वानखेड़े की पिच सबसे कम रन वाले मैच की गवाह भी बनी है। एक ऐसा ही लो स्कोरिंग मैच हुआ साल 2004 में वो भी भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीमों के बीच।भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया । मैच की शुरूआत ही टीम इंडिया के लिए मुश्किल भरी रही। शुरुआती 6 विकेट 46 रनों पर ही गंवा दिए। इस दौरान राहुल द्रविड़ ही एकमात्र भारतीय बल्लेबाज थे जो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का थम कर सामना कर सके और अंत तक नाबाद रहे।पूरी भारतीय टीम पहली पारी में 41.3 ओवरों में 104 रनों पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया सीरीज में बढ़त पहले से ही बना चुकी थी इसीलिए टीम इंड़िया पर प्रेशर काफी था। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया टीम भी भारतीय गेंदबाजों के सामने कुछ खास नहीं कर सकी और 203 रनों पर ऑलआउट हो गई और इस तरह पहली पारी के आधार पर उन्हें 99 रनों की बढ़त मिल गई। भारत की ओर से अनिल कुंबले ने 5 और मुरली कार्तिक ने 4 विकेट लिए। जवाब में तीसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत फिर से खराब रही और 14 रनों पर 2 विकेट गंवा दिए। ऐसे में बल्लेबाजी करने आए सचिन तेंदुलकर ने तीसरे विकेट के लिए वीवीएस लक्ष्मण के साथ 81 रन जोड़े और 55 रन बनाकर आउट हो गए। वीवीएस लक्ष्मण ने 69 रन बनाए और टीम इंडिया की ओर से सर्वोच्च स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज रहे। अंततः पूरी टीम 205 रनों पर ऑलआउट हो गई । इस तरह चौथी पारी में ऑस्ट्रेलिया को107 रनों का लक्ष्य मिला। चौथी पारी में बल्लेबाजी करने जब ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाजी करने उतरी तो सबको लग रहा था कि टीम इंडिया यह मैच आसानी से हार जाएगी, लेकिन हुआ कुछ उलट। पहले ओवर की दूसरी ही गेंद पर जहीर खान ने जस्टिन लैंगर को आउट करके भारत को पहली सफलता दिलवाई। इसके बाद 24 रनों पर ऑस्ट्रेलिया के 3 विकेट गिर गए। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया संभलती 33 रनों के स्कोर पर चौथा विकेट भी गिर गया। इसके बाद बल्लेबाज लगातार भारतीय गेंदबाजों के आगे पनाह मांगते नजर आए और पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम 30.5 ओवरों में 93 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने मैच 13 रनों से जीत लिया। मैच में 9 विकेट लेने वाले मुरली कार्तिक को मैन ऑफ द मैच दिया गया। टीम इंडिया ने इस तरह सीरीज में अपनी पहली जीत दर्ज कर ली। यह मैच आज भी याद किया जाता है।