हमारी पीढ़ी के सबसे महान क्रिकेटरों में से एक विराट कोहली जब जब बल्लेबाज़ी करने के लिए मैदान पर उतरते हैं, तो हर बार एक रिकॉर्ड तोड़ते हैं। वह क्रिकेट के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक हैं। कोहली के नाम अभी कई रिकॉर्ड हैं: सबसे तेजी से वनडे क्रिकेट में 9000 रन बनाना, लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे ज्यादा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय शतक (18) बनाना, सबसे तेज 30 एकदिवसीय शतक, एक कैलेंडर वर्ष में 10 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने वाले पहले कप्तान, सबसे तेजी से 15000 अंतरराष्ट्रीय रन पर पहुंचने वाले खिलाड़ी और कई रिकॉर्ड्स। अभी तो वह केवल अपने करियर के बीच तक ही पहुंचे हैं और सचिन तेंदुलकर, रिकी पॉन्टिंग और जैक्स कैलिस की तरह ही रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड तोड़ते जा रहे है। जीत और रनों के प्रति उनकी भूख अगर इसी प्रकार जारी रही तो आने वाले सालों में विराट कोहली के नाम के आगे नये नये आयाम जुड़ सकते है। आईये नजर डालते हैं ऐसे ही पांच बेमिसाल रिकॉर्ड पर जिसे अगले पांच सालों में विराट कर सकते हैं अपने नाम:
#5 75 अंतरराष्ट्रीय शतक
कोहली पिछले हफ्ते अपने अपना 50वां अंतरराष्ट्रीय शतक बनाकर सुर्खियों में छाए रहे। कोहली ऐसा करने वाले दुनिया के केवल आठवें खिलाड़ी हैं। वह इस कैलेंडर वर्ष में सर्वोच्च फॉर्म में है और सभी प्रारूपों में अजेय दिखायी दे रहे हैं। वह अब भी सचिन तेंदुलकर के 100 सैकड़ों के लक्ष्य के काफी पीछे हैं, लेकिन अगले पांच सालों में वह रिकी पॉन्टिंग के 75 अंतरराष्ट्रीय शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं, जो उन्हें सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय सैकड़ों की सूची में दूसरे स्थान पर ले जाएगा। भारत एक कैलेंडर वर्ष में औसतन 25 एकदिवसीय, 10 से 12 टेस्ट और 10 से 12 टी-20 खेलता है, जो कोहली को अगले पांच सालों में 24 शतक बनाने के लिए पर्याप्त समय है। इतना ही नहीं वह सबसे तेज 50 एकदिवसीय शतक लगाने वाले खिलाड़ी भी बन सकते हैं। कोहली अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे शानदार खिलाड़ियों में से एक हैं और इसी गति के साथ अगले पांच सालों में आसानी से वह 75 शतक के आंकड़े तक पहुंच सकते हैं। #4 15 हजार एकदिवसीय रन
यदि क्रिकेट में एक रिकॉर्ड है जो तोड़ना बेहद मुश्किल है, तो वह है सचिन तेंदुलकर के विशाल 18426 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय रनों का रिकॉर्ड। विराट कोहली ने अपने करियर में अभी तक 9030 रन बनाये हैं और वह वनडे में 9000 रनों के आंकड़े तक पहुंचने वाले सबसे तेज क्रिकेटर हैं। भारतीय कप्तान वर्तमान में एकदिवसीय मैचों में सबसे अधिक रनों की सूची में 18 वें स्थान पर है, लेकिन वह इस लिस्ट में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। केवल 11 क्रिकेटरों ने एकदिवसीय क्रिकेट में 10000 या उससे ज़्यादा रन बनाए हैं और कोहली जल्द ही इस ऊंचाई को छूने वाले हैं। कोहली अभी सिर्फ 29 साल के हैं, ऐसे में अभी उनके पास अपनी प्रतिभा को दिखाने के लिए काफी समय बचा है। अगले पांच सालों में भारत के द्वारा खेले जाने वाले औसतन मैच की संख्या (पिछले स्लाइड में उल्लेखित) को ध्यान में रखते हुए यह कहना मुश्किल नहीं होगा कि कोहली के पास निश्चित रूप से 15000 के आंकड़े तक पहुंचने के लिए 6000 रन बनाने का मौका आसानी से मिलेगा। अगर वह इसी फॉर्म में अगले दस साल खेले तो सचिन का रिकॉर्ड भी खतरे में पड़ सकता है। # 3 एकदिवसीय और टेस्ट में सबसे सफल कप्तान
