भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया सबसे ज्यादा रोमांचक टेस्ट मैचों से ये एक है। तकरीबन 30 हजार दर्शकों के सामने खेला गया ये मैच टेस्ट इतिहास का दूसरा टाई मैच है। इस मैच की परिस्थितियां बेहद कठिन थीं। एमए चिदम्बरम स्टेडियम पर काफी उमस और गर्मी थी। 1052 टेस्ट मैचों में दूसरा टाई मैच था, लेकिन दुर्भायवश ऑस्ट्रेलिया का नाम इन दोनों मैचों से जुड़ा था। बॉब सिम्पसन 1960 के टाई मैच में टीम के खिलाड़ी थे 1986 में वह बतौर कोच ऑस्ट्रेलिया से जुड़े थे। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया था, एलन बॉर्डर और डेविड बून ने शतक और डीन जोंस ने दोहरा शतक बनाया था। जोंस को मैच के दौरान ही डिहाइड्रेशन हो गया था। उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। बॉब सिम्प्सन जोंस की इस पारी को “ऑस्ट्रेलिया की तरफ से खेली सबसे महान पारी बताया था।” जवाब में भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन वह ऑस्ट्रेलिया के स्कोर के सामने नाकाफी था। कपिल देव ने शतक बनाया और टीम इंडिया ने 397 रन बनाये थे। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 170 रन पर पारी घोषित कर दी थी। इस तरह भारत के सामने 347 रन का लक्ष्य था। गावस्कर, अमरनाथ और शास्त्री ने भारत के लिए अच्छी पारियां खेली थी। भारत को जीत के लिए मैच के अंतिम ओवर में 4 रन बनाने थे। लेकिन मैच की अंतिम गेंद पर मनिंदर सिंह को एलबीडब्लू करार दिया गया था। जिसकी वजह से दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया था। परिणाम: ऑस्ट्रेलिया 574/7(जोंस-210 और यादव-4/142) और 170/5 (डेविड बून 49, मनिंदर सिंह 3/60)पारी घोषित और भारत 397 (कपिल देव 119, ग्रेग मैथ्यूज 103/5) और 347(गावस्कर 90, रे ब्राइट 5/94)