आईपीएल ट्राफी का ये स्लोगन है, “जहां प्रतिभा को मौका मिलता है।” ये लोकप्रिय टूर्नामेंट कई खिलाड़ियों के करियर को बदलने और प्लेटफार्म देने वाला रहा है। न सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों को यहां नेम और फेम मिला बल्कि विदेशी खिलाड़ी भी यहां काफ़ी लोकप्रिय रहे। इस धनवर्षा वाली लीग ने ऐसे तकरीबन 100 खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया है। जो अपने देश की टीम में अंतिम 11 में जगह ही नहीं बना सके थे। उनके प्रदर्शन को अच्छा इनाम भी मिला है। आज हम आपको ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं, जो आईपीएल के इतिहास में काफी कमाऊ रहे हैं:
#5 ब्रेंडन मैकुलम
न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान उन खिलाड़ियों में आते हैं, जो बिलकुल टी-20 फॉर्मेट के लिए ही बने हैं। उन्होंने ये चीज आईपीएल के पहले ही मैच में 158 रन बनाकर साबित कर दी थी। जहां उन्होंने 73 गेंदों में 10 चौके और 13 छक्के लगाये थे। वास्तव में उनकी इस पारी ने आईपीएल को एक बेहतरीन शुरुआत दिलाई थी। आईपीएल के पहले सीजन में केकेआर ने उन्हें सात लाख डॉलर में खरीदा था। उन्होंने टीम के लिए 3 सीजन खेले थे। साल 2011 में कोचि टस्कर ने उन्हें 475,000 डॉलर में खरीदा था। टीम सिर्फ एक ही सीजन चल पायी थी। केकेआर ने उन्हें 5वें और 6ठे सीज़न के लिए फिर 900,000 डॉलर में खरीदा। चेन्नई सुपरकिंग्स ने उन्हें फिर 3.25 करोड़ रुपये में खरीदा, हाल ही में वह गुजरात लॉयंस में साढ़े सात करोड़ रुपये में शामिल हुए हैं। हालांकि वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं।
#4 रविन्द्र जडेजा
जडेजा तीनों प्रारूप में बतौर आलराउंडर भारतीय टीम के अभिन्न अंग हैं। वह गेंदबाज़ी में काफी सफल रहे हैं साथ ही जरूरत पड़ने पर निचले क्रम में ठीकठाक बल्लेबाज़ी भी कर लेते हैं। वह तब सबकी नजरों में आये थे। जब वह राजस्थान रॉयल्स के लिए खेल रहे थे। शेन वॉर्न ने उन्हें रॉकस्टार और मैच विजेता खिलाड़ी बताया था। जडेजा ने पहले दो सीजन राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेले थे जहां वह अनजान थे। तीसरे सीजन में उन्हें कांट्रेक्ट विवाद को लेकर बैन भी झेलना पड़ा था। लेकिन जब उन्होंने चौथे सीजन में वापसी की तो उन्हें कोच्ची ने 950,000 डॉलर में खरीदा था। उसके बाद चेन्नई ने उन्हें दो मिलियन डॉलर में भारी भरकम पैसे में खरीदा था। वह चेन्नई सुपरकिंग्स के निलंबन तक उन्ही की तरफ से 4 सीजन में खेले थे। हाल के ट्रांसफर में वह गुजरात लायंस की तरफ 9.5 करोड़ रुपये में आये हैं।
#3 रॉबिन उथप्पा
वह भारत के सबसे कम उपयोग में लाये गये क्रिकेटर हैं। उनके हर साल के आईपीएल में प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा लगता है कि उन्हें राष्ट्रीय टीम में और मौके मिलने चाहिए। उन्हें अपने शॉट को टाइम करने और एक दायें हाथ के बल्लेबाज़ की सारी खूबी हासिल है। मुंबई इंडियंस ने उन्हें पहले सीजन में 800000 डॉलर में खरीदा था। वह उनके लिए मात्र एक सीजन में ही खेले थे। उसके बाद वह आरसीबी के लिए दो सीजन में खेले। चौथे सीजन में वह नयी फ्रैंचाइज़ी पुणे वॉरियर्स से जुड़े। जहां उन्हें नीलामी में 2.1 मिलियन डॉलर मिले थे। पुणे वॉरियर्स के बंद होने के बाद उन्हें कोलकाता नाइटराइडर्स ने 5 करोड़ में खरीदा। तब से वह उसी टीम में बने हैं।
#2 दिनेश कार्तिक
आईपीएल के शुरू होने से लेकर आज तक तमिलनाडु का ये बल्लेबाज़ 6 टीमों की तरफ से खेल चुका है। वह टीम इंडिया से अंदर बाहर होते रहे हैं, लेकिन धोनी की मौजूदगी में कभी भी वह टीम के नियमित सदस्य नहीं बन पाए हैं। शुरू में उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स ने 525000 डॉलर में खरीदा था। जहां उन्होंने 3 सीजन बिताये। उसके बाद वह पंजाब की टीम में 900000 डॉलर की बोली हासिल करके शामिल हुए। उसके बाद अगले वह अगले दो सीजन में मुंबई का हिस्सा बने। माना जाता है कि वह 10 करोड़ रुपये में खरीदे गये थे। अगले सीजन में उन्हें दिल्ली ने 2.08 मिलियन डॉलर में एक बार फिर खरीद लिया। उसके बाद वह आरसीबी में 10.5 करोड़ रुपये हासिल करके शामिल हुए। उनका प्रदर्शन खराब रहने की वजह से गुजरात ने उन्हें 2.3 करोड़ रुपये में इस बार खरीदा है।
#1 युवराज सिंह
पूरी दुनिया में युवराज सिंह को उनके फैंस बहुत ही प्यार करते हैं। वह भारतीय क्रिकेट की लंबे समय तक सेवा करने वाले खिलाड़ियों में से एक हैं। जिसका असर हर नीलामी में दिखा है। पहले सीजन में वह पांच आइकॉन खिलाड़ियों में से एक थे। जहां उन्हें काफी मोटी रकम मिली था। वह पंजाब के लिए 3 सीजन तक खेले थे। चौथे सीजन में उन्हें पुणे वॉरियर्स ने 1.8 मिलियन डॉलर में खरीदा था। चौथे सीजन में कैंसर की वजह से युवराज नहीं खेल पाये थे। लेकिन उन्होंने 6ठे सीजन में वापसी की थी। 7वें सीजन में उन्हें आरसीबी ने 2.33 मिलियन डॉलर में खरीदा था। उसके बाद दिल्ली ने उन्हें 2.67 मिलियन डॉलर की मोटी रकम अदा करके खरीदा था। इस बार वह सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ 7 करोड़ की बोली पाकर शामिल हुए हैं। लेखक-शुभम, अनुवादक-मनोज तिवारी