभीर ने टॉस जीतकर पहले हैदराबाद को बल्लेबाज़ी के लिए बुलाया। कोलकाता का यह फैसला उनपर भारी पड़ा और हैदराबाद की टीम 160 से ऊपर का स्कोर बनाने में कामयाब रहीं। रनो का पीछा करने उतरी कोलकाता की शुरुवात अच्छी थी, लेकिन कोलिन मुनरो के रन आउट होने के बाद बाज़ी ही पलट गयी। केकेआर ने लगातार अंतराल पर विकेट गवाए और अंत मे लक्ष्य से दूर रह गए। इस मैच में काफी यादगार पल थे। नज़र डालते है उन 5 ऐसे पल पे जिन्हें भूलना बहुत मुश्किल। 1 पठान का इकोनोमिकल स्पैल गंभीर नें मैच की शुरुवात की गेंद पार्ट टाइम स्पिनर युसुफ पठन को देकर, जिसे देखकर सब हैरान रह गए। युसुफ ने अपने कप्तान को निराश ना करते हुए इकोनोमिकल गेंदबाजी की, पठान ने तीन ओवेरों मे मात्र 17 रन दिये,वो कोई विकेट तो नहीं ले पाए लेकिन उनके स्पैल के कारण एसआरएच के बल्लेबाज़ों पर दबाव आ गया और बाकी गेंदबाजो ने दूसरे छोर से विकेट अपने नाम किए। 2 युवराज की जिम्मेदारी वाली पारी धीरे ही सहीं पर युवराज सिंह ने फॉर्म मे लौटने के संकेत तो दे ही दिए है। जिस खिलाड़ी ने कैंसर जैसी बीमारी को हराया हो उनके लिए फॉर्म से लड़ना कोई बड़ी बात नहीं है। युवराज सिर्फ मैच विनर ही नहीं बल्कि एक टूर्नामेंट विनर भी है। फिर चाहे वो 2007 वर्ल्ड टी20 में इनकी बल्लेबाज़ी का कमाल हो, या फिर 2011 मे वर्ल्ड कप में इनका ऑल राउंड प्रदर्शन हो। जिसकी बदौलत न सिर्फ उन्होने टीम को जीत दिलाई, बल्कि वो उस टूर्नामेंट मे बेस्ट प्लेयर भी चुने गए। जहां एक तरफ दूसरे बल्लेबाज़ जूझते नज़र आए वहीं युवराज ने 30गेंदो में 44 रन बनाकर अपनी क्लास दिखाई। 3 मनीष पांडे की जुझारू पारी कोलकाता की टीम शुरुआत से ही जूझती नज़र आई, जहां एक तरफ जब भी कोई साझेदारी बनती तभी विकेट गिर जाता, ऊपर से बड़ते रनरेट का दबाव भीं केकेआर पर बहुत था। मनीष पांडे आउट होने से पहले अकेले ही लड़ते नज़र आ। उन्होने 28 गेंदो पर 36 रन बनाए और केकेआर को थोड़ी बहुत उम्मीद दी। 4 मोइसेस अॉनरीकेज का ऑलराउंड खेल इस साल का टूर्नामेंट अॉनरीकेज के लिए काफी अच्छा गुज़रा है। वो पिछले साल अपनी फॉर्म के लिए जूझते नज़र आए थे, लेकिन इस साल उनका प्रदर्शन टीम के काम आया। कल रात हुए मैच मे बल्लेबाज़ इनकी चालाक और सिम्पल गेंदो के आगे अपनी विकेट गवा बैठे। बल्ले के साथ इस औस्ट्रालियन खिलाड़ी ने 21 गेंदो पर 31 रन बनाए, पर इनका प्रदर्शन गेंद के साथ ज्यादा खतरनाक रहा। उन्होने कल तीन ओवेर्स डाले जिसमे मात्र 17 रन देकर दो विकेट लिए। उन्होंने जो दो विकेट उसमे दोनों सेट बल्लेबाज़ युसुफ पठान और सूर्य कुमार यादव शामिल थे, जो अंत मे काफी महत्वपूर्ण साबित हुए। 5 डेथ ओवर स्पेशलिस्ट डेथ ओवर मे गेंद डालने की कला मानो खत्म सी होती जा रही है। आज के टाइम मे कोई भी ऐसी टीम नहीं है जिनको हम बेस्ट डेथ ओवर स्पेशलिस्ट टीम कह सके, सिवाए सनराइजर्स हैदराबाद को छोड़कर। भुवनेश्वर कुमार और मुस्ताफिजूर रेहमान के रूप मे उनके पास दो विश्व स्तरीय गेंदबाज है। जिंहोने बार बार साबित किया है कि अंतिम ओवरों मे रन को कैसे रोका जाए। केकेआर के खिलाफ मैच में भी इन दोनों गेंदबाजो नें यही काम किया, अंतिम चार ओवरो मे इन दोनों ने सिर्फ 24 रन दिऐ।