न्यूजीलैंड के खिलाफ कोलकाला टेस्ट जीतकर भारत एक बार फिर टेस्ट का बादशाह बन गया है और रैंकिंग में पाकिस्तान को पछाड़कर नम्बर वन की कुर्सी पर कब्जा कर लिया है। कीवियों के खिलाफ दूसरे टेस्ट में 178 रन की जीत के बाद भारत ने इस तीन मैचों की सीरीज पर भी 2-0 से कब्जा कर लिया है। टीम इंडिया को मिली इस जीत में तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का योगदान सराहनीय है। दोनों पारियों में कुमार ने अपनी स्विंग का जलवा दिखाया। इसी के साथ भारत ने 500 से ज्यादा टेस्ट खेलने की बड़ी उपलब्धि हासिल की है। लेकिन एक समय ऐसा था जब भारत अपना अस्तित्व स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहा था। इतिहास पर नजर डालें तो भारत ने अपना पहला मैच 25 जून 1932 को इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेला था। अपने घरेलू मैदान पर खेलने वाली टीम को विरोधी से ज्यादा मजबूत कहा जाता है। भारत ने जब से क्रिकेट जगत में कदम रखा है तब से, अब तक अपने घर में कई ऐतिहासिक जीत मिली हैं, जो हमारी यादों में आज भी जिंदा हैं। यहां देखिए उनकी कुछ झलकियां: #5 2010 मोहाली में, भारत ने ऑस्ट्रेलिया को एक विकेट से हराया ईडन गार्डन्स पर लक्ष्मण की 281 रन की खेली गई पारी प्रशंसको को हमेशा याद रहेगी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लक्ष्मण ने कई यादगार पारी खेली हैं। 2010 मोहाली टेस्ट में, उन्होंने 79 गेंदों पर 73 रन की ऐतिहासिक पारी खेली, जिसकी वजह से भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मैच को अपने पक्ष में खत्म किया। मैच के आखिरी दिन, मेजबान भारत की खराब शुरुआत हुई और 76/4 से 124/8 पर पहुंच गई, जिसके बाद इशांत शर्मा ने 31 रन बनाए और वीवीएस लक्ष्मण के साथ 9वें विकेट के लिए 81 रन की साझेदारी की। लक्ष्मण के बल्ले से निकली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये और बहुत खास पारी थी, जिसने दिखा दिया कि कैसे लक्ष्मण ने एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया के जबड़े से जीत छीन ली। 2016-17 में भारत को घरेलू मैदान पर पर कई टेस्ट खेलने हैं, उम्मीद करते हैं, कि इस सीजन में भी टीम इंडिया कई यादगार जीत हासिल करने में कामयाब होगी। #4 2001 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को कोलकाता टेस्ट में एक विकेट से मात दी हर भारतीय प्रशंसक ने वीवीएस लक्ष्मण की कोलकाता में खेली 281 रन की शानदार पारी के बारे में जरुर सुना होगा, जो कि ईडन गार्डन्स पर खेली गई सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत पारियों में से एक है। ऑस्ट्रेलिया के बनाए 445 रन के जवाब में, लक्ष्मण की जादुई बल्लेबाजी से पहले, भारत पहली पारी में 171 पर बोल्ड आउट हो गया। लक्ष्मण तीसरे दिन दूसरी पारी में 109 रन बनाकर नाबाद रहे। राहुल द्रविड़ ने भी चौथे दिन का खेल खत्म होने से पहले 180 रन की पारी खेली और भारत का स्कोर खिसकाकर 335 रन पर पहुंचा दिया। वैरी वैरी स्पेशल लक्ष्मण ने शानदार 281 रन की पारी खेलकर भारत को मजबूत स्थिति में खड़ा कर दिया। सौरव गांगुली ने 383 पर पारी घोषित कर दी, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया के पास 70 ओवर का खेल बचा था मैच ड्रॉ करने के लिए। स्पिनर हरभजन सिंह ने पहली पारी में अपनी फिरकी का ऐसा जादू चलाया कि उन्होंने 123 रन देकर 7 विकेट झटके, जिसमें उनका और भारत के ओर से लिया गया पहला हैट्रिक भी शामिल है। दूसरी पारी में भी विरोधियों पर भज्जी कहर बनकर टूटे और 6 विकेट लेकर टीम इंडिया को जीत का जश्न मनाने का मौका दिया। ये टेस्ट कई मायने में अहम है इसलिए इसे हमेशा याद किया जाएगा। #3 1998 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को