महेंद्र सिंह धोनी क्रमशः 27 और 110 जीत के साथ टेस्ट और वन डे मैचों में सबसे सफल भारतीय कप्तान हैं। वह सर्वाधिक एकदिवसीय जीतों से केवल रिकी पॉन्टिंग से पीछे हैं, और उनके बाद दूसरे नंबर पर हैं। विराट कोहली धोनी से टेस्ट में बहुत पीछे नहीं हैं। 33 मैचों में 20 जीतों के साथ वह भारतीय इतिहास के तीसरे सबसे सफल कप्तान है। उन्हें धोनी से आगे निकलने और क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में भारत का सर्वश्रेष्ठ कप्तान बनने के लिए सिर्फ 8 जीतों की ज़रूरत है। कोहली के जीत का प्रतिशत 64.81 (स्टीव वॉ के बाद दुनिया में दूसरा सर्वश्रेष्ठ) है और अगर वह छह से सात साल तक कप्तान बने रहते हैं तो वह टेस्ट मैचों के कप्तान के रूप में सबसे अधिक जीत (53) के लिए ग्रीम स्मिथ का रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं। वनडे में, कोहली 43 मैचों में 33 जीत दर्ज कर चुके हैं। एकदिवसीय इतिहास में कप्तान के रूप में उनका जीत प्रतिशत सर्वश्रेष्ठ है (कप्तान के रूप में न्यूनतम 40 खेल में)। धोनी के नाम 110 जीत है और कोहली को पूर्व कप्तान को पीछे छोड़ने के लिए 78 और जीतों की जरूरत है। #2 एक कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा एक हजार रन एक कैलेंडर वर्ष में 1000 रन बनाना कोई आसान काम नहीं होता है। इसके लिए स्थिरता और कौशल की आवश्यकता होती है। केवल मुट्ठी भर क्रिकेटर ही इस उपलब्धि को प्राप्त कर सके हैं। सचिन तेंदुलकर ने एक कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा 1000+ रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया हुआ है। उन्होंने 1994 और 2007 के बीच अपने करियर में 7 बार ऐसा किया है। वर्तमान भारतीय कप्तान ने अब तक 5 बार (2011, 2012, 2013, 2014 और 2017) यह कारनामा अंजाम दे चुके हैं और केवल तेंदुलकर, सौरव गांगुली और रिकी पॉन्टिंग ही इस मामले में उनसे आगे हैं। पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के बाद कोहली एकमात्र क्रिकेटर हैं जिन्होंने लगातार चार साल तक 1000 से अधिक रन बनाए हैं। भारतीय कप्तान केवल 29 साल के हैं और सचिन के लंबे समय से बने रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए उन्हें 3 और अच्छे साल की आवश्यकता है। उनकी स्थिरता और रनों की भूख को देखते हुए दिल्ली के लड़के से उम्मीद की जा सकती है कि वह 7 से अधिक बार इस आंकड़े को छूऐंगे। जो वाकई बहुत प्रभावशाली है। #1 सबसे अधिक मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम वनडे (62) में और जैक्स कैलिस के नाम टेस्ट मैचों (23) में सर्वाधिक 'मैन ऑफ द मैच' पुरस्कार है। दोनों प्रारूपों को मिलाकर सचिन के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक 'मैन ऑफ द मैच' पुरस्कार होते हैं (76), उसके बाद नंबर आता है सनथ जयसूर्या (58) और कैलिस (57) का। इस बीच कोहली ने अब तक अपने नाम 41 'मैन ऑफ द मैच' अवॉर्ड्स (एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में 25, टेस्ट मैचों में 6 और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 10) हासिल कर लिए हैं। सचिन के रिकार्ड को तोड़ने के लिए उन्हें 36 अवॉर्ड की और जरूरत है। अपने दम पर मैच जिताने की क्षमता और विदेशों में उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए कोहली के पास मौका है सचिन के 76 अंतरराष्ट्रीय मैन ऑफ द मैच पुरस्कारों को अपने नाम करने करते हुए एक और बड़ा कीर्तिमान स्थापित करने का। लेखक- सुजीत मोहन अनुवादक- सौम्या तिवारी