वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी20 में भारत जीत की स्थिति में पहुंचकर भी मुकाबला एक रन से गँवा बैठा था। आखिरी गेंद पर जीत के लिए दो रनों की जरूरत थी लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को ड्वेन ब्रावो ने आउट कर दिया। मैच में हार के कारण भारतीय फैन्स को निराश होना पड़ा।
1986 में जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर पाकिस्तान को जीत दिलाई थी। शारजाह में मिली उस हार को भारतीय फैन्स आज तक नहीं भुला पाए हैं। क्रिकेट में हार के बाद दिल टूटता है और जब हार पाकिस्तान से मिले तो ये और भी दुखद हो जाता है। हालाँकि विश्व कप में अभी तक पाकिस्तान भारत को हरा नहीं पाई है लेकिन इसके अलावा पाकिस्तान ने भारत को कई ऐसे हार दिए हैं जो फैन्स को अभी भी निराश कर देते हैं।
बड़े टूर्नामेंट की अगर बात की जाए तो भारत ने 1983 विश्व कप में सभी को चौंकाते हुए ख़िताब पर कब्ज़ा किया था। 2007 वर्ल्ड टी20 में भी युवा भारतीय टीम को किसी ने जीत का दावेदार नहीं माना था और 2011 विश्व कप में भारत ने अपने ही घर में विश्व कप जीतकर इतिहास रचा था। लेकिन कई बड़े टूर्नामेंट में भारत को अहम मौकों पर हार का भी सामना करना पड़ा है।
यहाँ हम भारतीय टीम को सीमित ओवर के बड़े टूर्नामेंट्स में मिली कुछ ऐसी हार का जिक्र कर रहे हैं जिससे फैन्स को जोरदार झटका लगा:
#5 2007 विश्व कप - बांग्लादेश के खिलाफ
हालिया सालों में बड़े टूर्नामेंट में जो हार भारतीय टीम को मिली है, ये उसमें सबसे करारी हार है। कहीं ज्यादा कमज़ोर बांग्लादेश ने 2007 विश्व कप में भारत को ग्रुप स्टेज में हरा दिया था और इसके बाद भारतीय टीम अगले राउंड में भी जगह नहीं बना पाई थी। राहुल द्रविड़ की कप्तानी वाली इस टीम में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीरेंदर सहवाग जैसे दिग्गज मौजूद थे लेकिन उसदिन बांग्लादेश ने चमत्कार कर ही दिया।
बांग्लादेश ने भारत को सिर्फ 191 रनों पर ऑल आउट कर दिया और उसके बाद मुशफिकुर रहीम की बढ़िया पारी की बदौलत लक्ष्य को हासिल कर लिया था। इस मैच में भारत की बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग, तीनों ही खराब रही। सिर्फ सौरव गांगुली ही अर्धशतक लगा पाए थे।
बरमूडा को अगले मैच में हराने के बाद भारतीय टीम श्रीलंका से हारकर विश्व कप से बाहर हो गई थी।
# 1996 विश्व कप - सेमीफाइनल में श्रीलंका के खिलाफ
श्रीलंका ने ईडन गार्डन्स में हुए इस मैच में पहले खेलते हुए 251 रनों का स्कोर खड़ा किया था। भारतीय टीम को लक्ष्य के दौरान सचिन तेंदुलकर से काफी उम्मीदें थी और उन्होंने बढ़िया शुरुआत भी की।
लेकिन जब तेंदुलकर 88 गेंदों में 65 रन बनाकर आउट हुए, उसके बाद भारतीय पारी ढह गई और टीम का स्कोर 120/8 हो गया। इससे नाराज़ होकर कोलकाता के दर्शकों ने मैदान पर पत्थर और बोतल फेंकना शुरू कर दिया।
मैच रेफरी क्लाइव लॉयड ने मैदान की परिस्थिति को देखते हुए मैच में श्रीलंका को विजेता घोषित किया और इस तरह से भारत के विश्व कप अभियान का अंत हुआ। ये हार भारतीय टीम के फैन्स को अभी भी कचोटती है। श्रीलंका ने बाद में फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार विश्व कप जीता था।
# 2015 विश्व कप - सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ
2015 में गत विजेता भारत का सामना सेमीफाइनल में जबरदस्त फॉर्म में चल रही ऑस्ट्रेलिया से था। ऊपर से ऑस्ट्रेलिया को अपने घर में खेलने का फायदा था। भारतीय टीम भी वैसे शानदार फॉर्म में थी और सेमीफाइनल तक टूर्नामेंट में अजेय थी।
लेकिन उस दिन भारतीय टीम की गेंदबाजी फ्लॉप रही और ऑस्ट्रेलिया ने एक विशाल स्कोर खड़ा किया। हालाँकि भारत की शुरुआत काफी तेज़ हुई थी लेकिन बड़े लक्ष्य का दबाव बल्लेबाज झेल नहीं पाए और 95 रनों से टीम को हार का सामना करना पड़ा।
इस मैच में हार से भारतीय टीम के फैन्स काफी निराश थे और मैच के बाद मीडिया से बात करते हुए कप्तान धोनी की आँखें भी नाम थी। विश्व कप को अपने सामने जाते देखना किसी भी कप्तान के लिए दुखद लम्हा होता है।
# वर्ल्ड टी20 2016 - सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ
इस साल हुए वर्ल्ड टी20 के पहले मैच में न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद भारतीय टीम लगातार तीन मैच जीतकर सेमीफाइनल में पहुंची थी। सेमीफाइनल में भारत का सामना वेस्टइंडीज की मजबूत टीम से था।
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने विराट कोहली के शानदार पारी की बदौलत बढ़िया स्कोर खड़ा किया। गेंदबाजी में वेस्टइंडीज को शुरुआती झटके देकर भारतीय टीम जीत की ओर बढ़ रही थी। लेकिन इसके बाद लेंडल सिमंस ने बेहतरीन पारी खेलकर भारत के हाथ से जीत छीन लिया।
इस जीत के बाद वेस्टइंडीज ने फाइनल में इंग्लैंड को हराकर दूसरी बार वर्ल्ड टी20 का ख़िताब जीता, वहीँ भारतीय खिलाड़ियों और फैन्स के लिए वर्ल्ड टी20 का निराशाजनक अंत हुआ।
# वर्ल्ड टी20 2014 - फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ
बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में हारना, आखिरी गेंद पर मैच हारने के ही बराबर है। 2014 वर्ल्ड टी20 में भारत खिताब जीतने के प्रबल दावेदारों में था और टीम बिना कोई मैच हारे फाइनल तक पहुंची थी। फाइनल में मुकाबला श्रीलंका से था।
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने सिर्फ 130 रन बनाये और मैच यहीं उनके हाथ से निकल चुका था। कुमार संगकारा के मैच जिताऊ प्रदर्शन की बदौलत श्रीलंका ने वर्ल्ड टी20 पर कब्ज़ा किया और फाइनल में विराट कोहली द्वारा खेली गई एक और बेहतरीन पारी बेकार गई।
हालाँकि इस मैच के बाद लोगों ने हार के लिए युवराज को जिम्मेदार ठहराया क्योंकि उन्होंने फाइनल में काफी धीमी पारी खेली थी। इस हार ने पूरे देश को दुखी कर दिया था और कोहली को मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट का ख़िताब मिलने के बाद भी न उनको ख़ुशी मिल पाई न ही क्रिकेट प्रेमियों को।