5 साहसिक फैसले जो भारतीय टीम के लिए मददगार साबित हुए

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साल 2011 के आईसीसी वर्ल्ड कप फ़ाइनल में धोनी का 5वें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला

2 अप्रैल 2011 का वो दिन भारतीय क्रिकेट फ़ैंस कभी नहीं भूल सकते क्योंकि इस दिन भारत ने करीब 28 साल बाद वर्ल्ड पर कब्ज़ा जमाया था। भारत को ख़िताबी मुक़ाबला श्रीलंका के ख़िलाफ़ मुंबई में खेलना था। इस मैच से पहले टूर्नामेंट में धोनी का सर्वाधिक निजी स्कोर महज़ 34 रन था। किसी ने ये उम्मीद नहीं की थी कि धोनी इस मैच को अपने दम पर जिता पाएंगे। लेकिन धोनी दुनिया को चौंकाने में माहिर हैं। वो टीम का विकेट गिरता देख 5वें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने मैदान में आ गए। माही को युवराज सिंह का साथ मिला। धोनी ने इस मैच में नाबाद 91 रन बनाए और भारत को दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनाया। धोनी को वो विनिंग छक्का इतिहास में दर्ज हो गया। लेखक- शंकर नारायण अनुवादक- शारिक़ुल होदा

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