इस मैच ने भारतीय क्रिकेट के वर्तमान और भविष्य को आकार दिया। इस जीत से धोनी युग की शुरूआत हुई और भारत क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट्स में नंबर वन बना। इस मैच के बाद दुनिया भर में टी-20 लीग की शुरुआत हुई और आधुनिक क्रिकेट के खेल को बदल कर रख दिया। इस तरह यह मैच और भारत की जीत आधुनिक क्रिकेट में क्रांति की तरह थी। गौतम गंभीर के 75 रनों की शानदार पारी की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को जीत के लिए 158 रन का लक्ष्य दिया। पाकिस्तान इस मैच में जीत की तरफ बढ़ रहा था जब तक इरफान पठान ने मैच जीताऊ जादूई स्पेल नहीं डाला। इसके बाद पाकिस्तान लगभग मैच हार चुकी थी। लेकिन फिर कप्तान मिस्बाह-उल-हक ने अपना हाथ दिखाना शुरू किया। वह लगभग अकेले ही पाकिस्तान को जीत की तरफ ले गए। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी की चतुराई कप्तानी और फील्ड प्लेसमेंट ने मैच को पाकिस्तान से छीन लिया। दिल स्कूप शॉट पर श्रीसंत द्वारा लपके जाने के बाद मिस्बाह का बल्ला लेकर क्रीज पर बैठना क्रिकेट के सबसे भावुक पलों में से एक था।