चेन्नई टेस्ट में 179 रन से हराया भारत की यादगार जीत की बात हो और उसमें सचिन का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। ये बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला मैच था, जो चेन्नई में खेला गया। पहली पारी में शेन वॉर्न ने सचिन को 4 रन पर ही स्लिप में खड़े मार्क टेलर के हाथों कैच करा पलेविलय भेज दिया था। हालांकि, इस बदले की आग को मास्टर ब्लास्टर सचिन ने दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की क्लास लगाकर, अपने बल्ले के तुफान से बुझाया। जब सचिन दूसरी पारी में क्रीज पर आए, तो एक बार फिर गेंद शेन वॉर्न के हाथों में थी। सचिन ने वॉर्न की गेंदबाजी का मुंहतोड़ जवाब दिया। दूसरी पारी में सचिन के बल्ले ने रनों की ऐसी आग उगली की उन्होंने 191 गेंदों पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 155 रन जड़ दिए और भारत को 179 रनों से जीत दिलाने में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। ये मैच क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की धुएंधार बल्लेबाजी के लिए याद किया जाता है। #2 1980 में भारत ने पाकिस्तान को चेन्नई टेस्ट में 10 विकेट से शिकस्त दी भारत बनाम पाकिस्तान का मतलब सिर्फ मैदानी दुश्मनी नहीं है, बल्कि इसके मायने दोनों देशों के तमाम लोगों पर असर डालते हैं। वर्षों से चली आ रही दुश्मनी आज भी ताजा है। और पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकेट से मिली ऐतिहासिक जीत भारतीय क्रिकेट में घरेलू मैदान पर जीत का सबसे यादगार पल है। वर्ष 1980 की सर्दियों में, कपिल देव की टीम ने आसिफ इकबाल की पाकिस्तानी टीम को 10 विकेट से हराकर 6 मैचों की सीरीज में 2-0 से बढ़त हासिल की। इस जीत का श्रेय महान कपिल देव को जाता है जिन्होंने पहली पारी से ही अपना आक्रामक रुप इख्तियार कर लिया था। कपिल देव ने पहली पारी में 4 विकेट लिए थे और पाकिस्तान को 272 पर बॉल आउट कर दिया था। गेंद से कमाल करने के बाद कपिल ने पहली पारी में ही 98 गेंदों पर ताबड़तोड़ 84 रन बनाए और कप्तान सुनील गावस्कर की 166 रन की पारी को बर्बाद होने से बचाया, क्योंकि मिडिल ऑर्डर ने पाकिस्तानी गेंदबाजों के सामने घुटने टेक दिए थे। भारत को 158 रन की बढ़त मिलने के बाद, कपिल देव का तुफान रुका नहीं और दूसरी पारी में अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाते हुए पड़ोसी देश के 7 बल्लेबाजों को चलता कर दिया और भारत को महज 76 रन का छोटा लक्ष्म मिला। जिसे भारत ने बिना किसी नुकसान के हासिल कर पाकिस्तान को 10 विकेट से मात दी। #1 1958 में कानपुर टेस्ट में भारत ऑस्ट्रेलिया से 119 रन से जीता कुछ खिलाड़ी काफी वर्षों तक क्रिकेट खेलते हैं लेकिन उन्हें किसी एक पारी या एक ऐतिहासिक जीत में दिए योगदान के लिए हमेशा याद किया जाता है। इस शानदार जीत का श्रेय जाशूभाई पटेल को जाता है जिन्होंने 1955 से 1960 तक 7 टेस्ट मैच खेले। ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी कर रहे रिची बेनोड की टीम को, पटेल ने अपने दम पर धवस्त कर दिया था। इस मैच में जाशूभाई पटेल ने शानदार 14 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की एकमात्र जीत की दास्तां लिखी। पहली पारी में गेंदबाजी का करिशमा दिखाते हुए पटेल ने 69 रन देकर 9 विकेट हासिल किए वहीं दूसरी पारी में 55 रन देकर 5 विकेट अपने खाते में जोड़े, ये आंकड़े सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक हैं। ये जीत बेहद खास है, क्योंकि इससे पहले ऑस्ट्रेलिया को हराना असंभव लगता था। पांच टेस्ट मैचों की इस पारी में भारत ने एक मैच जीता और ऑस्ट्रेलिया ने दो टेस्ट जीतकर सीरीज अपने नाम कर ली, जबकि भारत दो टेस्ट ड्रॉ कराने में कामयाब रहा।